क्‍या वाकई आतंकवाद पर सुधरना चाहता है पाकिस्‍तान या कर रहा है ‘बतोलेबाजी’ ?

आतंकवाद के संरक्षण को लेकर पाकिस्‍तान की इंटरनेशल फजीहत हो रही है। पाक इस मुद्दे पर हर जगह ‘थपडि़याया’ जा रहा है। क्‍या वाकई वो सुधरना चाहता है ?

New Delhi Sep 07 : आतंकवाद पर अमेरिका की फटकार और ब्रिक्‍स सम्‍मेलन में इंटरनेशनल फजीहत के बाद अब पाकिस्‍तान को भी इस बात का एहसास होने लगा है कि वो अपने देश में सपोलों को दूध पिला रहा है। पाकिस्‍तान अपनी भूल को सुधारना चाहता है। लेकिन, सवाल ये उठ रहे हैं कि क्‍या पाक आतंकवाद पर सुधर पाएगा ? क्‍योंकि आतंकवाद और धोखेबाजी उसकी रग-रग में समा चुकी है। उसके खून के हर कतरे में नापाक इरादे घुसे हुए हैं। आतंकी सपोलों को दूध पिलाते-पिलाते वो खुद सांप बन गया है। पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री ख्‍वाजा आसिफ आतंकवाद पर अपनी गलती को मान रहे हैं। वो कह रहे हैं कि अब हम साफ सुथरे रास्‍ते पर चलना चाहते हैं। लेकिन, क्‍या पाक आर्मी उन्‍हें ये रास्‍ता अख्तियार करने देगी ?

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एक ओर ख्‍वाजा आसिफ मान रहे हैं कि आतंकवाद को पनाह देकर उसने गलती हुई है। दूसरी ओर पाक आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं। जनाब कहते हैं कि अगर पाकिस्‍तान ने आतंकवाद के खिलाफ कुछ नहीं किया, तो इसका मतलब है कि किसी भी देश ने इसके खिलाफ कुछ नहीं किया। कमर जावेद बाजवा के कहने का मतलब आप समझ चुके होंगे। जावेद साहब कहना चाहते हैं कि उन्‍होंने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ ही जंग लड़ी है। अपने मुल्‍क से आतंकियों का सफाया किया है। अगर कमर जावेद बाजवा की बातों में तनिक भी सच्‍चाई है तो वो बताएं कि फिर लश्‍कर-ए-तैयबा का संस्‍थापक और जमात-उद-दावा का चीफ हाफिज सईद कैसे खुलेआम भारत और अमेरिका के खिलाफ आग उगलता है। नजरबंदी से पहले तक वो खुलेआम घूमता था।

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सिर्फ हाफिज सईद ही नहीं, हिजबुल मुजाहिद्दीन का चीफ सैयद सलाहुद्दीन जब जहां चाहता है रैली करता है। जिसको चाहता है धमकता है। आतंकियों के ट्रेनिंग कैंप चलाता है। इन्‍हीं कमर जावेद बाजवा साहब के जवान आतंकियों का फुल सपोर्ट करते हैं। उन्‍हें हथियार मुहैया कराते हैं। भारत में घुसपैठ कराते हैं। जैश-ए-मोहम्‍मद के मुखिया मौलाना मसूद अजहर को ही ले लीजिए। पाकिस्‍तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के अफसर रावलपिंडी में उसके साथ बैठकर बिरयानी खाते हैं। मुर्गे की टांग नोचते हुए भारत में हमले की प्‍लानिंग बनाई जाती है। क्‍या ये सब बातें आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा को नहीं पता है ? सौ फीसदी पता है जनाब। पर झूठ बोलते हैं कमर जावेद बाजवा कि वो आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करते हैं।

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कमर जावेद बाजवा का बयान ख्‍वाजा आसिफ के बयान की काट है। एक मानता है कि हम आतंकियों को पाल रहे हैं लेकिन, हम सुधरना चाहते हैं। दूसरा उसके सामने बतोलेबाजी शुरु कर देता है। यकीन मानिए इस सूरत में कभी भी पाकिस्‍तान से आतंकवाद का सफाया नहीं हो सकता। वैसे भी पाक में आतंकियों की जड़ इतनी मजबूत हो चुकी है कि वो पाक सरकार को भी उखाड़ फेंकने की ताकत रखते हैं। पाक सरकार चाहे तो भी उन पर कार्रवाई नहीं कर सकती। क्‍योंकि उसे विद्रोह का सामना करना पड़ेगा। पाक में तो आर्मी की वर्दी और सफेदपोश में भी आतंकी छिपे हुए हैं। अगर ऐसा नहीं होता तो अलकायदा के मुखिया ओसामा बिन लादेन को यूं ही पाक के एबटाबाद में अमेरिका से बचाने के लिए पनाह ना दी गई होती। पाक में आतंक का अतीत और वर्तमान बहुत काला है। भविष्‍य कहां से उज्‍जवल होगा ?