गुरमीत राम रहीम पर फैसले की घड़ी, क्या फिर से होगा सतलोक आश्रम जैसा कांड ?

डेरा सच्‍चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के फैसले की घड़ी नजदीक आ गई है। लेकिन, फैसले से पहले सरकार को रामपाल कांड से सबक लेकर तैयारी करनी होगी।

New Delhi Aug 24 : जब‍ भी किसी बाबा को लेकर कोई बात चलती है तो साल 2014 में हिसार के सतलोक आश्रम में हुए बवाल की तस्‍वीरें नजरों के सामने कौंधने लगती हैं। उस वक्‍त सतलोक आश्रम को पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने चारों ओर से घेर लिया था। कोर्ट के आदेश पर इस आश्रम को खाली कराया जाना था। लेकिन, आश्रम में हजारों की संख्‍या में अनुयायी इकट्ठा हो गए थे। कुछ को आश्रम में कथित तौर पर बंधक बना लिया गया था। जबकि कुछ पुलिस और अर्धसैनिक बलों से मोर्चा लेने के लिए आश्रम की बाउंड्री पर लाठी-डंडों और पत्‍थरों के साथ मौजूद थे। पुलिस फोर्स को आश्रम में घुसने के लिए बुलडोजर का इस्‍तेमाल करना पड़ा था। रामपाल समर्थकों और पुलिस में जमकर संघर्ष हुआ था। ना जाने कितने लोगों को चोटें आईं थीं। कुछ जाने भी गईं थी। ना जाने क्‍यों डेरा सच्‍चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के फैसले से पहले भी हंगामे की ऐसी ही तस्‍वीरें जेहन में बार-बार पैदा हो रही हैं।

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सतलोक आश्रम जैसा हंगामा होगा या नहीं इस बात की कोई गारंटी नहीं हैं। लेकिन, खट्टर सरकार को डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के फैसले को लेकर सतलोक आश्रम से सबक लेकर तैयारी करने की जरुरत जरुर है। हम ये हरगिज नहीं कह रहे हैं कि सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। शुक्रवार को डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम से जुड़े साध्वी बलात्‍कार कांड में फैसला आना है। इस फैसले को लेकर  पूरे हरियाणा में धारा 144 लागू कर दी गई है। प्रदेश की सीमाओं को सील कर दिया गया है। डेरा प्रेमियों पर खासतौर से नजर रखी जा रही है। लाठी-डंडों पर भी प्रतिबंध लगा हुआ है। गुरमीत राम रहीम पर आने वाले फैसले को देखते हुए पैरा-मिलिट्री फोर्स की 75 कंपनियों को हरियाणा में तैनात किया जा चुका है।

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इसके अलावा खट्टर सरकार की ओर से 115 अतिरिक्‍त कंपनियां भी केंद्र सरकार से मांगी गई है। फिर भी दूसरी तरफ की रिपोर्ट बहुत अच्‍छी नहीं है। जितनी तैयारी सरकार इस फैसले को लेकर कर रही है कहा जा रहा है उतनी ही तैया‍री डेरा प्रेमी भी अपनी ओर से कर रहे हैं। पंजाब के DGP ने राज्‍य के सभी DIG, IG और SSP को अलर्ट जारी कर बताया है कि डेरा से जुड़े लोग हथियार जमा कर रहे हैं। पेट्रोल बम बनाने की तैयारियां हो रही हैं। इस खबर के बाद हरियाणा के साथ-साथ पंजाब को भी छावनी में तब्‍दील किया जा चुका है। इतनी तैयारियों के बाद भी अगर गुरमीत राम रहीम के अनुयायी हरियाणा या फिर पंजाब में हंगामा करते हैं तो यकीनन ये प्रशासन के लिए बड़ी नाकामी होगी। इस नाकामी से बचने के लिए जरुरी है कि पुलिस अपने खुफिया तंत्र को और मजबूत करे।

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सतलोक आश्रम में भी साल 2014 में जो हंगामा हुआ था उसमें भी हरियाणा पुलिस का खुफिया तंत्र फेल साबित हुआ था। उन्‍हें पता ही नहीं था कि आश्रम के भीतर कितने लोग जुटे हुए हैं? उनके पास कौन-कौन से हथियार हैं? उनकी प्‍लानिंग क्‍या है? गुरमीत राम रहीम के केस में पुलिस सतलोक आश्रम से सबक ले सकती है। आश्रम और घोषित डेरा प्रेमियों के बीच अपने मुखबिरों को बिठा सकती है ताकि उन्‍हें पल-पल की खबर मिलती रहे। सौ बात की एक बात ये है कि हर जगह कानून व्‍यवस्‍था का कडाई से पालन होना जरुरी है। किसी को भी कानून को हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। चाहें वो खुद डेरा प्रमुख हों या फिर उनके अनुयायी। वैसे तो डेरा ने पुलिस और प्रशासन को पूरे सहयोग का भरोसा दिलाया है। लेकिन, मौके की नजाकत को भांपते हुए ही सरकार को कदम उठाने होंगे। हरियाणा को हंगामे से बचाना होगा।