‘पापा जी’ के ‘पाप’ में डूब गई राम रहीम के भक्तों की अरबों की प्रॉपर्टी
डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के अंधभक्तों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। खासतौर पर वो भक्त परेशान हैं जिन्होंने अपनी प्रॉपर्टी बाबा के नाम पर कर दी थी।
New Delhi Sep 03 : डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को उनके भक्त भगवान समझते थे। बाबा को देखकर उनके भक्तों को लगता था कि मानो साक्षात भगवान आसमान से जमीन पर अवतरित हो गए हों। बाबा ने भक्तों को क्या दिया पता नहीं लेकिन, भक्तों ने दिल खोलकर राम रहीम पर अपना सबकुछ न्यौछावर कर दिया था। बाबा के अंधभक्त डेरा में रुपयों से लेकर अनाज तक दान देते थे। यहां तक कि हजारों लोगों ने अपने बच्चों और प्रॉपर्टी तक को डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के हवाले कर दिया था। ये सोचते हुए कि उनका सब कुछ पापा जी के पास सुरक्षित है। लेकिन, ऐसे लोगों की अब मुश्किलें बढ़ चुकी हैं। राम रहीम साध्वी बलात्कार केस में 20 साल के लिए जेल जा चुका है और अदालत ने उसकी प्रॉपर्टी को जब्त करने के आदेश दे दिए हैं।
दरसअल, अभी 28 अगस्त को ही डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को सीबीआई की विशेष अदालत ने बलात्कार के दो केस में बीस साल कैद की सजा सुनाई थी। सजा के इस एलान के साथ ही पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने डेरा को दान में मिली सभी संपत्तियों को जब्त करने का आदेश दे दिया है। अदालत के इस फैसले के ऐसे लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं जिन्होंने डेरा को अपनी संपत्ति दान में दे दी थी। दानवीरों के डर और परेशानी की कई वजहें हैं। सबसे ज्यादा परेशान वो लोग हैं जिन्होंने अपनी प्रॉपर्टी का मालिकाना हक तो डेरा सच्चा सौदा के नाम पर ट्रांसफर कर दिया लेकिन, उस प्रॉपर्टी पर कब्जा अभी भी उन्हीं का है। ऐसे लोगों को अब इस बात का डर सता रहा है कि अदालत के आदेश पर उनकी ये प्रॉपर्टी जब्त हो जाएगी।
पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर ऐसे लोगों की संपत्ति को जब्त किया जा सकता है। इस सूरत में पापा जी के पाप का खामियाजा अंध भक्तों को भुगतना होगा। दरसअल, डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ऐसे लोगों को फंसाता था जिनके पास अपनी प्रॉपर्टी होती थी। उसके भक्त उस अंध भक्त को इस बात के लिए प्रेरित करते थे कि वो अपनी प्रॉपर्टी को डेरे में दान कर दें या फिर उसे बाबा के पास गिरवी रख दें। ताकि भगवान की रहमत उन पर बनी रही। बाबा के इसी झांसे में आकर डेरा के कई अनुयायियों और साधुओं ने अपनी संपत्ति राम रहीम को दान में दे दी। इस तरह की संपत्तियों की पॉवर आफ अटॉर्नी गुरमीत राम रहीम सिंह अपने पास ही रखता था। ये काम 1996 में शुरु हुआ था। जो अब तक जारी था।
राम रहीम अपने अनुयायियों से ये कहकर उनकी परीक्षा लेता था कि उनका समर्पण भाव कितना है। जिन भक्तों की अब आंख खुल गई है वो काफी परेशान हैं। ऐसे भक्त अब कोर्ट से इस बात की गुहार भी लगा सकते हैं कि जिन लोगों ने डेरे को अपनी संपत्ति दान में दी थी वो प्रॉपर्टी उन्हें लौटा दी जाए। बहरहाल, इस मामले में कोर्ट का क्या फैसला होगा किसी को पता नहीं। लेकिन, इतना जरुर है कि राम रहीम के अंध भक्तों की आंखे अब खुलती जा रही हैं। अफसोस इस बात का है कि जैसे जैसे उनकी आंखे खुल रही हैं वो खुद को पापी पापा जी के पाप में डूबा हुआ पा रहे हैं। ऐसे लोगों की प्रॉपर्टी और पैसा तो पहले ही लुट गया था। अब आस्था भी लुट चुकी है। टूटी आस्था बहुत महंगी साबित हो रही है।