आसिफ अली जरदारी ने ही कराई थी पत्‍नी बेनजीर भुट्टो की हत्‍या !

बेनजीर भुट्टो के हत्‍याकांड में बेशक पाकिस्‍तान की अदालत का फैसला आ चुका हो। लेकिन, उनके पति आसिफ अली जरदारी हत्‍या के सियासी आरोप से बच नहीं पा रहे हैं।  

New Delhi Sep 22 : 27 दिसंबर 2007 को पाकिस्‍तान के रावलपिंडी के लियाकत बाग में एक चुनावी सभा के दौरान बेनजीर भुट्टो की हत्‍या कर गई थी। बेनजीर भुट्टो किसी मुस्लिम देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं। उन्‍होंने अपनी राजनीति ने से ना जाने कितने सियासी दिग्‍गजों की नींव हिलाकर रख दी थी। 2007 का वो वक्‍त पाकिस्‍तान में कई लोगों को परेशान कर रहा था। बेनजीर भुट्टो कई नेताओं के आंख की किरकिरी बन गईं थीं। पाकिस्‍तान की अदालत ने इस केस में पाकिस्‍तान के पूर्व राष्‍ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ को भगोड़ा घोषित किया हुआ है। परवेज मुर्शरफ इस वक्‍त लंदन में हैं। परवेज मुशर्रफ ने आरोप लगाया है कि बेनजीर भुट्टो की हत्या के पीछे उनके पति आसिफ अली जरदारी का ही हाथ है। आसिफ अली जरदारी इस वक्‍त पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी यानी PPP के नेता हैं। वो खुद भी यहां के राष्‍ट्रपति रह चुके हैं।

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परवेज मुशर्रफ ने इस संबंध में एक वीडियो मैसेज जारी किया है। इस वीडियो मैसेज में उन्‍होंने आसिफ अली जरदारी को बेनजीर भुट्टो के साथ साथ उनके भाई मुर्तजा भुट्टो की हत्‍या के लिए भी जिम्‍मेदार ठहराया है। परवेज मुशर्रफ का कहना है कि बेनजीर की हत्‍या से सबसे ज्‍यादा फायदा अगर किसी को हुआ है वो आसिफ अली जरदारी ही हैं। परवेज मुशर्रफ ने इस वीडियो को अपने फेसबुक वॉल पर भी शेयर किया है। जाहिर है परवेज मुशर्रफ के इन आरोपों के बाद पाकिस्‍तान की राजनीति गरमा सकती है। हालांकि ये कोई पहला मौका नहीं है जब आसिफ अली जरदारी पर किसी ने उनकी पत्‍नी बेनजीर भुट्टो की हत्‍या का आरोप लगाया हो। 2007 से ही उन पर इस तरह के आरोप लगते रहे हैं।

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हालांकि हर बार आसिफ अली जरदारी इन आरोपों को नकारते रहे हैं। उनका कहना है कि गंदी सियासत के चलते लोग उन पर इस तरह के ओछे आरोप लगा रहे हैं। अभी 31 अगस्‍त को ही पाकिस्‍तान की एंटी टेररिज्‍म कोर्ट ने बेनजीर हत्‍याकांड में अपना फैसला सुनाया था। अदालत ने इस केस में पांच को बरी कर दिया था। जबकि परवेज मुशर्रफ को भगोड़ा घोषित कर दिया था। जबकि दो दोषियों को सजा सुनाई गई थी। रावलपिंडी में चुनावी रैली में बम विस्‍फोट के जरिए उनकी हत्‍या की गई थी। रैली में हुए इस विस्‍फोट में बीस और लोग भी मारे गए थे। 2007 में ये उन पर दूसरा हमला था। पहले हमले में भी रैली में विस्‍फोट किया गया था। लेकिन, वो बाल-बाल बच गई थीं। लेकिन, दूसरे हमले में मारी गईं।

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जिस वक्‍त पाकिस्‍तान में बेनजीर भुट्टो की हत्‍या हुई थी उस वक्‍त उनकी उम्र 54 बरस थी। परवेज मुशर्रफ उस वक्‍त पाकिस्‍तान के राष्‍ट्रपति हुआ करते थे। उन्‍होंने तख्‍तापलट कर पाकिस्‍तान की सत्‍ता को हथिया लिया था। बेनजीर तब पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की चीफ हुआ करती थीं। प्रधानमंत्री बनने के बाद उन पर भ्रष्‍टाचार के कई आरोप लगे थे। लेकिन, बाद में वो बेदाग निकली। बेदाग निकले के बाद ही उन्‍होंने पाकिस्‍तान में अपनी जोरदार वापसी की थी। लेकिन, कई लोगों को उनकी ये सियासी वापसी रास नहीं आ रही थी। मुशर्रफ का कहना है कि बेनजीर के मर्डर के बाद तो मेरी सरकार खतरे में पड़ गई थी। लेकिन, सबसे ज्‍यादा फायदा आसिफ अली जरदारी को हुआ था। मैं तो अपना सबकुछ खो चुका हूं। लेकिन, बेनजीर की हत्‍या के बाद आसिफ ने बहुत कुछ पा लिया है।