अमित शाह की इस रणनीति के आगे ‘चौपट’ है माया-ममता का प्‍लान 2019 !

बीजेपी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अमित शाह ने माया-ममता के प्‍लान 2019 को पूरी तरह चौपट करने की तैयारी कर ली है। जानिए कैसे दी जाएगी शिकस्‍त ?

New Delhi Sep 19 : 2019 के लोकसभा चुनाव इस बार कई मायने में खास होंगे। जहां एक ओर भारतीय जनता पार्टी के सामने 2014 जैसा दबदबा कायम रखने की चुनौती होगी वहीं दूसरी ओर तमाम दल इस फिराक में रहेंगे कि वो बीजेपी से अपनी खोई हुई सियासी जमीन को हासिल कर लें। बेशक कांग्रेस राष्‍ट्रीय पार्टी है। देश में सबसे बड़ी और पुरानी पार्टी का दर्जा भी उसे हासिल है। लेकिन, माना जा रहा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में जंग बीजेपी बनाम क्षेत्रीय पार्टियों के बीच देखने को मिलेगी। रण के इस क्षेत्र को ध्‍यान में रखते हुए भारतीय जनता पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अमित शाह अपनी प्‍लानिंग में जुट चुके हैं। राज्‍यों और क्षेत्रीय पार्टियों के आधार पर अमित शाह ने अपनी चुनावी रणनीति तैयार की है। उसी के हिसाब से काम किया जा रहा है।

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2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अमित शाह ने 350 सीटों पर जीत हासिल करने का लक्ष्‍य रखा है। 300 का लक्ष्‍य को 2014 के लोकसभा चुनाव में ही था। अमित शाह का अपने सभी नेताओं से स्‍पष्‍ट तौर पर ये कहना है कि फोकस उन सीटों पर रखा जाए जहां पर बीजेपी चुनाव हारी है। खासतौर पर ऐसी सीटों को टारगेट किया जाए जहां हार और जीत का अंतर बेहद कम रहा है। इस बार उन सीटों पर भी जीत हासिल करने का लक्ष्‍य है। माना जा रहा है कि अमित शाह को यूपी में मायावती और पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी से कड़ी चुनौती मिल सकती है। यूपी में मायावती से चुनौती मिलने के कई कारण हैं। उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हालत क्‍या रही थी। सभी को पता है। कांग्रेस यहां पर दहाई के आंकड़े को भी पार नहीं कर पाई थी। उसे इस चुनाव में सिर्फ सात सीटों पर ही जीत मिली थी।

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जबकि मायावती की पार्टी बीएसपी ने 19 सीटों पर जीत हासिल की थी। समाजवादी पार्टी को 47 सीटें मिली थीं। भारतीय जनता पार्टी ने 403 सीटों वाली यूपी विधानसभा में 312 सीटें हासिल कर सभी दलों का सूपड़ा साफ कर दिया था। इन सबके बाद भी यूपी में लोकसभा चुनाव में अमित शाह का मुकाबला मायावती से हो सकता है। वो इसलिए क्‍योंकि समाजवादी पार्टी में रार बरकरार है। अगर यही हाल रहा तो सपा रेस से बाहर होगी और मायावती की चाल कामयाब होगी। लेकिन, अमित शाह ने यूपी में भी अपनी गोट अभी से फिट कर दी है। वहीं पश्चिम बंगाल में इस बार हर हाल में तृणमूल कांग्रेस का मुकाबला भारतीय जनता पार्टी से ही होगी। अभी हाल ही पश्चिम बंगाल में जो नगर निकाय के चुनाव हुए थे उसमें भी बीजेपी ने तृणमूल कांग्रेस को कड़ी टक्‍कर दी थी। यानी यहां से बीजेपी को सौ फीसदी फायदे का अनुमान है।

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दोनों राज्‍य इसलिए भी अहम हैं क्‍योंकि यहां पर लोकसभा सीटें भी काफी हैं। पश्चिम बंगाल में 42 सीट हैं तो यूपी में 80 सीटें। अमित शाह के केंद्र में भी अभी यही दोनों राज्‍य हैं। शायद यही वजह है कि अमित शाह ने 2019 के लोकसभा चुनावों में जीत को ध्यान में रखते हुए बीजेपी के पश्चिम बंगाल के प्रभारी को 1.5 करोड़ वोट बटोरने का लक्ष्‍य दे दिया है। अगर बीजेपी इस लक्ष्‍य को हासिल कर लेती है तो उसका वोट 30 फीसदी तक पहुंच जाएगा। जो बीजेपी को यहां पर जिताने के लिए काफी है। इन दो राज्‍यों के अलावा कुछ और राज्‍यों में भी शह और मात का खेलने देखने को मिलेगा। सीधे शब्‍दों में समझिए कि इस बार 2019 का मुकाबला बेहद दिलचस्‍प रहने वाला है। राजनीति के इस खेल में मजा आएगा।