भारत में आज ढोंगी बाबाओं से ‘धर्म’ को ख़तरा उत्पन्न हो गया है ?

आजकल धर्म और आस्था के नाम पर पढ़े लिखे लोग भी को इसका शिकार होते जा रहे हैं। चमत्कारी बाबाओं द्वारा महिलाओं के शोषण की बातें आम हो गयी हैं

New Delhi, Aug 27 : विवेकशून्य व्यक्ति पूजा, बाबाओं, मुल्लों का पाखंड/चमत्कार भरे राजनीतिक स्वार्थ ने आज देश में लोकतंत्र को किस ‘विनाश’ के मुआयने पर खड़ा कर दिया है। क्या भारत में आज ढोंगी बाबाओं से ‘सनातन धर्म’ को ख़तरा उत्पन्न हो गया है ? सनातन धर्म शाश्वत है। सत्यम, शिवम्, सुंदरम का मार्ग ही सनातनी मार्ग है। इसका मूल सत्य, दया, क्षमा, अहिंसा, दान, जप, तप, यम व नियम हैं, लेकिन कुछ पाखण्डी बाबाओं ने इसे ‘अंधश्रद्धा, चमत्कार, तंत्र-मंत्र, जादू टोना’ जैसे झूठे प्रपंचों में फंसा का रख दिया है।

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क्या आज हमारा हिन्दू समाज धार्मिक ठोंग,पाखंड और अंधविश्वास की बेड़ियों में जकड़ता जा रहा है और स्वार्थी राजनीति द्वारा वोट की ख़ातिर इसे और भी बढ़ावा दिया जा रहा है ? देखने में आ रहा है कि आजकल धर्म और आस्था के नाम पर पढ़े लिखे लोग भी को इसका शिकार होते जा रहे हैं। चमत्कारी बाबाओं द्वारा महिलाओं के शोषण की बातें आम हो गयी हैं और धन तो इन पाखंडियों के पास दान का इतना पैसा आता है कि जिसे ये खुद भी नहीं गिन सकते | इसके दोषी केवल ये बाबा ही नहीं हैं बल्कि हमारा यह भटका हुआ समाज है जो ‘सच्चाई’ की जगह चमत्कारों से भगवान को पहचानने की गलती किए जा रहा है| शायद हम आज यह ही नहीं पहचान पा रहे हैं कि हमारा अल्लाह, भगवान या ईश्वर कौन है ?

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हर वो ताकत जिससे हम डर जायें या हर वो चमत्कार जो हमारी समझ में न आये उसे भगवान या खुदा बना लेने की गलती ही हमें गुमराह करती है | यह बात साफ़ है कि यह सारे ढोंग व पाखंड धर्म का हिस्सा न कभी थे और न कभी होंगे, इन बाबाओं में बिना तर्क व विवेक का विश्वास ही अंधविश्वास है जो ग़रीब निर्धन अशिक्षित लोगों को क्या पढ़े-लिखों की भी अपने मायाजाल में फंसाता जा रहा है।
इन अधर्मी पाखंडी बाबाओं का क्या किया जाए। जो धर्म की आड़ में धन ऐंठते है, भोली-भाली भक्त बहनों/बेटियों का अंधश्रद्धा व समर्पण के नाम पर बलात्कार करते हैं, भू माफ़िया बन जाते है, साम्राज्य खड़ा करते है और फिर अंध भक्तों की भीड़ के साथ नेताओं/राजनीतिक दलों के साथ सौदागिरी करते हैं, संरक्षण पाते हैं। गुंडों की फ़ौज तैयार करते हैं।

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कुछ रास्ते निम्न हो सकते हैं : 
– सनातन धर्म के अच्छे साधु-संत मिलकर इन ढोंगी बाबाओं को चिन्हित करें और इनके बहिष्कार का आवाहन करें।
– CIVIL SOCIETY अपनी और से भोले भाले अंधभक्तों को जागरूक करने व कुटिल बाबाओं जी पोलखोलने का काम करे।
– या फिर सरकार देश के प्रमुख तीर्थ स्थलों के ‘सच्चे’ धर्मालम्भियों संतों के सहयोग से इस पाखंडियों को चिन्हित कर एक्सपोज करे।
ताकि सनातन/हिंदू धर्म को कलंकित होने से बचाया जा सके। आसाराम बापू, बाबा रामपाल, नित्यानंद, व राम रहीम जैसे अधर्मियों के दुष्कर्मों के कारण ‘हिंदू’ धर्म व सच्चे साधु-संतो की देश विदेश में प्रतिष्ठा को धक्का लगता है, जिसे संवारने में लम्बा समय लग जाता है।
ऐसा सनातन धर्म जिसका मूल भाव/ उद्धेश्य ही ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे संतु निरामया’ हो और जिसका हरेक अनुयायी सत्यम, शिवम्, सुंदरम का पुजारी होना चाहिए, कि रक्षार्थ धर्म को कलंकित करने वाले पाखण्डी बाबाओं का बहिष्कार आवश्यक है। इनकी पोल खोली जाए, अंधभक्ति के विरुद्ध लोगों जो जागरूक किया जाए, तभी भारत विश्व गुरु बन सकता है।
जय हिंद-जय भारत।

(रिटायर्ड आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)