ऐसे मंत्रियों को कब तक ढोएंगे पीएम मोदी ?, जो बयान से सिर्फ बवाल मचाते हैं

पीएम मोदी के लिए ऐसे मंत्री क्या किसी आफत से कम नहीं हैं, जो अपने बयानों की वजह से बवाल मचाते जा रहे हैं ? एक और मंत्री जल्द ही टारगेट पर आ गए।

New Delhi, Sep 17 : क्या ऐसे मंत्री पीएम मोदी के लिए मुश्किलें खड़ी करने का काम नहीं कर रहे ? केंद्रीय मंत्री अल्फोंस कन्ननथानम के बयान के बाद से ये चर्चा देशभर में हो रही है। अल्फोंस के मुताबिक “पेट्रोल डीजल कौन खरीदता है? ऐसा शख्स जिसके पास कार हो, बाइक हो। निश्चित रूप वो भूखे नहीं हैं।’’ ये एक केंद्रीय मंत्री का जवाब है उस ज्वलंत सवाल पर जो आज देश में हर किसी को परेशान कर रहा है। 3 साल के दौरान पेट्रोल और डीजल के दाम सबसे ज्यादा ऊंचाई पर हैं लेकिन केंद्र ने डेली फ्यूल प्राइस रिवीजन पॉलिसी को जारी रखने की बात कही है। अल्फोंस पर्यटन विभाग में स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्री हैं।

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ये पहले मंत्री नहीं हैं, जो इस तरह से विवादों से घिरे रहे हैं। इससे पहले सासंद और बीजेपी के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह भी कुछ इसी तरह का विवादित बयान दे चुके हैं, हालांकि उनका मुद्दा पेट्रोल नहीं बल्कि वंदे मातरम और मुसलमानों को लेकर था, लेकिन आग तो उस बयान से भी लगी थी। वंदे मातरम को लेकर गिरिराज सिंह ने कहा था कि जिन लोगों को वंदे मातरम कहने से परेशानी है, वो पाकिस्तान चले जाएं। गिरिराज सिंह ने ये भी कहा था कि देश में मुसलमामन जिस तरह से बढ़ते जा रहे हैं, इस वजह से अब उन्हें अल्पसंख्यक नहीं कहना चाहिए। केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले भी अपने बयानों को लेकर विवादों में रह चुके हैं।

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एक न्यूज एजेंसी बात करते हुए रामदास अठावले ने कहा था कि देश की सेना में आरक्षण लागू कर दिया जाए। ऐसे में अब तेल मंहगा होने पर मोदी के एक और मंत्री का विवादित बयान। क्या इससे ऐसा नहीं लगता कि आने वाले वक्त में अल्फोंस के लिए ये मंत्री पद चार दिन की चांदनी जैसा साबित होगा। पेट्रोल और डीजल की कीमतें बीत 3 साल के सबसे ऊंचे लेवल पर हैं। बुद्धवार को दिल्ली में पेट्रोल 70.38 रुपये प्रति लीटर की कीमत पर बिका। मीडिया द्वारा जब सवाल पूछा गया तो केंद्रीय मंत्री अल्फोंस कन्ननथानम ने ये बयान देकर नए विवाद को जन्म दे दिया। कुछ और भी बातें हैं इस बारे में…

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इसके अलावा पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कह दिया कि सरकार रेट तय करने के तरीके को किसी भी हाल में नहीं बदलेगी। लगातार बढ़ते विवाद, केंद्रीय मंत्रियों और सासंदों के द्वारा दिए जा रहे विवादित बयान और इन सबके बीच में फंसे पीएम मोदी अब क्या करेंगे ? देश में विकास का नारा बुलंद करने वाले पीएम पर देश भर की जनता का भरोसा है। लेकिन क्या ये मंत्री इस तरह के विवादों से भरोसे से खिलवाड़ नहीं कर रहे ? सवाल ये भी है कि क्या वो वक्त अभी नहीं आया है कि सरकार की तरफ से ऐसे मंत्रियों और सासंदों के लिए कोई कड़ा फैसला लिया जाए ? सवाल कई हैं जो देश को कचोट रहे हैं। इसलिए जवाब देना तो बनता है।