नॉर्थ कोरिया बाद में, पहले पाकिस्तान को मिटाना है, डोनाल्ड ट्रम्प की ‘अटल’ प्रतिज्ञा !

नॉर्थ कोरिया को बाद में देख लेंगे, लेकिन उससे पहले अमेरिका के बम पाकिस्तान पर गिरेंगे। डोनाल्ड ट्रम्प के इरादों से तो फिलहाल ऐसा ही लगता है।

New Delhi, Oct 07:  नॉर्थ कोरिया और पाकिस्तान दोनों मुल्क एक जैसे लेकिन एक मुल्क में आतंकवादियों को जन्म दिया जा रहा है और दूसरे मुल्क में तानाशाह ही आतंकियों जैसी हरकतें कर रहा है । सवाल ये है कि अमेरिका का पहला निशाना कौन सा मुल्क बनेगा ? क्योंकि इस वक्त अमेरिका दोनों मुल्कों पर अपना गुस्सा जाहिर कर चुका है।  अब लग रहा है कि पाक पर ही अमेरिका की पहली कार्रवाई होगी । इसके पीछे कुछ खास वजहें भी हैं। दरअसल सबसे पहली बात ये है कि अमेरिका बार बार कहता रहा है कि पाक में जो हो रहा है , वो मानवता को बर्बाद करने का काम हो रहा है।

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ट्रम्प ने लश्करे-तैयबा, हक्कानी गुट ,जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों को पनाह देने पर पाक कड़ी वॉर्निंग दी है। इसके बाद से पाक में खलबली मची है। अमेरिका और पाक के संबंधों में खटास कुछ इस कदर बढ़ गई है कि कभी भी कोई बड़ा फैसला अमेरिका द्वारा लिया जा सकता है। खबर है कि अमेरिका के विदेश मंत्री इसी महीने पाक की यात्रा पर जा रहे हैं। इसके बाद अमेरिका के रक्षा मंत्री भी पाक के दौरे पर जाएंगे। कहा जा रहा है कि इस बार पाक को आखिरी चेतावनी दी जाएगी। अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन और रक्षा मंत्री जिम मैटिस इसी महीने  पाक जाने वाले हैं।

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किसी समझौते की बात नहीं होगी बल्कि पाक की धरती पर पाक को ही चेतावनी दी जाएगी कि आगे एक भी गलत कदम उठाया गया तो अंजाम बेहद बुरा होगा। दरअसल अमेरिका पाक को सुधरने का आखिरी मौका दे रहा है। मैटिस का कहना है कि ट्रम्प पाक को एक और मौका देना चाहेंगे। अमेरिका जानना चाहता है कि क्या आखिरी बार पाक को समझाया जा सकता है। ट्रम्प चाहते हैं कि पाक की मदद से ही जिहादी संगठनों को नेस्तनाबूत किया जाए। अमेरिका बार बार कहता रहा है कि तमाम आतंकी संगठनों के लिए पाक स्वर्ग बन गया है। अमेरिका के बड़े अधिकारी साफ कर चुके हैं कि अमेरिका और पाक के रिश्ते इस वक्त गंभीर संकट के दौर से गुजर रहे हैं।

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दोनों ही मुल्कों के बीच गहरा अविश्वास देखने को मिला है। खुद पाक का भी मानना है कि अमेरिका और पाक एक दूसरे को काफी शक भरी निगाहों से देख रहे हैं। पाक का खुद मानना है कि ये रिश्ता एक गंभीर परेशानी में है। हाल ही में  पाक विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने 3 दिन का अमेरिकी दौरा किया था। वहां भी उन्हें काफी निराशा हाथ लगी थी। दरअसल वो भारत के बारे में कुछ बोल रहे थे, तो अमेरिका की तरफ से नाराजगी जताई गई थी। यानी अमेरिका का साफ कहना था कि पहले अपने मुल्क में पनप रहे आतंकियों को सुधारिए, उसके बाद ही आगे की बात होगी। साफ है कि अमेरिका के लिए नॉर्थ कोरिया बाद में , पहले पाकिस्तान बड़ी परेशानी बन रहा है।