New Delhi, Jun 09 : एक फेसबुकिया सेक्युलर विद्वान ने केरल में गर्भवती हथिनी की हत्या पर सवाल खड़े किए हैं कि क्या अनानास के भीतर पटाखे रखे जा सकते हैं ? क्या वे पेट मे जाकर फट सकते हैं ? उन्हें इस बात की चिंता नही कि वहशीपन ने एक जानवर की जान ले ली । पटाखे कैसे फ़टे , यह कोई अंतरिक्ष विज्ञान लग रहा है । ऐसे ही सुतियो के लिए यह प्रकरण जोड़ रहा हूँ ।
कुछ वर्ष पहले डिस्कवरी चैनल पर एक कार्यक्रम दिखाया गया था जो कि आहार खानपान आदि पर आधारित था ………
उस कार्यक्रम में दिखाया गया कि केरल की एक महिला के घर कोई विशेष अतिकेथि आने वाले थे,
तो महिला ने विशेष अतिथि के लिए विशेष भोजन बनाने का विचार किया और चल पड़ी स्थानीय बाजार कुछ विशेष खरीदारी करने ………..
वो गई एक माँस के बाजार में और
दुकानदार से पूछा -: कुटिपाई है ?
दुकानदार-: नही है ।
अब अपनी भी थोड़ी उत्सुकता जगी
कि ये कुटिपाई क्या होता भई ?
उस महिला ने 10-12 दुकानों पर पूछा तब एक दुकानदार ने हामी भरी कि हाँ मेरे पास कुटिपाई है ……
और उसने महिला को कुटिपाई उपलब्ध कराया
और चैनल वालों ने कुटिपाई का वर्णन किया,
तब मैँ एकदम से सन्न रह गया !!!
क्या होता है कुटिपाई ???????????
एक गर्भवती बकरी जिसके प्रसव का समय बिल्कुल समीप हो मतलब एक या दो दिन में ही प्रसव होने वाला हो मतलब गर्भस्थ शिशु पूर्ण हो चुका होता है तब उस बकरी की हत्या करके उस गर्भस्थ शिशु को निकाला जाता है और वो होता है “कुटिपाई” !!!
फिर वो महिला बताने लगी कि
कुटिपाई बहुत स्वादिष्ट होता है नरम होता है,
जल्दी पकता है,
चबाने में आसानी होती है,
पचाने में आसानी होती है,
ईट्स सो डिलिशियस !!!
अब आप बताए कि
इंसान और हैवान में क्या फर्क रह गया ? फर्क है ।
कुछ समय पहले शायद डिस्कवरी का ही एक वीडियो सामने आया था कि एक शेरनी ने एक मादा बन्दर का शिकार किया और जब उसका पेट फाड़ा तो उसमें से एक सम्पूर्ण शिशु बाहर आया तो शेरनी की ममता जाग उठी और शिशु को दुलारने लगी …..
और शायद उस शिशु का उसने पालन पोषण भी किया ।
अभी हाल में ही एक वीडियो आया जिसमे एक मगरमच्छ एक मादा हिरन को पकड़ लेता है कुछ देर दबोचने के पश्चात मगरमच्छ को अहसास होता है कि मादा हिरन गर्भवती है तो वो अपने जबड़े खोल उस मादा हिरन को आजाद कर देता है ………….
फर्क यही है ।
मनुष्य मनुष्यता भूल रहा सिर्फ जीभ के स्वाद के लिए उसे गर्भस्थ शिशु चाहिए जबकि जानवरो में आदमियत आ रही है ……..
मनोरंजन के लिए एक हथिनी की क्रूर हत्या …..
चीन का बेबी सूप …..इसपर फिर कभी।
मतलब एक तरह से जानवर और मनुष्य एकदूसरे से अपना व्यवहार की अदला बदली कर रहे । और ज्ञानी पुरुष को यह चिंता सताए हुए है कि हाथी के पेट मे पटाखे कैसे फ़टे ।
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