अमेरिका ने उड़ा दी पाकिस्‍तान की धज्जियां, जगजाहिर हुआ ISI का आतंकी कनेक्‍शन

अमेरिका का दावा है कि पाकिस्‍तान की खुफिया एजेंसी ISI के ना सिर्फ आतंकियों से कनेक्‍शन हैं बल्कि वो अपनी अलग ही विदेश नीति भी चलाता है।

New Delhi Oct 04 : भारत जो बात सालों से कहता आ रहा है उस पर अब अमेरिका ने भी मुहर लगा दी है। भारत ये बात सालों से कहता आया है कि पाकिस्‍तान की खुफिया एजेंसी ISI के आतंकियों से कनेक्‍शन है। वो आतंकवादियों को फुल सपोर्ट देती है। पाक अधिकृत कश्‍मीर में भारत के खिलाफ आतंकी संगठनों को ISI का संरक्षण हैं। वहीं दूसरी ओर अफगानिस्‍तान के खिलाफ तालिबानी आतंकियों और हक्‍कानी नेटवर्क को आईएसआई ना सिर्फ फंडिंग करती है बल्कि उन्‍हें हथियार और जंग का दूसरा साजो-सामान भी मुहैया कराया जाता है। अब अमेरिका के टॉप जनरल ने कह दिया है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के आतंकी गुटों से ताल्‍लुक हैं। वो अपनी एक अलग ही विदेश नीति चला रही है। हालांकि पाकिस्‍तान इन बातों को नकार रहा है।

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पाकिस्‍तान के खिलाफ अमेरिका का ये आरोप बेहद संगीन और बहुत बड़ा है। इन आरोपों की जड़ में जाएंगे तो आपको महसूस होगा कि अमेरिका ने पाकिस्‍तान के खिलाफ कार्रवाई का मन बना लिया है। अगर ऐसा होता है तो दुनिया की कोई भी ताकत पाक को बरबाद होने से बचा सकती है। पाकिस्‍तान पर ये आरोप अमेरिका के टॉप कमांडर और ज्‍वाइंट चीफ्स के चेयरमैन जनरल जोसेफ डनफोर्ड ने लगाए हैं। ये बातें उन्‍होंने उस वक्‍त कहीं जब वो  सीनेट फॉरेन रिलेशन कमेटी के सदस्‍यों को संबोधित कर रहे थे। जनरल जोसेफ डनफोर्ड का कहना है कि ये बात बिल्‍कुल साफ है कि पाकिस्‍तान की खुफिया एजेंसी ISI के आतंकियों से रिश्‍ते हैं। उसके संबंध तालिबान से भी हैं। जिसका इस्‍तेमाल अफगानिस्‍तान के खिलाफ किया जाता है।

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अमेरिका लगातार इस कोशिश में जुटा हुआ है कि आतंकवाद को लेकर पाकिस्‍तान अपने बर्ताव में परिवर्तन लेकर आए। लेकिन, अफसोस वो ना तो समझने को तैयार है और ना ही सुधरने को। खुद अमेरिका भी मानता है कि कोई भी ऐसी चीज नहीं है जो पाकिस्‍तान के बर्ताव को बदल सके। जोसेफ डनफोर्ड के साथ-साथ अमेरिका के डिफेंस मिनिस्‍टर ने भी पाकिस्‍तान को अपने निशाने पर लिया है। उनका कहना है कि हमने अपनी डिवाइस से पाकिस्‍तान में मौजूद आतंकी संगठनों के ठिकानों को देखा है। अमेरिकी रक्षा मंत्री कहते हैं कि ISI खुद अपनी फॉरेन पॉलिसी चल रही है। जिस पर पाकिस्‍तानी सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। सब के सब आतंकियों के खिलाफ नरमी बरतते हैं।

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यहां गौर करने वाली बात ये भी है कि अमेरिका का ये बयान ऐसे वक्‍त पर सामने आया है जब पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री ख्‍वाजा आसिफ तीन दिनों के अमेरिका दौरे पर हैं। अभी अमेरिकी सरजमीं पर कदम रखते चंद घंटे ही बीते थे कि अमेरिका ने पाकिस्‍तान को बुरी तरह ठोंक दिया। पाकिस्‍तान को समझ लेना चाहिए कि अमेरिका का रुख उसके प्रति क्‍या है। अगर वाकई आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई में पाकिस्‍तान यूं ही हीलाहवाली करता रहा तो यकीनन उसे अमेरिकी क्रोध का सामना करना पड़ेगा। अमेरिका के बर्दास्‍त की हद पार हो रही है। प्‍यार से समझाने की भी एक लिमिट होती है। अमेरिका अब तक पाकिस्‍तान के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सिर्फ अपने पुराने संबंधों का ही लिहाज कर रहा है। लेकिन, ये लिहाज भी ज्‍यादा दिनों तक पाक को नहीं बचा सकता है।