2019 के लोकसभा चुनाव में फिर चुनावी मुद्दा बनेगा राम मंदिर ?

अयोध्‍या में राम मंदिर का मुद्दा हर चुनाव में गरमाता है। बीजेपी के हर चुनावी घोषणा पत्र में भी ये मुद्दा दिखाई देता है। 2019 में भी इसकी तैयारी है।

New Delhi Oct 17 : राम मंदिर के मुद्दे को भारतीय जनता पार्टी कभी भी अपने से अलग नहीं करना चाहती है। हर चुनाव में वो राम मंदिर के मुद्दे को चुनावी मुद्दा बनाती आई है। माना जा रहा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भी एक बार फिर से राम मंदिर निर्माण की गूंज सुनाई पड़ेगी। वैसे तो बीजेपी के वरिष्‍ठ नेता सुब्रमण्‍यम स्‍वामी ये दावा करते हैं कि अगली दिवाली तक मंदिर बन जाएगा। लेकिन, अभी ये मामला सुप्रीम कोर्ट में है। दिसंबर से पहले इस केस में सुनवाई की कोई उम्‍मीद नहीं हैं। ऐसे में मंदिर निर्माण को लेकर कोई भी दावा सटीक नहीं हो सकता है। हां सियासी जरूर हो सकता है। सुब्रमण्‍यम स्‍वामी को लगता है कि राम मंदिर निर्माण के रास्‍ते में आ रहीं सभी बाधाओं को हटा दिया गया है। लेकिन, असल में ऐसा है नहीं।

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ये मामला बेहद ही पेचीदा और संवेदनशील है। ऐसे में किसी की भी हवा हवाई बातों पर यकीन नहीं किया जा सकता है। लेकिन, इतना जरूर है कि जिस तरह की राजनीति एक बार फिर से राम मंदिर निर्माण को लेकर शुरु हो गई है उससे ये कहा जा सकता है 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर से हिंदू कार्ड चलेगी और इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश करेगी। हो सकता है कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले सुप्रीम कोर्ट इस मसले पर अपना फैसला भी सुना दे। लेकिन, उसका फैसला क्‍या होगा, अनुमान नहीं लगाया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ये जरूर चाहता है कि इस केस में आम सहमति से फैसला हो। अदालत से कोर्ट से बाहर सेटलमेंट की भी रास्‍ता खुला छोड़ा हुआ है।

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लेकिन, कुछ एक पक्षकार इस बात के फेवर में नहीं हैं। उनका मानना है कि सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला होगा वो उन्‍हें मान्‍य होगा। लेकिन, अदालत के बाहर इस पर सहमति नहीं बनाई जाएगी। इसके उलट बीजेपी के कई नेता और संघ परिवार से जुड़े लोग लगातार ये दावा कर रहे हैं कि जल्‍द ही अयोध्‍या में मंदिर का निर्माण कार्य शुरु हो जाएगा। जैसे बीजेपी के राज्‍यसभा सांसद सुब्रमण्‍यम स्‍वामी ने विराट हिंदू संगम की ओर से पटना में आयोजित सेमिनार में दावा किया कि अगली दिवाली तक राम मंदिर का निर्माण हो जाएगा। दिवाली तक राम मंदिर के बनकर तैयार होने का मतलब है कि इसका काम हाल फिलहाल में ही शुरु हो जाए। लेकिन, वर्तमान ने तो ऐसा कुछ भी होता हुआ नजर नहीं आ रहा है।

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तो क्‍या माना जाए कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के नेताओं ने राम मंदिर निर्माण को लेकर माहौल बनाना शुरु कर दिया है या फिर वाकई में अंदरखाने कोई खिचड़ी पक रही है। स्‍वामी का मानना है कि बीजेपी को चुनाव जीतने के लिए हिंदुत्‍व की आइडियोलॉजी को जगाना होगा। यानी चुनाव में हिंदू कार्ड खेला जाएगा। लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से सबका साथ, सबका विकास का नारा दिया है उससे तो कम से कम ये नहीं लगता है कि 2019 का चुनाव पूरी तरह से हिंदुत्‍व आइडियोलॉजी पर ही आधारित होगी। ये चुनावी मुद्दों का एक सेक्‍शन जरूर बन सकता है। लेकिन, पूरा फोकस इस पर नहीं होगा। बाकी राम मंदिर निर्माण को लेकर पैदा होने वाले हालात तय करेंगे कि चुनावी रणनीति क्‍या हो।