काले धन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बहुत बड़ी जीत, ये ‘जुमला’ नहीं है बॉस !
काले धन पर विपक्ष हमेशा से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी को घेरता रहा है। लेकिन, अब सबकी बोलती बंद होने वाली है। क्यों जरा जान लीजिए।
New Delhi Aug 06 : काले धन को लेकर सोशल मीडिया पर आपने तमाम चुटकले पढ़े होंगे। ठहाके भी लगाए होंगे। लेकिन, ब्लैक मनी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोशिश सौ फीसदी रंग लाती हुई नजर आ रही हैं। ब्लैक मनी रखने वाले जो लोग मोदी की धमकी को जुमला समझकर मजाक उड़ाते थे, हंसते थे अब उनके रोने की बारी आ गई है। सबसे ज्यादा चिंता उन भारतीयों को करने की जरुरत है जिनका पैसा स्विस बैंक में जमा है। बेशक काले धन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कहे मुताबिक आपके अकाउंट में 15 लाख रुपए ना आएं। लेकिन, देश के खजाने में हजारों करोड़ रुपए जरुर आएंगे। इसके साथ ही वो लोग भी बेनकाब होंगे जिन्होंने देश का पैसा चुराकर विदेश की तिजोरियों में छिपाया था।
दरसअल, स्विट्जरलैंड के बैंकों में जमा काले धन की पूरी जानकारी मोदी सरकार को मिलने का रास्ता साफ हो चुका है। ऐसे में विपक्ष के उन नेताओं के मुंह पर ताले पड़ जाएंगे जो पिछले तीन साल से मोदी सरकार से पिछले सत्तर सालों की चोरी का हिसाब मांग रहे हैं। जिसमें विपक्ष के कई नेता खुद शामिल हैं। दरसअल, काले धन के मामले में स्विट्जरलैंड सरकार ने ऑटोमैटिक सूचना आदान-प्रदान समझौते के लिए हिंदुस्तान के डेटा सिक्योरिटी और गोपनीयता के कानून को पर्याप्त बताया है। कहा जा रहा है कि इस समझौते के बाद स्विस बैंक में ब्लैक मनी रखने वालों की पूरी की पूरी जानकारी भारत सरकार के पास होगी। ऐसे में कई बड़े लोगों की सांसे थम सकती हैं। क्योंकि उनका पैसा भी जाएगा और इज्जत भी।
जाहिर है कि किसी भी सरकार को अपने वादे निभाने में थोड़ा वक्त लगता है। दिया भी जाना चाहिए। हथेली पर जौ नहीं उगाई जा सकती है। लेकिन, बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हारा विपक्ष लगातार काले धन को लेकर उन्हें घेरता रहा है। जैसे देश का सारा का सारा पैसा इन्हीं लोगों ने विदेशी बैंकों में छिपाकर रखा है। देश की जनता ये बात अधिकृत और अनधिकृत दोनों ही तौर पर बाखूबी जानती है कि किन-किन नेताओं का पैसा विदेश में छिपा हुआ है। वही नेता जब मोदी सरकार पर सवाल उठाते हैं तो अच्छा नहीं लगता है। बहरहाल ये उनकी राजनीति का हिस्सा हो सकता है। लेकिन, हकीकत ये है कि स्विटजरलैंड की सरकार से ऑटोमैटिक सूचना आदान-प्रदान समझौते को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जीतते नजर आ रहे हैं।
यहां ये भी जानना जरुरी है कि स्विट्जरलैंड ने हिंदुस्तान के अलावा 40 और देशों के साथ भी अपने यहां के वित्तीय खातों की जानकारी को आदान-प्रदान करने की व्यवस्था को मंजूरी दे चुका है। हालांकि इसमें गोपनीयता की शर्त रखी गई है। लेकिन, सरकार के पास इस बात की पूरी जानकारी रहेगी कि किस व्यक्ति ने स्विस बैंक में कितना पैसा जमा किया है। इससे पहले मोदी सरकार नोटबंदी कर काले धन की कमर तोड़ चुकी है। एक साल में 562 करोड़ रुपए की ब्लैक मनी सरकार जब्त कर चुकी है। ये बहुत बड़ा आंकड़ा है। इससे पहले काले धन के खिलाफ किसी भी सरकार ने इतना बड़ा कदम नहीं उठाया। जितनी बड़ी कार्रवाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में की जा रही है।