लालू परिवार की बेनामी संपत्ति पर खुलेंगे स्‍कूल ? बच्‍चों को पढ़ाया जाएगा ईमानदारी का पाठ

आने वाले दिनों में अगर लालू यादव और उनके परिवार की बेनामी संपत्ति पर आपको स्‍कूल खुले मिले तो चौंकिएगा नहीं। क्‍योंकि होने को कुछ भी हो सकता है।

New Delhi Oct 10 : ये खबर हवा हवाई नहीं है। हो सकता है कि आने वाले दिनों में आपको बिहार में लालू यादव और उनके परिवार की बेनामी संपत्ति पर स्‍कूल खुले दिखाई पड़े। बच्‍चे यहां पर कखारा पढ़ते हुए दिखाई पड़े। गलत पैसों से कमाई गई जमीनों पर बच्‍चों को ईमानदारी का पाठ पढ़ाया जाए। ये सब बहुत मुमकिन है। अगर लालू यादव और उनके परिवार की बेनामी संपत्ति पर बिहार में स्‍कूल खोले जाते हैं तो इसमें आपको हैरत में आने की कोई जरुरत नहीं है। इस तरह की चर्चाएं बहुत गरम है। इन खबरों और चर्चाओं को उस वक्‍त और भी ज्‍यादा बल मिला है जब बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी नेता और राज्‍यसभा के सांसद आरसीपी सिंह से इस संबंध में सवाल किया गया था।

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राज्‍यसभा सांसद आरसीपी सिंह का कहना है कि बिहार सरकार पहले भी बेनामी संपत्ति जब्‍त कर उसमें स्कूल खोल चुकी है, ऐसे में अगर भविष्‍य में भी इस तरह का काम होता है तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए। पूरे बिहार ने देखा है कि किस तरह से नीतीश कुमार की सरकार के रिटायर्ड DGP की जो संपत्ति जब्‍त की गई थी उसमें भी स्कूल खोला गया। इसके अलावा बिहार में पूर्व मुख्‍य सचिव के घर में भी स्‍कूल खोल कर नई मिसाल कायम की जा चुकी है। ऐसे में अगर कहा जाए कि लालू यादव और उनके परिवार की बेनामी संपत्ति के साथ भी कुछ ऐसा ही होगा तो इसमें कुछ गलत नहीं है। लालू यादव और उनका परिवार इस वक्‍त बेनामी संपत्ति के मामले में बुरी तरह फंसा हुआ है।

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नेता जी और उनके परिवार की बेनामी संपत्ति के खिलाफ इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट की ओर से लगातार कार्रवाई भी की रहा है। लालू के दोनों बेटे तेजस्वी और तेजप्रताप के अलावा उनकी सांसद बेटी मीसा भारती के लगभग डेढ़ दर्जन संपत्तियों पर इनकम टैक्‍स का डंडा चल चुका है। दिल्‍ली से लेकर पटना तक कई प्रॉपर्टीज को अस्‍थायी तौर पर जब्‍त किया जा चुका है। अगर इनकम टैक्‍स की ये अस्‍थायी कार्रवाई स्‍थायी एक्‍शन में तब्‍दील होती है तो ये सबकुछ हो सकता है जिसकी उम्‍मीद लगाई जा रही है। दरअसल, लालू यादव और उनके परिवार की बेनामी संपत्तियों पर स्‍कूल खोले जाने की चर्चाएं इसलिए भी गरम हैं क्‍योंकि नीतीश और बीजेपी गठबंधन की सरकार इस तरह की मिसाल पहले ही पेश कर चुकी है।

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आपको ध्‍यान होगा कि जब बिहार में एक आईएएस अफसर की संपत्ति को जब्‍त किया गया था। उस वक्‍त भी नीतीश कुमार बिहार के ही मुख्‍यमंत्री थे और सुशील मोदी उपमुख्‍यमंत्री हुआ करते थे। दोनों के शासनकाल में उस आईएएस अफसर की संपत्ति पर दलित बच्चों के लिए स्कूल खोल दिया गया था। याददास्‍त के मुताबिक साल 2011 में ये कार्रवाई हुई थी। भ्रष्‍टाचार के खिलाफ नीतीश कुमार की ये कार्रवाई रोल मॉडल साबित हुई थी। इस तरह की हिम्‍मत हर कोई नहीं जुटा पाता है। शायद इसीलिए अब कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार और सुशील मोदी एक बार फिर भ्रष्‍टाचार के खिलाफ ऐसा ही रोल मॉडल स्‍थापित करेंगे। इस बार प्रॉपर्टी आईएएस की नहीं बल्कि पूर्व मुख्‍यमंत्री के परिवार की हो सकती है। इंतजार कीजिए और देखिए क्‍या होता है।