धर्म, जाति और दो शादी के चक्रव्‍यूह में फंस सकते हैं समीर वानखेड़े, विस्‍तार से जानें मामला

एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े को लेकर एनसीपी नेता नवाब मलिक हमलावर हैं । जाति, शादी से लेकर उनके काम पर लगातार वो सवाल उठा रहे हैं । पढ़ें, पूरा मामला

New Delhi, Oct 29: एनसीपी नेता और उद्धव ठाकरे सरकार में कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक लगातार समीर वानखेड़े पर हमलावर हैं । मलिक ने समीर की जाति को लेकर घमासान मचाया हुआ है । पहले बर्थ सर्टिफिकेट और फिर वानखेड़े की पहली शादी का निकाहनामा भी जारी कर दिया गया है । सोशल मीडिया पर लोग समीर के साथ खड़े दिख रहे हैं, उनके सपोर्ट में उतरे यूजर्स लिख रहे हैं कि समीर को फंसाया जा रहा है । लेकिन धर्म जाति और दो शादियों के इस चक्रव्‍यूह से क्‍या समीर बच पाएंगे?

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मंत्री नवाब मलिक के वार
एनसीपी नेता ने समीर वानखेड़े पर आरोप लगाते हुए सबसे पहले उनका जन्म प्रमाणपत्र ट्वीट किया । इस सर्टिफकेट में उनका नाम समीर दाऊद वानखेड़े  लिखा हुआ है । इसके बाद नवाब मलिक ने वानखेड़े की पहली शादी जो कि शबाना कुरैशी के साथ हुई थी उसका निकाहनामा जारी कर दिया । निकाहनामे के मुताबिक ये शादी 7 दिसंबर 2006 को गुरुवार की रात 8 बजे लोखंडवाला कॉम्प्लेक्स में हुई थी ।  निकाह में मेहर की रकम 33000 हजार रुपये थी और गवाह अजीज खान थे, जो समीर की बड़ी बहन यास्मीन दाऊद वानखेड़े के पति हैं ।

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समीर वानखेड़े का परिवार
मीडिया में जो जानकारी के है उसके अनुसार समीर वानखेड़े के पिता ज्ञानदेव केचुरुजी वानखेड़े का जन्म महाराष्ट्र के एक दलित परिवार में हुआ, लेकिन उन्होंने मुस्लिम महिला जाहेदा से शादी की । sameer_wankhedeइस शादी से उनके दो बच्चे हुए हैं, एक समीर वानखड़े और दूसरी उनकी बहन यास्मीन । नवाब मलिक के द्वारा जारी जन्म प्रणाण पत्र के मुताबिक समीर और यास्मीन अपने नाम के साथ दाऊद भी लगाते हैं । हालांकि, समीर ने इसका खंडन करते हुए कहा है कि वो एक सेक्युलर, द्विधर्मीय और कम्पोजिट परिवार से जुड़े हुए हैं । पिता और पत्‍नी पहले ही इस सर्टिफिकेट को खारिज कर चुके हैं ।

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पहली शादी की पुष्टि करता है परिवार
समीर वानखेड़े के पिता और पत्‍नी दोनों ने इस बात को स्‍वीकारा है कि एनसीबी अधिकारी ने 2006 में डॉक्टर शबाना कुरैशी से शादी की थी । बाद में दोनों के बीच 2016 में तलाक हो गया । साल, 2017 में उन्‍होंने मराठी फिल्म अभिनेत्री क्रांति रेडकर के साथ शादी की ।  दूसरी शादी से समीर के दो बच्चे भी हैं । नवाब मलिक का इसे लेकर पेंच ये है कि अगर समीर वानखेडे़ ने शबाना कुरैशी से निकाह किया है तो ऐसा करने के लिए उन्हें इस्लाम धर्म स्वीकार करना पड़ा होगा । ऐसे में वो दलित आरक्षण से वंचित हो जाते हैं ।

जाति प्रमाणपत्र का फेर
दरअसल देश के संविधान के अनुसार अगर कोई हिंदू दलित जाति का व्यक्ति ईसाई और मुस्लिम धर्म अपनाता है, तो उसकी जाति समाप्त हो जाती है । यानी वो एससी आरक्षण से भी वंचित हो जाता है । ऐसे में nawab sameerसमीर वानखेड़े ने अगर इस्लाम धर्म में रहते हुए जाति प्रमाण बनवाया और उसका लाभ उठाया तो संविधान के मुताबिक ऐसा करना गलत है । समीर वानखेड़े साल 2008 में आईआरएस यानी इंडियन रेवन्यू ऑफिसर बने थे, जबकि उनका निकाह 2006 में हुआ । नवाब मलिक यही साबित करने में तुले हुए हैं ।

काजी ने भी की पुष्टि
चूंकि ये मामला बढ़ता ही जा रहा है इसलिए मीडिया की ओर से समीर वानखेड़े और शबाना कुरैशी का निकाह पढ़ाने वाले काजी से भी बातचीत की गई, काजी मुजम्मिल अहमद के मुताबिक ये निकाहनामा सही है । काजी ने ये भी कहा कि शादी के वक्त समीर, शबाना, पिता सब मुसलमान थे, अगर समीर हिंदू होते तो निकाह संभव ही नहीं था क्योंकि इस्लामिक शरियत के हिसाब से ऐसा नहीं हो सकता । हालांकि, समीर वानखेड़े के बचाव में उनके पिता ने कहा है कि ये निकाहनामा सच है, लेकिन हम हिंदू हैं । मैं, मेरा बेटा और बेटी एक छोटा परिवार है और हम सब हिंदू हैं ।
समीर की दूसरी पत्नी क्रांति रेडकर ने भी पति के बचाव में ट्वीट कर कहा- ‘मैं और मेरे पति समीर, दोनों जन्म से हिंदू हैं । हमने कभी भी धर्म परिवर्तन नहीं किया । हम सभी धर्मों की इज्जत करते हैं । समीर के पिता भी हिंदू हैं और उन्होंने मेरी मुस्लिम सास से शादी की थी, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं । समीर की पिछली शादी स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत हुई थी और साल 2016 में तलाक हो गया । हमारी शादी साल 2017 में हिंदू मैरिज एक्ट के तहत रजिस्टर्ड है । हालांकि, पहली शादी का निकाहनामा ये साबित कर रहा है ये शादी इस्लामिक शरियत के लिहाज से हुई है । बहरहाल देखना होगा कि एनसीबी अधिकारी अब इस धर्म और जाति के चक्रव्‍यूह से कैसे बाहर निकलते हैं।