राम रहीम के डेरे में दफन हैं लाशें ? होनी चाहिए पूरे डेरे की खुदाई
डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के अपराधों की फेहरिस्त अब परत-दर-परत खुलती जा रही है। उसके सभी डेरों की सघन तलाशी होनी चाहिए। बहुत कुछ मिलेगा।
New Delhi Aug 29 : डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम बीस साल के लिए अंदर जा चुका है। लेकिन, एक चीज है जो कहीं ना कहीं छूटती हुई नजर आ रही है। वो हैं राम रहीम के डेरे। डेरा सच्चा सौदा का मुख्यालय सिरसा में है। इसके अलावा पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश समेत कई और राज्यों में भी उसके डेरे संचालित हो रहे हैं। इस वक्त सबसे ज्यादा जरुरत राम रहीम के सभी डेरों की सघन तलाशी की है। हालांकि इसके लिए कानूनी औपचारिकताएं पूरी करनी होगी। लेकिन, राम रहीम के सभी डेरों की तलाशी ली जरुर जानी चाहिए। क्योंकि आरोप लग रहे हैं कि डेरा प्रमुख ने अपने कई दुश्मनों की हत्या कराकर उनकी लाशों को इन्हीं डेरों में दफना दिया। अगर ऐसा है तो डेरों की खुदाई बहुत जरुरी है।
दरसअल, राम रहीम को अभी सिर्फ दो साध्वियों के बलात्कार के केस में ही सजा सुनाई गई है। उस पर हत्या और डेरा के अनुयायियों को नपुंसक बनाने के भी आरोप हैं। सीबीआई का एक मुख्य गवाह है जिसका नाम खट्टा सिंह है। खट्टा सिंह ये दावा कर चुके हैं कि डेरा प्रमुख राम रहीम कई लोगों का मर्डर करवा चुका है। जो भी उसके खिलाफ आवाज उठाने की कोशिश करता था उसकी जिदंगी की सांसों को थाम दिया जाता था। किसी को इन हत्याओं की भनक ना लगे इसलिए उनकी लाशों को डेरे के भीतर ही दफन कर दिया जाता था। खट्टा सिंह ये कह चुके हैं कि अगर राम रहीम के डेरों की तलाशी ली जाए तो बहुत सबूत मिलेंगे। खुदाई पर नरकंकाल भी बरामद हो सकते हैं।
ऐसे में बहुत जरुरी है कि राम रहीम के सिरसा स्थित डेरे के अलावा उन सभी डेरों की जांच और तलाशी ली जानी चाहिए जहां पर डेरा प्रमुख का लगातार आना जाना रहता था। खट्टा सिंह के आरोपों को नकारा नहीं जा सकता है। वो भी तब जब वो डेरा प्रमुख का ड्राइवर रह चुका हो। खट्टा सिंह साल 2002 में डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम का ड्राइवर हुआ करता था। कहते हैं कि घर में काम करने वालों से और ड्राइवरों से कुछ भी छिपाया नहीं जा सकता है। वैसे भी राम रहीम के खिलाफ इस वक्त जितने भी केस चल रहे हैं उन सभी केस में खट्टा सिंह मुख्य गवाह की भूमिका है। साध्वी यौन शोषण मामले में भी उसने बाबा के खिलाफ गवाही दी थी। जो काफी अहम रही थी।
जिस वक्त डेरे के मैनेजर रणजीत सिंह और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या की गई थी उस वक्त भी खट्टा सिंह बाबा का ड्राइवर था। वो बाबा के कई राज जानता है। खट्टा सिंह सीबीआई को उन लड़कों के भी नाम बता चुका है जो बाबा के इशारे पर लोगों को मौत के घाट उतारा करते थे और बाद में उनकी लाशों को ठिकाने लगा दिया करता था। कई लाशाें को जंगलों में जलाया गया है तो कई लाशों को नहरों में बहा दिया गया। पता नहीं इन हत्याओं के मुकदमें दर्ज भी हैं या नहीं। या फिर गुमशुदगी की फाइलों में धूल फांक रहे हैं। लेकिन, डेरा के लोगों को अब इस बात वक्त नहीं दिया जाना चाहिए कि नरकंकाल भी हिल्ले लग सकें। वक्त रहते ही डेरों की खुदाई कर उनकी पूरी जांच की जानी चाहिए।