बार्डर पर आज ‘मिठाई’ दी है, कल ‘मौत’ देगा पाकिस्‍तान ! दोगला है ये

पाकिस्‍तान की दोगली नीति किसी से छिपी नहीं है। एक बॉर्डर पर वो मिठाई बांटता है तो दूसरे बार्डर पर मौत। दोगले दोस्‍त से सतर्क रहिए, खंजर जरुर घोंपेगा।

New Delhi Aug 14 : पीठ में छूरा घोंपना पाकिस्‍तान की नीयत में शुमार है। जैसे कुत्‍ते की दुम कभी सीधी नहीं हो सकती है, वैसे ही पाकिस्‍तान कभी सुधर नहीं सकता है। आज यानी 14 अगस्‍त को पाकिस्‍तान अपना स्‍वतंत्रता दिवस मना रहा है। कल हिंदुस्‍तानी आजादी का जश्‍न मनाएगा। लेकिन, बार्डर पर तनाव कल भी बना हुआ था, आज भी है और कल भी रहेगा। कल तक कश्‍मीर के कृष्‍णा घाटी सेक्‍टर में गोलियां बरसाने वाला पाकिस्‍तान आज बाघा बार्डर पर मिठाईयां बांट रहा है। हो सकता है कि जब आप इस खबर को पढ़ रहे हों तब तक आपके पास कृष्‍णा घाटी या फिर किसी दूसरे सेक्‍टर से सीजफायर के उल्‍लंघन की खबर भी आ जाए। अभी शनिवार को ही पाक आर्मी के स्‍नाइपर शॉट में एक जवान शहीद हो गया था। इस जवान की शहादत के 48 घंटे भी नहीं गुजरे हैं कि पाक बाघा बार्डर पर मिठाईयां बांट रहा है।

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इसे पाक आर्मी की किस्‍मत ही कहेंगे कि उसका पाला इंडियन आर्मी के जवानों से पड़ा है। जो बहादुर के साथ-साथ भावुक और समझदार भी हैं। भारतीय सेना ने आज तक कभी भी पाक के स्‍वाधीनता दिवस के मौके पर बार्डर पर कोई गोली नहीं चलाई। ना ही कभी ईद के मौके पर मोर्टार दागे गए। रमजान के महीने पर भी भारत की ओर से हमेशा शांति बहाली की ही कोशिश की गई। लेकिन, बदले में हमे पाक की ओर से क्‍या मिलता है। एक छुपा हुआ वॉर। झाडि़यों में छिपे पाक रेंजर्स के स्‍नॉइपर शॉट्स। जो इंडियन आर्मी के जवानों को निशाना बनाकर चलाया जाता है। पाक के इसी स्‍नॉइपर शॉट ने अभी 12 अगस्‍त को नायब सूबेदार जगराम सिंह तोमर की जान ले ली थी। तोमर देश की सीमा की हिफाजत करते-करते आजादी के ठीक तीन दिन पहले अपनी जिदंगी से आजाद हो गए।

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सिर्फ तोमर ही नहीं अभी आठ अगस्‍त को भी कृष्‍णा घाटी सेक्‍टर में सिपाही पवन सिंह सूंगरा शहीद हुए थे। पाकिस्‍तान के दोगले रेंजर्स ने सूंगरा की भी जान छिपकर ही ली थी। तोमर और पवन जैसे सैकड़ों जवान देश की हिफाजत में अपनी जान गंवा चुके हैं। अफसोस होता है ये कहते हुए पाकिस्‍तान अपनी सहूलियत के हिसाब से गोलियां और मिठाई बांटता है। हमारी फौज दोनों का ही जवाब देती है। मिठाई का जवाब मिठाई से दिया जाता है और गोली का जवाब गोली से दिया जाता है। लेकिन, यहां हमे ये तय करना होगा कि हमारे जवान पाकिस्‍तान की मिठाई और गोली एक साथ नहीं खा सकते हैं। जरुरत पाक को ये बताने की है कि अगर वो 15 अगस्‍त को बार्डर पर गोली बारी कर सकता है कि भारतीय सेना भी 14 अगस्‍त को तुम्‍हारी धज्जियां उड़ा सकती है।

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अगर पाक फौज होली और दिवाली पर गोली बांट सकती है तो कम से कम हम भी बार्डर पर ईद के दिन मिठाई नहीं बांट सकते। पाकिस्‍तान की इस दोगली नीति पर उसे समझना और समझाना होगा। पाक को ये बताना होगा कि तुम अपनी सहूलियत के मुताबिक ना तो मिठाई बांटोगे और ना ही गोली। बहुत उम्‍मीद है कि अपनी जलील हरकत के मुताबिक पाक 15 अगस्‍त को बार्डर पर जरुर गड़बड़ी करेगा। अगर गोली नहीं चलेगी तो घुसपैठ की कोशिश होगी। हालांकि भारतीय सेना बार्डर पर हर प‍रिस्थिति से निपटने को तैयार है। भारत कभी भी हिंसा की पहल नहीं करता है। लेकिन, कई बार पागल कुत्‍ते को मारने की पहल करनी चाहिए। नहीं तो वो जाने कितने को लोगों को काट कर घायल कर सकता है। उनकी जान ले सकता है। कडवाहट के माहौल में मिठाई का लुत्‍फ नहीं उठाया जा सकता है।