कश्‍मीर में दिखा मोदी की सख्‍ती का असर, आतंकियों के लिए काल बना आर्मी का CASO

कश्‍मीर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीति और सख्‍ती का साफ असर दिख रहा है। प्रधानमंत्री ने आतंकियों के खिलाफ इंडियन आर्मी को खुली छूट दी हुई है।

New Delhi Aug 04 : दशकों से कश्‍मीर का विवाद जिंदा है। कई राजनैतिक दलों ने सिर्फ अपनी राजनैतिक रोटी सेंकने के लिए घाटी को सुलगाए रखा। घाटी के हालात अभी भी ठीक नहीं हैं। लेकिन, कश्‍मीर में सुधार साफ दिख रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीति और सख्‍ती का असर दिखना शुुरु हो गया है। जो आतंकी कल तक खुलेआम एके-47 लेकर जनाजों में शामिल होते थे आज वो छिपे-छिपे घूम रहे हैं। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडियन आर्मी को कश्‍मीर में आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की खुली छूट दे रखी है। यही वजह है कि घाटी में आतंकियों के एनकाउंटर ने इस साल अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। इंडियन आर्मी का CASO आतंकियों के लिए काल बन गया है।

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जी हां, मोदी सरकार से ऑपरेशन की खुली छूट मिलने के बाद इंडियन आर्मी ने कश्‍मीर के उन इलाकों में CASO बढ़ा दिए है जहां आतंकियों के ठिकाने हैं। आर्मी की भाषा में CASO को Cordon and Search Operations कहा जाता है। इंडियन आर्मी के जवान अपने इस ऑपरेशन Kashmir 1के तहत उन इलाकों की घेराबंदी कर सर्च ऑपरेशन शुरु करते हैं जहां आतंकियों के छिपे होने की खबर होती है। कश्‍मीर में आतंकियों के खिलाफ बाकायदा ज्‍वाइंट ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं। जिसमें इंडियन आर्मी के जवानों के अलावा CRPF के जवान और जम्‍मू-कश्‍मीर पुलिस की SOG की टीम शामिल होती है। सुरक्षाबलों के बेहतर कोऑर्डिनेशन के चलते ही घाटी में इस साल करीब सवा सौ आतंकी मारे जा चुके हैं।

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कश्‍मीर में इंडियन आर्मी की सख्‍ती और बार्डर पर कड़ी चौकसी का ये नतीजा है कि इस साल अब तक 23 घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम किया जा चुका है। ये आंकड़ा जुलाई से पहले का है। जिसमें 41 आतंकियों को एलओसी पर ही मार गिराया गया। ये मोदी की सख्‍ती का ही Kashmir 2असर है कि कश्‍मीर में लश्‍कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन और जैश-ए-मोहम्‍मद के कई टॉप कमांडर टपकाए जा चुके हैं। अभी हाल ही में लश्‍कर के कमांडर और 15 लाख रुपए का इनामी आतंकी अबु दुजाना भी मारा गया। जाहिर है कि इस वक्‍त घाटी में पाकिस्‍तान के आतंकी संगठनों की कमर टूटी हुई है। सालों से इस तरह का एक्‍शन कम से कम घाटी में नहीं देखने को मिला था। लेकिन, अब CASO अपना कमाल दिखा रहा है।

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ये मोदी सरकार की सख्‍ती का ही असर है कि जिन अलगाववादी नेताओं पर सरकारें हाथ डालने से कतराया करती थीं। वो नेता आज एनआईए और प्रवर्तन निदेशालय की गिरफ्त हैं। यानी सीधे शब्‍दों में कहा जाए तो मोदी सरकार का पूरा फोकस कश्‍मीर के उन प्‍वाइंट्स पर हैं kashmir 3जहां से आतंकवाद को या तो बढ़ावा मिलता है या फिर आतंकियों को मदद मिलती है। इस वक्‍त घाटी के कुल आठ बड़े अलगाववादी नेता टेरर फंडिंग के आरोप में सलाखों के पीछे हैं। जिन्‍हें घाटी में दहशतगर्दी के लिए पाकिस्‍तान से फंड मिलता था। इसी पैसों से ये लोग घाटी में सुरक्षाबलों पर पथराव कराते थे। लेकिन, किसी सरकार ने इन्‍हें पकड़ने की जहमत और जुर्रत नहीं दिखाई। पर मोदी सरकार ने आतंकियों के खात्‍मे के संकल्‍प के साथ ही इन्‍हें जेल में ठूंस दिया है। जिसका असर घाटी में दिखने लगा है।