अस्पताल से घर पहुंची लाश तो परिजन रह गये हक्के-बक्के, लापरवाही की हद हो गई पार

जब अविनाश दादासाहेब के शव को अस्पताल प्रशासन ने उनके परिजनों को सौंपा, तो किसी ने भी इस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया।

New Delhi, Jun 21 : सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में आपने मरीजों के साथ होने वाली लापरवाही के बारे में अक्सर पढा, देखा और सुना होगा। कभी इलाज के दौरान मरीज के पेट में ऑपरेशन का औजार छोड़ दिया जाता है, तो कभी गलत दवा देने की वजह से मरीज की जान चली जाती है। अकसर ऐसे मामले प्रकाश में आते रहते हैं, लेकिन इस बार महाराष्ट्र के अस्पताल प्रशासन ने ऐसी लापरवाही की है, जिसे सुनकर हर कोई हक्का-बक्का है।

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क्या है मामला ?
महाराष्ट्र के सांगली इलाके में स्थित सिविल अस्पताल में 50 वर्षीय अविनाश दादासाहेब बागवाड़े इलाज करा रहे थे, उन्हें लिवर में परेशानी थी, सो उन्हें अस्पताल में भर्ती कर लिया गया था। फिर अस्पताल प्रशासन ने फोन कर उनके परिजनों को कहा कि अब वो इस दुनिया में नहीं रहे, जिसके बाद उनके परिजन रोते-बिलखते अस्पताल पहुंचे और उनका शव लेकर घर आ गये, फिर उनके अंतिम संस्कार की तैयारी शुरु हुई।

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हर कोई सन्न
जब अविनाश दादासाहेब के शव को अस्पताल प्रशासन ने उनके परिजनों को सौंपा, तो किसी ने भी इस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया, फिर जब वो घर आकर अंतिम संस्कार की तैयारी शुरु करने लगे, तो किसी की नजर लाश पर पड़ी, वो लाश अविनाश की थी ही नहीं, इसके बाद तो परिवार में हड़कंप मच गया।

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अस्पताल में जिंदा मिले बागवाड़े
जब बागवाड़े के परिजन आनन-फानन में अस्पताल पहुंचे, तो वहां का नजारा देख हैरान रह गये, क्योंकि वो अस्पताल में जिंदा थे और उनका इलाज जारी था। इसके बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा करना शुरु कर दिया। हंगामा सुनकर अस्पताल के अधिकारियों ने जब मामले की जानकारी ली, तो वो भी हैरान रह गये, कि आखिर इतनी लापरवाही कैसे हो सकती है।
जांच के आदेश
अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. सुबोध उगाने को जब इस मामले की पूरी जानकारी मिली, तो उन्होने तुरंत एक कमेटी बनाकर मामले में जांच के आदेश दे दिये, DEad Body11उन्होने कहा कि 48 घंटे के भीतर ही दोषिय़ों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ये लापरवाही बिल्कुल भी बर्दाश्त के लायक नहीं है, हम दोषी को सजा देंगे, ताकि आगे ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो।

शव की शिनाख्त नहीं
इस पूरे मामले में सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि पोस्टमॉर्टम के बाद जिस शख्स का शव अविनाश बागवाड़े के परिजनों को सौंपा गया था, उसकी अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। अस्पताल प्रशासन इस पूरे मामले की जांच में जुटी है, लेकिन अभी तक उस व्यक्ति की पहचान नहीं हो पाई है।

अस्पताल से आया था फोन
अविनाश बागवाड़े के परिजनों ने बताया कि बागवाड़े को लिवर में परेशानी है, जिसका इलाज कराने के लिये वो सांगली के सिविल अस्पताल में भर्ती हुए, मंगलवार को उनके घर पर अस्पताल से फोन आया कि बागवाड़े की मौत हो गई है और आकर उनका शव ले जाए। जिसके बाद रोते-बिलखते परिजन अस्पताल पहुंचे और शव अपने घर ले आए।

रिश्तेदार को हुआ था शक
हालांकि बागवाड़े के एक रिश्तेदार को अस्पताल में ही शक हुआ था कि ये शव उनका नहीं है, इसे लेकर उन्होने कर्मचारियों से बात भी की थी, dead body2लेकिन कर्मचारियों ने उनकी बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और कहा कि शव ले जाओ और जल्दी से जगह खाली करो। इसके बाद परिजन शव लेकर अपने घर चले गये, तो बाकी सगे-संबंधियों को भी शक हुआ, जिसके बाद लाश के ऊपर से कपड़ा हटा कर देखा, तो असलियत खुल गई।