मनोहर लाल खट्टर को अमित शाह से मिला ‘अभयदान’, सुर बदल गए जनाब के !

25 अगस्‍त को हरियाणा में डेरा प्रेमियों की हिंसा रोकने में नाकाम रहे हरियाणा के मुख्‍यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को पार्टी हाईकमान से अभयदान मिल गया है।  

New Delhi Aug 30 : आप कितने ही बड़े नकारे क्‍यों ना हो लेकिन, अगर आपकी सेटिंग ठीक है तो आपका कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता है। हरियाणा के मुख्‍यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का भी कोई बाल भी बांका नहीं कर पाया है। पार्टी हाईकमान से उन्‍हें अभयदान भी मिल गया है। दिल्‍ली में अमित शाह से मुलाकात करने के बाद और पार्टी हाईकमान से अभयदान मिलने के बाद मनोहर लाल खट्टर के सुर ही बदल गए। अब वो कह रहे हैं कि हमने कोर्ट के आदेश का पालन किया। जिसे इस्‍तीफा मांगना है मांगता रहे। लेकिन, खट्टर साहब हरियाणा और पूरे देश की जनता इस वक्‍त आपसे ये जानना चाहती है कि पंचकुला में 25 अगस्‍त को जिन 37 लोगों की जान गई उनकी मौत का जिम्‍मेदार कौन है।

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हो सकता है कि पार्टी हाईकमान से मुलाकात के बाद आपकी याददाश्‍त थोड़ी कमजोर हो गई हो। कोई बात नहीं हम आपको सबकुछ याद दिला देंगे। 25 अगस्‍त को डेरा सच्‍चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम पर चल रहे साध्‍वी यौन शोषण केस में फैसला आना था। आपको पता था कि राम रहीम के लाखों भक्‍त हैं। जो फैसले के दिन से पहले से पंचकुला में जुटने शुरु हो गए थे। पंचकुला में बढ़ती बाहरी भीड़ को देखकर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट को भी शंका हो गई थी। लेकिन, मनोहर लाल खट्टर साहब आपके भीतर शक शुबहा के कोई लक्षण नहीं थे। आपने प्रदेश भर में धारा 144 लागू करा दी थी। पैरामिलेट्री फोर्स की अतिरिक्‍त कंपनियां केंद्र सरकार से मांग ली थी। लेकिन, ये कैसी धारा 144 थी जो हजारों लाखों लोगों को पंचकुला में इकट्ठा कर रही थी।

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मनोहर लाल खट्टर साहब आपके प्रदेश के डीजीपी को इसी बात पर पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने 24 अगस्‍त को फटकार भी लगाई थी और पंचकुला में आए बाहर के लोगों की भीड़ को छांटने के निर्देश दे दिए थे वो भी तल्‍ख टिप्‍पणी के साथ। 24 अगस्‍त की रात में डीजीपी साहब कर रहे थे सुबह तक पंचकुला खाली करा लिया जाएगा। लेकिन, फैसले की घड़ी तक बाबा के समर्थक पंचकुला में ना सिर्फ डटे रहे बल्कि उन्‍होंने फैसला आने के बाद हिंसा भी की। जिसकी आशंका शायद आपको छोड़कर हर किसी को थी। दर्जनों गाडि़यों को फूंक दिया गया। सरकारी भवनों में आग लगा दी गई। मीडिया की ओबी वैन फूंक दी थी। पुलिस और अर्ध सैनिक बलों पर पथराव किया गया। हिंसा में 37 लोग मर गए।

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लेकिन, आपके लिए तो ये बड़ी बात थी कि आपने हालात काबू में कर लिए। 37 लोगों की मौत के बाद भी आपकी सरकार ने अपनी पीठ थपथपाई थी और कहा था कि हालात और बिगड़ सकते थे। लेकिन, हमने संभाल लिए। वाकई हालात और बिगड़ सकते थे। मनोहर लाल खट्टर साहब बेशक आपको पार्टी से अभयदान मिल गया हो। लेकिन, पंचकुला, हरियाणा और देश की जनता आपको पंचकुला में हुई हिंसा के लिए जिम्‍मेदार मानती है। आप चाहते तो वो हिंसा भी नहीं होती। जैसे 28 अगस्‍त को कुछ नहीं हुआ। 28 अगस्‍त को आपको इस बात का डर था कि अगर अब कुछ हुआ तो हम बच नहीं पाएंगे। ये डर 25 अगस्‍त को आपके भीतर नहीं था। हो सकता है कि आप किसी गफलत मे रहे हों या फिर हमारी उम्‍मीदें ही आपसे कुछ ज्‍यादा लग गई हों। सोचिएगा जरुर।