कांग्रेस मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार पर एक्सक्लुसिव स्टोरी कर रही थीं पत्रकार गौरी लंकेश ?
कन्नड़ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के बाद पूरे देश में हंगामा हो रहा है। विपक्ष उनकी हत्या के लिए बीजेपी और संघ को जिम्मेदार बता रहा है। लेकिन, क्या हकीकत कुछ और है ?
New Delhi Sep 07 : कन्नड़ की वरिष्ठ महिला पत्रकार और समाजिक कार्यकर्ता गौरी लंकेश की गोली मारकर हत्या की जा चुकी है। उनकी हत्या उस वक्त की गई जब वो अपने घर पहुंची थी। घर के दरवाजे पर ही बदमाशों ने उनके सिर पर तीन गोलियां उतार दी। गौरी लंकेश की हत्या के बाद अब पूरे देश में हंगामा मचा हुआ है। कर्नाटक से लेकर दिल्ली तक में प्रदर्शन हो रहे हैं। राहुल गांधी और सोनिया गांधी इसे विचारधारा की हत्या करार दे रहे हैं। हत्या कर्नाटक में हुई लेकिन, कोसा केंद्र की मोदी सरकार को जा रहा है। इस बीच कुछ पत्रकारों ने ये भी दावा किया है कि इस मुद्दे यानी गौरी लंकेश के हत्याकांड को राजनैतिक तौर पर भटकाने की कोशिश की जा रही है। गौरी की हत्या के पीछे मसला कुछ और ही है।
एबीपी न्यूज के पत्रकार हैं विकास भदौरिया। जो लंबे समय से भारतीय जनता पार्टी की बीट कवर करते हैं। विकास भदौरिया ने अपने ट्विटर हैंडल @vikasbha से पांच सितंबर की रात ग्यारह बजकर 59 मिनट पर एक ट्वीट किया। ट्वीट अंग्रेजी में था। जिसमें उन्होंने लिखा A journo #GauriLankesh was killed in a dastardly crime Period #Bangluru. she was working on Siddhramaiah’s Govt Curruption Story. यानी विकास भदौरिया दावा कर रहे हैं कि गौरी लंकेश कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ स्टोरी कर रही थीं। एक वरिष्ठ पत्रकार का ये दावा कई सवाल खड़े करता है। खुद कर्नाटक की कांग्रेस सरकार और सिद्धारमैया को कठघरे में खड़ा करता है।
हालांकि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया इस केस में एक विशेष जांच दल यानी एसआईटी का गठन कर चुके हैं। जिसकी अध्यक्षता पुलिस महानिरीक्षक करेंगे। लेकिन, सवाल उठता है कि जिस सरकार पर ही ये आरोप लग रहे हों कि उन्हें ही गौरी लंकेश की स्टोरी से खतरा था तो क्या ऐसे में जांच सही दिशा में चल पाएगी। या फिर सीबीआई ही इस केस में दूध का दूध और पानी का पानी कर सकती है। कर्नाटक की सरकार और कांग्रेस हाईकमान ने जिस तरह से इस केस को टर्न देकर अपने सिर का ठीकरा बीजेपी और केंद्र सरकार के सिर पर फोड़ा है वो भी काफी चौंकाने वाला है। जांच अभी ढंग से शुुरु भी नहीं हुई लेकिन, राहुल गांधी और सोनिया गांधी एक नतीजे तक पहुंच गए, कैसे ?
इसमें कोई शक नहीं है कि गौरी लंकेश अपने 16 पन्नों की पत्रिका ‘गौरी लंकेश पत्रिके’ में महज 15 रुपए में तमाम हस्तियों की धज्जियां उड़ाने का मद्दा रखती थीं। वो अपनी इस पत्रिका में ‘कंडा हागे’ नाम से कॉलम लिखा करती थीं। जिसका मतलब होता है ‘जैसा मैंने देखा’। तो क्या इस बार उन्होंने ऐसा कुछ देख लिया था जो किसी को नंगा कर सकता था ? किसी के भ्रष्टाचार की पोल खोल सकता था ? आखिर वो कौन लोग थे जिन्हें गौरी लंकेश से खतरा था। या कहें उनकी स्टोरी से खतरा था। क्या एसआईटी इस बात की जांच करेगी कि गौरी लंकेश इस बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनकी कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ कुछ काम कर रही थीं ? या उनकी हत्या के बारे में जो तथ्य पेश किए जा रहे हैं वैसे ही जांच भी की जाएगी ? क्योंकि ढेरों पत्रकार ऐसे हैं जो कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं के खिलाफ लिखते हैं। विचारधाराओं के खिलाफ लिखते हैं लेकिन, जान का खतरा उन्हीं पत्रकारों को रहता तो भ्रष्टाचार उजागर करते हैं। देखिए और इंतजार कीजिए कि तफ्तीश में क्या होता है।