नीतीश कुमार के खिलाफ लालू यादव की ‘डरपोक’ पॉलिटिक्‍स

आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव नीतीश कुमार के खिलाफ बयानबाजी कर उन्‍हें भड़काना चाहते हैं। लेकिन, नीतीश का शांत स्‍वभाव उन्‍हें और भी डरा रहा है।

New Delhi Oct 16 : लालू यादव और उनके परिवार के भ्रष्‍टाचार के खिलाफ बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने महागठबंधन तोड़ दिया था और बीजेपी के साथ मिलकर दोबारा से सरकार बना ली थी। वो दिन है और आज का दिन है लालू यादव पानी पी-पीकर नीतीश कुमार को कोसते हैं। उनके खिलाफ बयानबाजी करते हैं। उन्‍हें भड़काने की कोशिश करते हैं। लेकिन, जैसे ही नीतीश कुमार लालू के बयानों पर नो कमेंट कह देते हैं तो वो और भी ज्‍यादा सुलग उठते हैं। लालू यादव का पूरा का पूरा परिवार इस वक्‍त सियासी बदले की आग में झुलस रहा है। लेकिन, राहत की छींटें कहीं से भी उन पर पड़ती हुई नजर नहीं आ रही हैं। ऐसे में अब डरपोक पॉलिटिक्‍स शुरु हो गई है। लालू ने नीतीश कुमार को सबसे बड़ा डरपोक करार दिया है।

Advertisement

उनका कहना है कि वो नीतीश कुमार को सात जन्‍मों तक माफ नहीं करेंगे। लालू यादव कहते हैं कि नीतीश कुमार बहुत बड़े डरपोक व्‍यक्ति हैं। जब उनका नाम घोटाले में सामने आया तो वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम की माला जपने लगे। अभी हाल ही में नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की थी। नीतीश कुमार ने मोदी को साहसी और कड़े फैसले लेने वाला राजनेता बताया था। लेकिन, लालू यादव को तो लगता है कि नीतीश कुमार ये बयान सृजन घोटाले के डर से दे रहे हैं। ताकि बीजेपी उन्‍हें इस घोटाले में फंसा ना दे। लालू यादव ये भी भविष्‍यवाणी कर रहे हैं अबकी बार नीतीश कुमार की बिहार की राजनीति में एंट्री तक नहीं होगी। जनता उन्‍हें सबक जरूर सिखाएंगी।

Advertisement

उधर, नीतीश कुमार से जब लालू यादव के बयान पर प्रतिक्रिया ली गई तो उन्‍होंने दो टूक शब्‍दों में कह दिया है कि वो इस तरह के बकवास का कोई जवाब नहीं देंगे। अब जरा सोचिए नीतीश कुमार के इस बयान के बाद लालू यादव के दिल पर क्‍या गुजरी होगी। दरअसल, हकीकत ये है कि इस वक्‍त खुद लालू यादव कई घोटालों में बुरी तरह फंसे हुए हैं। रेलवे टेंडर घोटाले के अलावा उनके परिवार के लोगों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले भी चल रहे हैं। दोनों ही केस में सीबीआई की छापेमारी भी हाे चुकी है। सीबीआई लालू यादव और उनके बेटे तेजस्‍वी यादव से हेडक्‍वार्टर में पूछताछ भी कर चुकी है। दरअसल, इस वक्‍त डर लालू के भीतर समाया हुआ है। उन्‍हें डर जांच एजेंसियों का है। उन्‍हें डर सीबीआई का है। उन्‍हें डर दोबारा जेल जाने का है।

Advertisement

ये लालू यादव का ये डर ही है कि जो मोदी की तारीफ पर नीतीश कुमार को डरपोक बता रहा है। अपने इसी डर के चक्‍कर में उन्‍होंने शरद यादव को डरा कर अपने खेमे में मिला लिया है। सही मायने में देखा जाए तो लालू यादव की वजह से शरद यादव सियासी बेरोजगार हो गए हैं। वो लालू यादव ही हैं जिनकी वजह से बिहार कांग्रेस में पार्टी हाईकमान के खिलाफ बगावत हो चुकी है। पटना के सदाकत आश्रम में जूतम-पैजार तक हो चुकी है। वो लालू यादव ही हैं जिनकी वजह से बिहार में महागठबंधन टूटा था। लालू को भी इन सारी बातों का इल्‍म है कि जनता उसने हिसाब जरूर मांगेगी। शायद अपने इसी डर से बचने के लिए वो अपने विरोधियों के सिर पर टोपी पहनानी शुरु कर दी है। लेकिन, कब तक ?