New Delhi, Sep 14: फेविकोल ब्रांड अपने बेहतरीन प्रोडक्ट के लिए तो जाना ही जाता है, साथ ही अपने विज्ञापनों के लिए भी चर्चा में रहता है । फेविकोल के विज्ञापन सबसे ज्यादा पसंद किए जाने विज्ञापन रहे हैं, बिना प्रोडक्ट का नाम लिए रोचक तरीके से इन्हें बनाया जाता रहा है । इस कंपनी के मालिक बलवंत पारेख का सफलता का सफर भी बड़ा रोचक रहा है । कभी चपरासी का काम करने वाले पारेख का परिवार आज अरबों में खेलता है, लेकिन उनके लिए ये सफर आसान नहीं था ।
भारत छोड़ो आंदोलन का रहे हिस्सा
बलवंत पारेख गुजरात में जन्मे हैं, उनका परिवार उन्हें वकील बनाना चाहता था ।
जर्मनी जाने का मिला मौका, वहीं मिला आइडिया
लकड़ी के व्यापार में काम करते हुए उन्होंने लकड़ी के काम को काफी गौर से देखा ।
1959 में पिडिलाइट की हुई शुरुआत
इसके बाद बलवंत पारेख ने अपने भाई के साथ मिलकर साल 1959 में पिडिलाइट
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