जानिए कौन है अराकान रोहिंग्या रक्षा सेना, क्या भारत में भी होगा ‘विद्रोह’ ?
बहुत से लोग नहीं जानते हैं कि अराकान रोहिंग्या रक्षा सेना क्या है, वो क्या करती है ? क्या ये सेना भारत में भी विद्रोह की फिराक में है। जानिए लीजिए जरा।
New Delhi Oct 14 : इन दिनों रोहिंग्या मुसलमानों का मसला काफी गरम है। भारत सरकार रोहिंग्या मुसलमानों को अवैध शरणार्थी घोषित कर चुकी है। केंद्र सरकार का कहना है कि रोहिंग्या मुसलमान देश की आतंरिक सुरक्षा के लिए खतरा हैं। इन्हें वापस म्यांमार जाना होगा। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट से इन लोगों को फौरी राहत मिल चुकी है। अब ये मसला राष्ट्रीय सुरक्षा बनाम मानवाधिकार का बन गया है। लेकिन, एक बात हर किसी को बहुत अखर रही है। रोहिंग्या शरणार्थियों में ज्यादातर महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग ही नजर आते हैं। युवाओं की तादाद काफी कम है। क्या ये लोग अराकान रोहिंग्या रक्षा सेना के सदस्य बन चुके हैं। या फिर अराकान रोहिंग्या रक्षा सेना भारत में आतंकी की प्लॉनिंग कर रही है।
अराकान रोहिंग्या रक्षा सेना है क्या जरा ये भी समझ लीजिए। म्यांमार में हिंसा के कारण रखाइन प्रांत से करीब एक लाख रोहिंग्या मुसलमानों को अपना घर छोड़ना पड़ा है। म्यांमार में वहां की आर्मी के साथ विद्रोहियों के बीच रह-रहकर जंग होती रहती है। इस विद्रोह की कमान किसी और ने नहीं बल्कि अराकान रोहिंग्या रक्षा सेना ने ही संभाली हुई है। जिसे पाकिस्तान और बांग्लादेश के आतंकी संगठनों का पूरा सपोर्ट हासिल है। अराकान रोहिंग्या रक्षा सेना को म्यांमार के रखाइन प्रांत से ही ऑपरेट किया जाता है। पिछले साल ही इस संगठन ने म्यांमार आर्मी के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष की शुरुआत की थी। इसी संगठन ने म्यांमार के रखाइन प्रांत कई सुरक्षाकर्मियों की जान ले ली थी।
अराकान रोहिंग्या रक्षा सेना के कुछ क्षद्म नाम भी हैं। इसे हराकाह अल-यकीन के नाम से भी जाना जाता है। ये म्यांमार का चरमपंथी संगठन है। इस संगठन के लड़ाकों को पाकिस्तान के आतंकी संगठन प्रशिक्षण देते हैं। इतना ही नहीं इन्हें हथियार और गोला बारूद भी मुहैयार कराया जाता है। सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं बांग्लादेश के चरमपंथी भी इस संगठन को सपोर्ट करते हैंं। एक रिपोर्ट के मुताबिक अराकान रोहिंग्या रक्षा सेना को सऊदी अरब से भी अच्छी खासी फंडिंग होती है। इस संगठन के कई लोग सऊदी में भी पनाह लिए हुए हैं। इस संगठन के नेता का नाम अता उल्लाह है। जिसका जन्म तो पाकिस्तान में हुआ था। लेकिन, उसकी परवरिश सऊदी अरब में हुई। ये ही अराकान रोहिंग्या रक्षा सेना का मुखिया है।
हालांकि अराकान रोहिंग्या रक्षा सेना का कहना है कि उसके संबंध किसी भी जेहादी संगठन से नहीं हैं। लेकिन, देश की खुफिया एजेंसियों को जो पुख्ता जानकारी मिली है उससे साफ है कि ये खुद ही एक जेहादी संगठन है। जो रोहिंग्या मुसलमानों की रक्षा के नाम पर खूनखराबा कर रहा है। पाकिस्तान का आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का मुखिया मसूद अजहर चाहता है कि ये संगठन भारत में भी अपनी जड़े फैलाए। नागालैंड में भी इसी संगठन की ओर से हमले की साजिश रची जा रही है। इसके अलावा कश्मीर में भी कई रोहिंग्या मुसलमान इस संगठन के संपर्क में हैं। सबसे खास बात ये है कि इस संगठन में अब दूसरे देशों के आतंकी भी जुड़ रहे हैं। ये संकेत कम से कम भारत के लिए बेहतर नहीं हैं।