New Delhi, Jun 24 : भारत-चीन के बीच सीमा पर हिंसक झड़प के बाद अमेरिका द्वारा भारत का पक्ष लेने के बाद सभी की नजरें रुस पर टिकी हुई थी, कि वो किसका साथ देने वाला है, हालांकि रुस ने स्पष्ट कर दिया है, भारत और चीन के बीच जारी विवाद एक द्विपक्षीय मसला है, इसमें किसी तीसरे के हस्तक्षेप की जरुरत नहीं है, रुस के विदेश मंत्री ने मंगलवार को रुस-भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की वर्चुअल मीटिंग आयोजित की, जिसमें भारत की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीन के विदेश मंत्री वांग यी भी मौजूद थे।
आपस में बात सुलझाने में सक्षम
रुसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने इस बैठक में स्पष्ट कर दिया, कि भारत-चीन विवाद के निपटारे में किसी तीसरे पक्ष की जरुरत नहीं है, उसे पूरा भरोसा है,
अपने दम पर हल सकते हैं
उन्होने आगे बोलते हुए कहा कि दोनों देश अपने दम पर मामले को हल कर सकते हैं, मेरा मतलब हालिया घटनाक्रमों से है,
मध्यस्थता से इंकार
रुसी मंत्री ने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि भारत-चीन को किसी तरह की मदद या सहायता की जरुरत है, खासतौर पर जो सीमा विवाद के समाधान से संबंधित है,
तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं
भारत-चीन सीमा विवाद के शांतिपूर्ण समाधान में तीसरे पक्ष की भूमिका को रुस खारिज कर चुका है, रुस के दोनों ही देशों से करीबी रिश्ते हैं,
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