New Delhi, Oct 29: एनसीपी नेता और उद्धव ठाकरे सरकार में कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक लगातार समीर वानखेड़े पर हमलावर हैं । मलिक ने समीर की जाति को लेकर घमासान मचाया हुआ है । पहले बर्थ सर्टिफिकेट और फिर वानखेड़े की पहली शादी का निकाहनामा भी जारी कर दिया गया है । सोशल मीडिया पर लोग समीर के साथ खड़े दिख रहे हैं, उनके सपोर्ट में उतरे यूजर्स लिख रहे हैं कि समीर को फंसाया जा रहा है । लेकिन धर्म जाति और दो शादियों के इस चक्रव्यूह से क्या समीर बच पाएंगे?
मंत्री नवाब मलिक के वार
एनसीपी नेता ने समीर वानखेड़े पर आरोप लगाते हुए सबसे पहले उनका
समीर वानखेड़े का परिवार
मीडिया में जो जानकारी के है उसके अनुसार समीर वानखेड़े के पिता ज्ञानदेव केचुरुजी वानखेड़े का जन्म महाराष्ट्र के एक दलित परिवार में हुआ, लेकिन उन्होंने मुस्लिम महिला जाहेदा से शादी की ।
पहली शादी की पुष्टि करता है परिवार
समीर वानखेड़े के पिता और पत्नी दोनों ने इस बात को स्वीकारा है कि एनसीबी अधिकारी ने 2006 में डॉक्टर शबाना कुरैशी से शादी की थी । बाद में दोनों के बीच 2016 में तलाक हो गया । साल, 2017 में उन्होंने मराठी
जाति प्रमाणपत्र का फेर
दरअसल देश के संविधान के अनुसार अगर कोई हिंदू दलित जाति का व्यक्ति ईसाई और मुस्लिम धर्म अपनाता है, तो उसकी जाति समाप्त हो जाती है । यानी वो एससी आरक्षण से भी वंचित हो जाता है । ऐसे में
काजी ने भी की पुष्टि
चूंकि ये मामला बढ़ता ही जा रहा है इसलिए मीडिया की ओर से समीर वानखेड़े और शबाना कुरैशी का निकाह पढ़ाने वाले काजी से भी बातचीत की गई, काजी मुजम्मिल अहमद के मुताबिक ये निकाहनामा सही है । काजी ने ये भी कहा कि शादी के वक्त समीर, शबाना, पिता सब मुसलमान थे, अगर समीर हिंदू होते तो निकाह संभव ही नहीं था क्योंकि इस्लामिक शरियत के हिसाब से ऐसा नहीं हो सकता । हालांकि, समीर वानखेड़े के बचाव में उनके पिता ने कहा है कि ये निकाहनामा सच है, लेकिन हम हिंदू हैं । मैं, मेरा बेटा और बेटी एक छोटा परिवार है और हम सब हिंदू हैं ।
समीर की दूसरी पत्नी क्रांति रेडकर ने भी पति के बचाव में ट्वीट कर कहा- ‘मैं और मेरे पति समीर, दोनों जन्म से हिंदू हैं । हमने कभी भी धर्म परिवर्तन नहीं किया । हम सभी धर्मों की इज्जत करते हैं । समीर के पिता भी हिंदू हैं और उन्होंने मेरी मुस्लिम सास से शादी की थी, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं । समीर की पिछली शादी स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत हुई थी और साल 2016 में तलाक हो गया । हमारी शादी साल 2017 में हिंदू मैरिज एक्ट के तहत रजिस्टर्ड है । हालांकि, पहली शादी का निकाहनामा ये साबित कर रहा है ये शादी इस्लामिक शरियत के लिहाज से हुई है । बहरहाल देखना होगा कि एनसीबी अधिकारी अब इस धर्म और जाति के चक्रव्यूह से कैसे बाहर निकलते हैं।
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