केशव प्रसाद मौर्य होश में आओ, प्रधानमंत्री की भ्रष्‍टाचार विरोधी मुहिम में पलीता ना लगाओ !

उत्‍तर प्रदेश के उपमुख्‍यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य इन दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ही भ्रष्‍टाचार विरोधी मुहिम में पलीता लगाने में जुटे हुए हैं। जानिए कैसे ?

New Delhi Sep 11 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आपने कई बार सुना होगा। उनके भाषणों को कई बार देखा और समझा होगा। वो अकसर भ्रष्‍टाचार के खिलाफ बयान देते हैं। खुलकर कहते हैं ना खाऊंगा ना खाने दूंगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच है कि भ्रष्‍टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस हो। एक फीसदी का भी भ्रष्‍टाचार बर्दास्‍त ना किया जाए। लेकिन, उन्‍हीं की पार्टी के वरिष्‍ठ नेता और उत्‍तर प्रदेश के उप मुख्‍यमंत्री केशव प्रसाद मौये प्रधानमंत्री की भ्रष्‍टाचार विरोधी मुहिम में पलीता लगाते हुए नजर आ रहे हैं। नेता जी कहते हैं कि खाओ लेकिन, इतना जैसे दाल में नमक। जाहिर है केशव प्रसाद मौर्य का ये बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हरगिज पसंद नहीं आ सकता। आना भी नहीं चाहिए। क्‍योंकि केशव प्रसाद मौर्य का बयान सीधे तौर पर भ्रष्‍टाचार को बढ़ावा देने वाला है।  

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अभी रविवार की ही बात है। उत्‍तर प्रदेश के उप मुख्‍यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य हरिदोई में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्‍सा लेने के लिए पहुंचे थे। इसी कार्यक्रम में उन्‍होंने भ्रष्‍टाचार को लेकर विवादित बयान दे डाला। ऐसा नहीं है कि उन्‍होंने भ्रष्‍टाचार के खिलाफ बड़ी-बड़ी बातें ना की हों। हर नेता और हर पार्टी की तरह उन्‍होंने भी इस कार्यक्रम के मंच से भष्‍टाचार के खिलाफ तमाम ढीेंगें हांकी। लेकिन, थोड़ी ही देर में सच्‍चाई उनकी जुबान पर आ गई। नेता जी कह बैठे कि खाओ लेकिन, उस तरह से जैसे दाल में नमक खाया जाता है। केशव प्रसाद के बयान को ना तो तोड़ा गया है और ना ही मरोड़ा गया है। इस बयान का सिर्फ और सिर्फ एकमात्र यही मतलब निकलता है कि नेता जी ने छोटे भ्रष्‍टाचार की पैरवी कर डाली है। उसे जायज ठहरा दिया है।

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हालांकि इस कार्यक्रम में उत्‍तर प्रदेश के उपमुख्‍यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ये कहते हुए भी नजर आए कि ‘अब कोई  भ्रष्‍टाचार के लिए नहीं कहता कि नेता कमाएगा। ठेकेदार और अफसर मिलकर सड़क के नाम पर पैसा लाएंगे और सड़क नहीं बनाएंगे, कहां जाएंगे. अब ऐसा कोई ठेकेदार नहीं कर पाएगा और न ही कोई अफसर इस तरह नौकरी कर पाएगा, ये हमारी सरकार का फैसला है। इसके बाद नेता जी कहते हैं कि हम भ्रष्‍टाचार से मुक्‍त शासन चाहते हैं। कमाओ, लेकिन ऐसे जैसै दाल में नमक खाया जाता है वैसे खाओ। केशव प्रसाद मौर्य कहते हैं कि कमाई करना या फिर व्‍यापार करना कोई गलत नहीं है। लेकिन, जनता का पैसा अगर लूटने की कोशिश होगी तो ऐसे लोगों को माफ नहीं किया जाएगा।

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सीधे शब्‍दों में कहें तो भ्रष्‍टाचार पर केशव प्रसाद मौर्य दो नावों पर सवार नजर आ रहे थे। इस सूरत में नाव अगर विपरीत दिशा में जाएं तो क्‍या हो सकता है इस बात का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। सवाल ये उठ रहे हैं कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भ्रष्‍टाचार के खिलाफ नजरिया एकदम क्‍लीयर है तो फिर बीजेपी के दूसरे नेताओं का नजरिया स्‍पष्‍ट क्‍यों नहीं है। क्‍यों वो एक ओर कहते हैं कि सरकार भ्रष्‍टाचार बर्दास्‍त नहीं करेगी वहीं दूसरी ओर कहते हैं खाओ लेकिन, दाल में नमक की तरह। केशव प्रसाद मौर्य जी भ्रष्‍टाचार का मतलब भ्रष्‍टाचार ही होता है। एक रुपए का भ्रष्‍टाचार भी भ्रष्‍टाचार ही कहलाएगा और एक अरब रुपए का भी। करप्‍शन की शुरुआत ही एक रुपए से होती है। जो बाद में बढ़कर अरबों खरबों तक पहुंच जाती है। मार्य साहब ऐसे में आपको जवाब तो देना होगा कि आखिर क्‍यों आप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भ्रष्‍टाचार विरोधी मुहिम में पलीता लगा रहे हैं।