पीएम मोदी ने सुधारी भूल ! GST में छोटे कारोबारियों को दी बड़ी राहत

पीएम मोदी ने भूल सुधार करते हुए एक बड़ा फैसला लिया है, जीएसटी के कारण परेशान हो रहे कारोबारी वर्ग को उन्होंने बड़ी राहत दी है।

New Delhi, Oct 06: जीएसटी, इस एक शब्द को हथियार बना कर विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर हमला कर रहा है। देश के कारोबारी वर्ग को इस से कितनी तकलीफ हो रही है, इस तरह की बातें सोशल मीडिया पर कही जा रही है। कांग्रेस ने तो खास तौर पर पीएम मोदी के खिलाफ जीएसटी को लेकर हल्ला बोल दिया है। गुजरात में जिस तरह से दुकान के बिल पर कमल का फूल हमारी भूल जैसे नारे छपे थे, उस ने बीजेपी को भी सोचने पर मजबूर कर दिया। उसी के बाद से पीएम नरेंद्र मोदी ने संकेत देने शुरू कर दिए थे। उन्होंने कहा था कि जरूरत पड़ने पर जीएसटी में संशोधन किया जाएगा। अब उनकी बात सही साबित होती दिख रही है।

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GST काउंसिल की बैठक में सर्राफा कारोबारियों के लिए बड़ा फैसला किया गया है। उनके अलावा मोदी सरकार ने छोटे कारोबारियों को भी राहत दी है। जीएसटी काउंसिल ने कम्पाउडिंग स्कीम के नियमों में बदलाव किया है, और उसकी सीमा बढ़ा दी है। कम्पाउडिंग योजना की सीमा 75 लाख से बढ़कर 1 करोड़ कर दी गई है। इतना ही नहीं, कारोबारियों को तिमाही रिटर्न दाखिल करने की छूट भी दी गई है। इसको लेकर कहा जा रहा है कि पीएम मोदी ने भूल सुधार की है। कारोबारी वर्ग को हो रही दिक्कत बीजेपी के लिए खतरनाक साबित हो सकती थी। लिहाजा अब सरकार ने उनको राहत देने का फैसला किया है। .

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इस बैठक में पीएमएलए एक्ट से सर्राफा कारोबार को बाहर कर दिया है। इसी के साथ अब डेढ़ करोड़ तक के टर्नओवर वाले कारोबारी तीन महीने में रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। साथ ही रिवर्स चार्ज की व्यवस्था को 31 मार्च  तक स्थगित कर दिया गया है। कुल मिलाकर जीएसटी के वर्तमान स्वरूप के अंदर ही पीएम मोदी ने राहत देने की गुंजाइश निकाली है। बता दें कि जीएसटी के जरिए वैट की प्रणाली को बदलने का काम किया जा रहा है। पिछले कई दिनों से ये खबरें आ रही हैं देश में छोटे-बड़े कारोबारियों को नए टैक्स सिस्टम को अपनाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जीएसटी काउंसिल की बैठक में इन्ही परेशानियों को दूर करने पर चर्चा हुई। जिसका बाद ये फैसला सामने आया है।

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इस से पहले बुधवार को पीएम मोदी ने जीएसटी को लेकर बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि सरकार लोगों की परेशानी को देखते हुए जीएसटी कानून में बदलाव कर सकती है। उन्होंने कहा था कि उन अड़चनों को दूर करने की कोशिश की जाएगी जिनके कारण व्यापारियों को तकलीफ हो रही है। वहीं सियासी जानकारों के मुताबिक गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीख पास आने के साथ साथ वहां के व्यापारी वर्ग की नाराजगी भी खुल कर सामने आने लगी है। राहुल गांधी लगातार जीएसटी  को लेकर बीजेपी और मोदी पर हमलावर हैं। ऐसे में अगर सरकार कारोबारी वर्ग को राहत नहीं देती तो उसे सियासी तौर पर नुकसान हो सकता था।