Categories: वायरल

कोरोना वैक्सीन पर जमात-ए-इस्लामी का यू-टर्न, आपात स्थिति में लगवा सकते हैं टीका!

भारत तथा इस्लामिक संगठन के कई देशों में स्थित मुस्लिम संस्थाओं ने वैक्सीन को हराम करार दे दिया था, जिसमें यूएई तथा इंडोनेशिया के संगठन भी शामिल थे।

New Delhi, Jan 03 : दुनियाभर में कोरोना के बढते केसों के बीच लोगों में वैक्सीन को लेकर संशय बढता जा रहा है, हाल ही में भारत समेत इस्लामिक देशों के संगठनों तथा कथित विद्वानों ने दावा किया था कि कोरोना की वैक्सीन में कुछ ऐसे पदार्थ भी मिले हैं, जो इस्लाम में हराम हैं, ऐसे में वैक्सीन लगवाने की इजाजत नहीं दी जा सकती, हालांकि अब भारत के मुस्लिम संगठन जमात-ए-इस्लामी (हिंद) ने यू-टर्न लेते हुए कहा है कि आपात मौकों पर अगर सही पदार्थों वाली वैक्सीन मुहैया नहीं है, तो इंसान की जान बचाने के लिये हराम पदार्थों वाली वैक्सीन लगवाई जा सकती है।

वैध होगा
जमात-ए-इस्लामी शरिया परिषद के सचिव डॉ. रजी उल इस्लाम ने कहा कि अगर कुछ अस्वीकार्य पदार्थ गुण तथा लक्षणों के लिहाज से बिल्कुल अलग ही रुप में मौजूद है, तो उसे पवित्र माना जा सकता है, और वो वैध होगा, इसी के आधार पर हराम जानवर के अंगों से मिले जिलेटिन के इस्तेमाल को इस्लामी न्यायकर्ताओं ने मंजूरी दी है। नदवी ने कहा कि जो इस्लामी न्यायकर्ता इस बदलाव वाले नियम से वास्ता नहीं रखते, उन्होने भी कहा है कि जह तक हलाल वैक्सीन उपलब्ध नहीं होती, तब तक आपात स्थितियों के लिये अस्वीकार्य पदार्थों वाली वैक्सीन ली जा सकती है।

आगे की गाइडलाइंस
हालांकि उन्होने ये भी कहा कि फिलहाल कोरोना संक्रमण वैक्सीन से मिले पदार्थों के बारे में जो जानकारी सार्वजनिक की गई है, उसकी पुष्टि नहीं का जा सकती, नदवी ने कहा कि वैक्सीन की सामाग्री जानने के बाद ही इस बारे में आगे की गाइडलाइंस जारी की जाएगी।

वैक्सीन को हराम
आपको बता दें कि भारत तथा इस्लामिक संगठन के कई देशों में स्थित मुस्लिम संस्थाओं ने वैक्सीन को हराम करार दे दिया था, जिसमें यूएई तथा इंडोनेशिया के संगठन भी शामिल थे, भारत में ऑल इंडिया सुन्नी जमीयत उल उलेमा काउंसिल तथा मुंबई के रजा एकेडमी ने वैक्सीन को हराम कहा था, साथ ही अपील की थी कि मुस्लिम सुअरों की चर्बी के इस्तेमाल से बनी वैक्सीन का इस्तेमाल ना करें। दूसरी ओर ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी एस्ट्रा जेनेका फाइजर तथा मॉडर्ना के प्रवक्ता कह चुके हैं कि उनकी वैक्सीन में पोर्क से जुड़ा कोई उत्पाद नहीं है, हालांकि वैक्सीन को स्टोरेज तथा ट्रांसपोर्ट के दौरान सुरक्षित तथा प्रभावी रखने के लिये पोर्क से निकली जिलेटिन का इस्तेमाल किया जाता है।

Leave a Comment
Share
Published by
ISN-1

Recent Posts

इलेक्ट्रिशियन के बेटे को टीम इंडिया से बुलावा, प्रेरणादायक है इस युवा की कहानी

आईपीएल 2023 में तिलक वर्मा ने 11 मैचों में 343 रन ठोके थे, पिछले सीजन…

10 months ago

SDM ज्योति मौर्या की शादी का कार्ड हुआ वायरल, पिता ने अब तोड़ी चुप्पी

ज्योति मौर्या के पिता पारसनाथ ने कहा कि जिस शादी की बुनियाद ही झूठ पर…

10 months ago

83 के हो गये, कब रिटायर होंगे, शरद पवार को लेकर खुलकर बोले अजित, हमें आशीर्वाद दीजिए

अजित पवार ने एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार पर निशाना साधते हुए कहा आप 83 साल…

10 months ago

सावन में धतूरे का ये महाउपाय चमकाएगा किस्मत, भोलेनाथ भर देंगे झोली

धतूरा शिव जी को बेहद प्रिय है, सावन के महीने में भगवान शिव को धतूरा…

10 months ago

वेस्टइंडीज दौरे पर इन खिलाड़ियों के लिये ‘दुश्मन’ साबित होंगे रोहित शर्मा, एक भी मौका लग रहा मुश्किल

भारत तथा वेस्टइंडीज के बीच पहला टेस्ट मैच 12 जुलाई से डोमनिका में खेला जाएगा,…

10 months ago

3 राशियों पर रहेगी बजरंगबली की कृपा, जानिये 4 जुलाई का राशिफल

मेष- आज दिनभर का समय स्नेहीजनों और मित्रों के साथ आनंद-प्रमोद में बीतेगा ऐसा गणेशजी…

10 months ago