डेरा समर्थकों की अंध भक्ति या खट्टर सरकार की नाकामी, जनता क्यों भुगते?

राम रहीम के समर्थकों की गुंडई और अंध भक्ति जायज नहीं है, लेकिन उसको काबू में करने की जिम्मेदारी तो खट्टर सरकार पर थी, जिसमें वो नाकाम रही हैं।

New Delhi, Aug 26: हरियाणा एक बार फिर से सुलग रहा है। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम रेेप के मामले में दोषी करार हुए हैं। उसके बाद उनको भगवान मानने वाले डेरा समर्थकों ने पंचकुला, सिरसा, मानसा, समेत हरियाणा और पंजाब के कई जिलों में जिस तरह से गुंडई दिखाई उस से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। 25 अगस्त को राम रहीम पर फैसला आने वाला है। इसके बारे में राज्य सरकार को पहले से जानकारी थी। इंटेलिजेंस से ये भी पता चल गया था कि डेरा समर्थक इस मौके पर हंगामा कर सकते हैं। खट्टर सरकार ने दावा किया था कि वो स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

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हरियाणा सरकार की तैयारी का दावा राम रहीम पर फैसला आने के 5 मिनट के अंदर धराशायी हो गया। केंद्र सरकार से सेना, अर्ध सैनिक बलों, सीआरपीएफ की कंपनियां मांगने वाली हरियाणा  सरकार उनका सही इस्तेमाल ही नहीं कर पाई। राम रहीम के दोषी करार होने के साथ ही डेरा समर्थकों की गुंडई शुरू हो गई। पंचकुला की सीबीआई कोर्ट के चारों तरफ डेरा के समर्थकों का जनसैलाब दिख रहा था। हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित भी पंचकुला ही हुआ, मीडिया की गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया। आलम ये था कि पुलिस और मीडिया के जवानों को जान बचाकर भागना पड़ा। ये सीधे तौर पर खट्टर सरकार की नाकामी है। डेरा समर्थकों की अंध भक्ति के बारे में पहले से पता था।

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हरियाणा सरकार लगातार दावा कर रही थी कि वो तैयार है। लेकिन उसकी तैयारी में झोल ही झोल थे। सरकार के मुखिया खट्टर को ये ही नहीं पता था कि इतने सारे डेरा समर्थक पैदल कैसे पंचकुला पहुंच गए। हाईकोर्ट की टिप्पणी वाजिब मालूम पड़ती है कि अपने सियासी फायदे के लिए खट्टर सरकार ने पंचकुला को जलने दिया। 30 से ज्यादा लोग मारे गए इसकी जिम्मेदारी किसकी है. पंचकुला, सिरसा समेत कई शहरो में डेरा समर्थकों का भय देखा जा रहा है, इसकी जिम्मेदारी किसकी है। अगर हरियाणा सरकार तैयार थी तो ये सब कैसे हो गया। साफ है कि मनोहर लाल खट्टर की अनुभवहीनता का खामियाजा हरियाणा की जनता भुगत रही है।

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वहीं दूसरी तरफ डेरा समर्थक गुंडई करके राम रहीम का नुकसान ही कर रहे हैं। पहले से सारी तैयारी कर रखी थी, इस से पता चल रहा है कि डेरा को इस बात का अंदाजा था कि फैसला क्या आने वाला है। बलात्कार के आरोपी को बचाने के लिए इस तरह की गुंडई और अराजकता से ये साफ हो गाय कि राम रहीम जो खुद को स्वयंभू भगवान का दर्जा देते हैं वो कितना खोखला है। पंचकुला में स्थानीय निवासी दहशत के माहौल में हैं। सिरसा मेें डेरा के मुख्यालय में 1 लाख समर्थकों के जमा होने का आंकलन पुलिस का है। ऐसे में खट्टर किस मुंह से कह रहे हैं कि हालात काबू में हैं। ये वो बम है जो सुलग रहा है और कभी भी हरियाणा में बड़ा धमाका हो सकता है। इसका खामियाजा जनता क्यों भुगते ?