‘पंचर साइकिल’ बदलने में जुटे अखिलेश यादव, पार्टी में कायापलट की तैयारी !
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी में कायापलट की तैयारी शुरु कर दी है। पार्टी को धार देने के लिए महत्वपूर्ण फैसले लिए जाएंगे।
New Delhi Aug 04 : समाजवादी पार्टी का झगड़ा किसी से छिपा नहीं है। यूपी विधानसभा चुनाव से पहले शुरु हुआ मुलायम सिंह यादव के परिवार और पार्टी का संग्राम आजतक जारी है। इस बीच समाजवादी पार्टी में काफी उथल-पुथल मच चुका है। ऐसा नहीं है कि पार्टी का घमासान पूरी तरह थम चुका हो। बवाल अभी भी जारी है। पार्टी के एमएलसी बीजेपी की ओर रुख कर रहे हैं। इन सबके बीच अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी का कायाकल्प करने की तैयारी में जुटे हैं। उम्मीद की जा रही है कि अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी को नई धार देने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लेंगे। इसके साथ ही पुरानी एटलस साइकिल को रेंजर्स बनाने की कवायद की जाएगी। ये सबकुछ होगा पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में।
जी हां, समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन अगले महीने यानी सितंबर में होने वाला है। इससे पहले ही अखिलेश यादव पार्टी के कायाकल्प में जुट गए हैं। रणनीति बनाई जा रही है। अखिलेश यादव के सामने इस वक्त कई चुनौतियां हैं। पार्टी आतंरिक कलह से जूझ रही है। इसके अलावा सपा अब तक यूपी विधानसभा चुनाव में करारी हार के दंश से भी बाहर नहीं निकल पाई है। मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव अलग राह पर हैं। जबकि अखिलेश और रामगोपाल की राहें अब जुदा हो गई हैं। टीपू के सामने चुनौती फिर से सबको एक करने की है। लेकिन, मौजूदा हालत में ये काम एकदम ऐसा ही है जैसे पानी छानना। फिलहाल पहला काम समाजवादी पार्टी को नए कलेवर और तेवर में दिखाने की है।
बताया जा रहा है कि सितंबर महीने में होने वाले राष्ट्रीय अधिवेशन में कई बड़े फैसले लिए जाएंगे। युवा चेहरों को आगे लाने की कवायद की जाएगी। इसके साथ ही अखिलेश यादव विकास के एजेंडे को केंद्र में रखकर एक बार फिर से जनता के बीच अपना विश्वास जगाने की कोशिश करेंगे। बताया जा रहा है कि इसके लिए अखिलेश यादव संगठनात्मक बदलाव भी करेंगे। हालांकि संगठन में ये बदलाव आशिंक तौर पर ही होगा। इसके साथ ही पार्टी अध्यक्ष के कार्यकाल को पांच साल किए जाने की भी उम्मीद की जा रही है। स्थानीय स्तर पर पार्टी कैसे मजबूत हो इस बात को लेकर चर्चा की संभावना है। इसके लिए स्थानीय और मजबूत नेताओं को क्षेत्रीय स्तर पर पार्टी को मजबूत करने की कमान सौंपी जाएगी।
बताया जा रहा है कि अखिलेश यादव का फोकस इस वक्त सोशल मीडिया और प्रचार के नए तंत्र पर भी है। जिसमें फिलहाल समाजवादी पार्टी काफी पिछड़ी हुई नजर आ रही है। पार्टी को आधुनिक बनाने के लिए राष्ट्रीय अधिवेशन में ज्ञान दिया जाएगा। ताकि पार्टी के पुराने नेता संपर्क संचार के नए साधनों का बेहतर तरीके से इस्तेमाल कर सकें। पार्टी के भीतर बाकायदा सोशल नेटवर्किंग टीम का गठन किया जाएगा। जो लगातार सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफार्म पर सक्रिय रहेगी और जनता से जुड़ेगी। लेकिन, इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या अखिलेश यादव अपने पिता मुलायम सिंह यादव को वो सम्मान भी वापस करेंगे जो यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान उनसे छिन गया था। या पारिवारिक घमासान यूं ही चलता रहेगा।