डोकलाम के बाद दुनिया में बढ़ गया भारत का कद, हिंदुस्तान के साथ आएंगे चीन के ‘दुश्मन’
डोकलाम मुद्दे पर चीन को झुकाकर भारत ने अपनी ताकत का परिचय दे दिया है। इसे साथ ही चीन की टेंशन भी बढ़ गई है। जानिए क्यों बदले हैं हालात ?
New Delhi Aug 31 : चीन को अब भारत की ताकत का अंदाजा हो गया है। डोकलाम के मसले पर भारत ने चीन को झुका कर साबित कर दिया है कि अब हर जगह ड्रैगन की दादागिरी नहीं चलेगी। भारत की शर्त पर इस मसले के सुलझने के बाद हिंदुस्तान का कद वैश्विक मंच पर काफी बढ़ गया है। वहीं चीन को बौना साबित होना पड़ा है। डोकलाम मुद्दे पर चीन की एक भी धमकी भारत को ना तो डरा पाई और ना ही डिगा पाई। भारत के इस रुख से चीन की टेंशन और भी बढ़ने वाली है। दरसअल, चीन की हमेशा ये नियत और नीति रही है कि छोटे देशों को अपने कब्जे में किया जाए। इसके लिए वो साम, दाम, दंड, भेद हर किसी का इस्तेमाल करता है। लेकिन, हिंदुस्तान को देखते हुए अब चीन के सताए छोटे देशों के हौंसले भी बुलंद हो रहे हैं।
भारत की स्थिति अब चीन के मुकाबले दक्षिण और दक्षिणपूर्वी एशिया में काफी मजबूत हो गई है। डोकलाम पर हिंदुस्तान ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए पूरी दुनिया को ये भी दिखा दिया है कि वो संकट के वक्त भी भूटान के साथ खड़ा रहा। अपनी दोस्ती निभाई। उसे अकेला नहीं छोड़ा। संकेत स्पष्ट तौर पर गए हैं कि भारत जिसके साथ खड़ा है उसका पूरा साथ देगा। चाहे अच्छा वक्त हो या फिर बुरा। डोकलाम की इस तनातनी पर एशियाई महाद्वीप के दूसरे देशों की भी नजरें टिकीं हुईं थीं। खासतौर पर उन देशों की जो चीन से परेशान हैं। चीन के सताए देशों को भी अब एहसास हो गया है कि उसकी विस्तारवादी महात्वाकांक्षा को रोका जाना नामुमकिन नहीं है। अकेले अपने दम पर या फिर भारत के साथ चीन का मुकाबला करके।
डोकलाम के विवाद में जापान भी खुलकर भारत के साथ आ खड़ा हुआ था। उधर, अमेरिका ने भी हिंदुस्तान के स्टैंड को सही करार दिया था। डोकलाम का असर साउथ चाइना सी में चीन की दादागिरी पर भी पड़ सकता है। साउथ चाइना सी पर चीन के अलावा ताइवान, फिलीपीन्स, मलयेशिया, इंडोनेशिया और वियतनाम भी अपना-अपना दावा करते हैं। लेकिन, अपनी प्रभुत्ववादी सोच और ताकत के दम पर चीन इन देशों को वहां पर फटकने भी नहीं देता है। यहां पर चीन की दादागिरी का आलम ये है कि उसने इस मसले पर अंतरराष्ट्रीय अदालत का फैसला तक मानने से इनकार कर दिया था। लेकिन, डोकलाम में चीन के हर्ष के बाद अब ताइवान, फिलीपीन्स, मलयेशिया, इंडोनेशिया और वियतनाम भी चीन की ज्यादती का मजबूती से विरोध कर सकते हैं।
दरअसल, साउथ चाइना सी को लेकर पूर्वी एशियाई देशों के बीच सालों से तनाव बना हुआ है। यहां पर चीन की तानाशाही के खिलाफ अमेरिका भी खड़ा है। उसके जंगी बेड़े यहां पर लगातार गश्त करते हैं। वहीं दूसरी ओर चीन यहां पर नए द्वीप बनाकर वहां अपनी सैन्य ताकत को बढ़ा रहा है। ताकि छोटे देशों को डराया और धमकाया जा सके। लेकिन, भविष्य में ये तस्वीर बदल सकती है। साउथ चाइना सी के विवाद में भारत का कोई भी सीधा दखल नहीं है। लेकिन, चीन के खिलाफ खड़े छोटे देशों को डोकलाम के बाद अब भारत से उम्मीदें बंध सकती है। जो ना सिर्फ चीन की टेंशन को बढ़ाएगा बल्कि उसकी बपौती को भी कम करेगा। सारे छोटे देश एकजुट हो गए तो चीन की साउथ चाइना सी में भी खैर नहीं।