लालू यादव चाहते हैं तारीख पे तारीख ! लेकिन, जांच लटकेगी नहीं ‘जनाब’
CBI के सामने लालू यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव का हर दांव उलटा पड़ता हुआ नजर आ रहा है। एक बार फिर पूछताछ से बचने की कोशिश की।
New Delhi Oct 04 : एक कहावत आपने जरुर सुनी होगी, तू डाल-डाल मैं पात-पात। जी हां ये कहावत बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव और सीबीआई पर एकदम सटीक बैठती है। लालू यादव और उनके बेटे पर IRCTC के होटलों के टेंडर में गड़बड़ी का आरोप है। जिसकी जांच सीबीआई कर रही है। लालू यादव चाहते हैं कि कैसे भी कर के जांच टलती रहे और वो सीबीआई की पूछताछ से बचते रहें। पिछले तीन नोटिसों पर वो और तेजस्वी यादव बहाना बनाकर सीबीआई के सामने पेश नहीं हुए हैं। कभी लालू यादव अपनी बीमारी का हवाला देते हैं तो कभी कहते हैं कि उन्हें रांची में सीबीआई की अदालत में हाजिरी बजानी है हम कैसे पेश हों। यही हाल उनके बेटे तेजस्वी यादव का है। जो इतने बड़े नेता हो गए हैं कि अपनी राजनैतिक व्यस्तताओं का हवाला देकर सीबीआई से मोहलत मांग रहे हैं।
बहरहाल, सीबीआई भी कम नहीं है। जितने घाट का पानी लालू यादव ने पिया होगा उससे कहीं ज्यादा नेताओं को सीबीआई ने पानी पिला दिया होगा। लालू यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव को अभी चार और पांच अक्टूबर को सीबीआई के सामने पेश होना था। एक बार फिर दोनों ने सीबीआई से मोहलत की मांग की। लालू और तेेजस्वी ने अपने वकीलों के जरिए सीबीआई के पास संदेशा भिजवाया कि वो चार और पांच तारीख को सीबीआई के सामने पेश होने में असमर्थ हैं। सीबीआई ने भी कह दिया कि ठीक है अगर आप लोगों को चार और पांच तारीख सूट नहीं करती है तो हम दूसरी तारीख देे देते हैं। सीबीआई ने भी दरख्वास्त मंजूर कर ली और लालू और तेजस्वी को पूछताछ में शामिल होने के लिए नई तारीख का समन जारी कर दिया।
आपको भी ये जानकार हैरानी होगी कि सीबीआई ने लालू और तेजस्वी को कौन सी तारीखें दी हैं। लालू यादव और तेजस्वी को 4 और 5 अक्टूबर को सीबीआई के सामने पहुंचने में दिक्कत थी तो सीबीआई ने लालू को 5 और तेजस्वी को 6 तारीख को बुला लिया। नए तारीखों के समन को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि अगर लालू यादव खुद को शेर समझते हैं तो सीबीआई सवा शेर है। लालू जितना इस केस को लटकाना और टालना चाहते हैं सीबीआई उतना ही इस केस में तेजी दिखा रही है। लालू ने सोचा होगा कि अगर नई तारीख लेंगे तो अदालत की तारीखों की तरह ही इसमें भी काफी आगे की तारीख मिलेगी। लेकिन, ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। उलटा सीबीआई ने दोनों को बुरा फंसा दिया है।
अगर इन नई तारीखों पर भी लालू यादव और तेजस्वी यादव सीबीआई के सामने पेश नहीं होते हैं तो सीबीआई के पास अदालत में ये कहने को होगा कि उन्होंने लालू और तेजस्वी को तीन नोटिस जारी किए लेकिन, नेता जी लोग एक भी नोटिस पर उसके सामने पेश नहीं हुए। इस सूरत में लालू और उनके बेटे तेजस्वी यादव के खिलाफ जमानती या फिर गैर जमानती वारंट भी जारी हो सकता है। दोनों को गिरफ्तार किया जा सकता है। अब लालू को ये तय करना होगा कि वो पांच तारीख को बाइज्जत सीबीआई के सामने पेश होंगे या फिर अदालत का वारंट जारी होने के बाद गिरफ्तार होकर इस केस की पूछताछ में शामिल होंगे। हो सकता है कि लालू इसमें भी कोई ना कोई पॉलिटिकल माइलेज तलाश रहे हों।