मिलिट्री राज की तरफ पाकिस्तान, सेना ने सत्ता पर कब्जा करना शुरू किया

पाकिस्तान एक बार फिर से मिलिट्री राज की तरफ बढ़ रहा है। पाकिस्तानी सेना ने गृहमंत्री को सुप्रीम कोर्ट में घुसने से रोक दिया, ये एक संकेत है।

New Delhi, Oct 14: भारत का पड़ोससी देश अपने दुर्भाग्य को रो रहा है। धर्म के नाम पर पाकिस्तान का गठन हुआ था, मुहम्मद अली जिन्ना ने जिस पाकिस्तान का सपना देखा था वो सपना चकनाचूर हो चुका है। जम्हूरियत का गला पाकिस्तान में एक नहीं कई बार घोंटा गया है। एक बार फिर से पाकिस्तान में मिलिट्री राज की आहट सुनाई दे रही है। ये तय माना जा रहा है कि आने वाले कुछ समय में सेना पाक सत्ता पर कब्जा कर लेगी। दरअसल जब से नवाज शरीफ प्रधानमंत्री की कुर्सी से हटे हैं उसके बाद से ही इस बात की आशंकाएं सिर उठा रही हैं। सेना का पाकिस्तान की सत्ता पर सीधा कंट्रोल रहा है। पाकिस्तान की जनता को एक बार फिर से सैन्य शासन के लिए तैयार रहना होगा।

Advertisement

इस बात के संकेत भी मिलने लगे हैं, जब किसी देश के गृहमंत्री को सेना कहीं जाने से रोक दे तो क्या अंदाजा लगाया जा सकता है। पाकिस्तान के गृहमंत्री एहसान इकबाल को पाकिस्तान की पैरा मिलिट्री फोर्स ने सुप्रीम कोर्ट में घुसने से रोक दिया। ये घटना नवाज शरीफ पर भ्रष्टाचार के मामले में सुनवाई के दौरान हुई। जब एहसान इकबाल सुप्रीम कोर्ट में जा रहे थे तो पैरा मिलिट्री फोर्सस के जवानों ने उनको रोक दिया। इस बात से गुस्साए एहसान इकबाल ने जो बात कही है वो पाकिस्तान के हालात को साफ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वो कठपुतली गृहमंत्री नहीं बने रह सकते हैं। वो इसका विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में एक ही शासन है और एक ही सरकार है।

Advertisement

गृहमंत्री के इस बयान के बाद सेना का जो बयान आया वो भी इस बात की तस्दीक कर रहा है कि सेना किस तरह से मिलिट्री राज को आगे बढ़ा रही है। सेना के प्रवक्ता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में जो जवान थे वो नवाज शरीफ की सुरक्षा में लगे थे। सुरक्षा के नाम पर नेताओं को नजरबंद करना सेना की पुरानी आदत है। एक तरह से ये कहा जा सकता है कि पाकिस्तान के नेताओं पर सेना ने निगरानी बढ़ा दी है। वो ये देख रही हैै कि कौन नेता क्या कर रहा है। इसके बाद भी एहसान इकबाल ने जांच के आदेश दे दिए हैं। इस टकराव के बाद ये साफ हो गया है कि पाकिस्तान की जनता को एक बार फिर से सैन्य तानाशाही के लिए तैयार रहना होगा।

Advertisement

दरअसल पााकिस्तान में सियासी संकट ही नहीं है, बल्कि पाक अर्थव्यवस्था भी लगातार खस्ताहाल हो रही है। अमेरिकी मैगजीन में छपे एख लेख की मानें तो पाकिस्तान की सत्ता पर सेना की पकड़ धीरे धीरे मजबूत होती जा रही है। सेना विदेश नीति और रक्षा नीति पर सीधे दखल देती है। यहां तक कि सेना अब पाकिस्तान में निवेश के मसलों पर भी दखल दे रही है। आजादी के 70 साल में से आधा समय पाकिस्तान का मिलिट्री राज में ही गुजरा है। सेना और सरकार के बीच जिस तरह सेे तनाव बढ़ रहा है वो अच्छा नहीं है। पाकिस्तान की आवाम भी सेना का साथ देती है, इसका कारण ये है कि पाक नेता और राजनीति भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हुए हैं, जनता को लगता है कि सेना ही पाकिस्तान का उद्धार कर सकती है।