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खराब फॉर्म की वजह से मनोचिकित्सक के पास गया था टीम इंडिया का ये स्टार बल्लेबाज

टीम इंडिया के युवा बल्लेबाज श्रेयस अय्यर के पिता संतोष अय्यर ने बताया कि जब उनके बेटे के प्रदर्शन में गिरावट आई, तो वो परेशान हो गये थे।

New Delhi, Apr 07 : बीते कुछ महीनों से कई स्टार क्रिकेटरों के डिप्रेशन में होने की खबरों ने सुर्खियां बटोरी है, कंगारु बल्लेबाज ग्लेन मैक्सवेल, पुकोवोस्की जैसे सितारे डिप्रेशन के शिकार हुए है, हालांकि भारतीय क्रिकेटरों में ऐसी समस्या नहीं देखी गई, अब टीम इंडिया के युवा बल्लेबाज श्रेयस अय्यर के पिता ने खुलासा किया है कि वो अपने बेटे को सिर्फ 16 साल की उम्र में मनोचिकित्सक के पास लेकर गये थे, क्योंकि उनकी फॉर्म खराब हो गई थी। जिससे वो काफी परेशान हो गये थे।

पिता मनोचिकित्सक के पास ले गये थे
टीम इंडिया के युवा बल्लेबाज श्रेयस अय्यर के पिता संतोष अय्यर ने बताया कि जब उनके बेटे के प्रदर्शन में गिरावट आई, तो वो परेशान हो गये थे, जिसके बाद वो बेटे को लेकर मनोचिकित्सक के पास पहुंचे, जिससे उनके खेल में सुधार हुआ, संतोष ने क्रिकबज के कार्यक्रम स्पाइसी पिच में बताया कि अय्यर तब 16 साल के थे, उनके बल्ले से रन नहीं निकल रहे थे, तब उन्हें डांट से ज्यादा मनोचिकित्सक की सलाह की जरुरत थी, आमतौर पर भारतीय परिवेश में जिन अभिभावकों को अपने बच्चों से ज्यादा उम्मीदें होती है, वो उनके लिये अच्छा करने की चाहत में नुकसान कर बैठते हैं।

16 की उम्र में भटका अय्यर का ध्यान
सीमित ओवरों में टीम इंडिया में अपनी जगह पक्की कर चुके श्रेयस के पिता ने बताया कि जब वो चार साल के थे, तभी घर पर प्लास्टिक की गेंद से खेलते थे, उस समय भी वो गेंद को बल्ले के बीचों-बीच मारते थे, इससे ही उन्हें उनकी प्रतिभा के बारे में पता चला, हम उसकी प्रतिभा को निखारने के लिये जो भी संभव था, कोशिश कर रहे थे, मुंबई अंडर 16 खेलते हुए उनके प्रदर्शन में गिरावट आई, तो कोच ने बताया कि उनका ध्यान भटक रहा है।

प्रतिभा की कमी नहीं
संतोष अय्यर ने कहा कि जब कोच ने मुझसे कहा कि आपके बेटे में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, लेकिन उसका ध्यान भटक रहा है, इसमें मैं थोड़ा चिंतित हुआ, मुझे लगा कि वो किसी के प्यार में पड़ गया है, या गलत संगत में आ गया है, ये नौ साल पहले की बात है, तब मनोचिकित्सा को ज्यादा महत्व नहीं दिय़ा जाता था, आमतौर पर ऐसे समय में अभिभावक अपने बच्चों को डांटते थे, लेकिन मैंने उन्हें डांटने के बजाय मनोचिकित्सक के पास ले जाने का फैसला लिया।

पीछे मुड़कर नहीं देखा
अय्यर के पिता ने कहा कि मनोचिकित्सक ने मुझसे कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है, ज्यादातर क्रिकेटर खराब दौर से गुजरते हैं, कुछ दिनों बेटे ने लय़ हासिल कर ली, फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा, आपको बता दें कि श्रेयस अय्यर ने 18 वनडे मैचों में 748 रन बनाये हैं, उनका औसत करीब 50 का है, साथ ही 22 टी-20 इंटरनेशनल मैचों में 27 से ज्यादा के औसत से 417 रन बनाये हैं।

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