घटिया हरकतों पर उतारू चीन, भारत से सीधा मुकाबला करने की हैसियत नहीं !

भारत से सीधा मुकाबला करना जब ड्रैगन के बस में नहीं रहा तो वो घटिया हरकतों पर उतारू हो गया है। ये भारत के लिए अच्छा संकेत है कि चीन इस कदर हताश और निराश है।

New Delhi, Aug 27: आपकी अपने किसी दोस्त या फिर किसी क्लासमेट से लड़ाई हो जाए तो आप क्या करते हैं। बात करना बंद कर देते हैं। एक दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं। धमकियां भी देते हैं। बचपन में सभी ऐसा ही करते हैं। लेकिन जैसे जैसे बड़े होते हैं तो लगता है कि कितनी बचकानी हरकतें करते थे हम अपने बचपन में। ये बात इसलिए कर रहे हैं क्योंकि एक देश है जो इसी तरह की बचकानी हरकतें कर रहा है। भारत और चीन के बीच डोकलाम को लेकर विवाद है। ये मुद्दा उतना बड़ा है नहीं जितना चीन ने बना दिया है। ड्रैगन डोकलाम में सड़क बना रहा था, जो भूटान में आता है। भारत को अपनी सीमाओं पर खतरा दिखाई दिया तो सड़का काम बंद करवा दिया।

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भारतीय फौज डोकलाम में जमी हुई है। इसी बात से चीन नाराज है, चूंकि ड्रैगन हमसे बड़ा देश है, ताकत और अर्थ व्यवस्था में भी इसलिए वो हमें धौंस दे रहा है। भारत को जंग की धमकी दे रहा है। तमाम तरह के हथकंडे अपना रहा है। चीनी मीडिया तो एक कदम आगे बढ़कर भारत के खिलाफ न जाने क्या क्या लिख रहा है। लेकिन भारत की तरफ से कोई सनसनीखेज जवाब नहीं। केवल शांति की बात हो रही है। हमारा कहना है कि जो भी मुद्दा है वो बैठकर सुलझा लेते हैं। भारत अपनी फौज हटाने को तैयार है लेकिन एक शर्त पर कि चीन भी अपनी सेना डोकलाम से हटाए। अब चीन जिस पर महाशक्ति बनने का भूत सवार है वो ये कैसे मंजूर कर ले कि कोई देश उसके सामने शर्त रखे।

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किसी भी तरह से भारत पर दबाव नहीं बनता देख ड्रैगन बौखला गया है। अब वो ऐसी हरकतें कर रहा है जैसे बच्चे करते हैं। चीनी कंपनियां अब चीन के इस प्रोपेगैंडा का जरिया बन रही हैं। चीन की एख कंपनी ने भारत में भेजे जाने वाले जूते के डिब्बे पर तिरंगा बना दिया। तिरंगा बने इन डिब्बों में जूतेे रख कर भारत भेज दिए गए। जिस दुकानदार को ये खेप मिली उसने पुलिस को इसकी शिकायत कर दी। पुलिस ने पूरी खेप को जब्त कर लिया है। दुकानदार बिशन सिंह ने बताया कि उन्होंने थोक विक्रेता से जूतों की खेप मंगाई। जब माल की खेप खोली तो उसमें हर पैकिंग पर तिरंगा बना मिला।

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इस पूरे मामले की जांच कराई जा रही है। लेकिन ये सोचने वाली बात है कि चीन कितना नीचे गिर गया है। वो राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान कर रहा है। ड्रैगन की ये हरकतें संकेत दे रही है कि वो कितना बौखलाया हुआ है। साथ ही ये इशारा भी मिल रहा है कि चीन की हैसियत नहीं है कि वो भारत का सीधा मुकाबला कर सके। इसलिए वो इस तरह की घटिया हरकतें कर रहा है। ये एक देश के राष्ट्रीय ध्वज के अपमान का ही मामला नहीं है. बल्कि व्यापार नीतियों का भी उल्लंघन है। भारत इसका जवाब चीन के झंडे का अपमान करके दे सकता है। लेकिन फिर उसमें और हम में क्या अंतर रह जाएगा। ये चीन की हताशा और निराशा का प्रतीक है। जब सीधी लड़ाई की हिम्मत न हो तो इस तरह के पैंतरे इस्तेमाल किए जाते हैं। ये भारत के लिए अच्छी खबर है कि चीन इस हद तक हताश हो चुका है।