नई शुरुआत : भगवान राम के सामने नतमस्तक हुआ वक्फ बोर्ड
उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक सौहार्द की नई मिसाल देखने को मिल रही है। यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड भगवान राम के सामने नतमस्तक नजर आ रहा है।
New Delhi Oct 17 : उत्तर प्रदेश की राजनीति में अब नई शुरुआत होती हुई नजर आ रही है। जहां एक ओर विपक्ष भारतीय जनता पार्टी और योगी आदित्यनाथ को सांप्रदायिक करार देते हैं। वहीं दूसरी ओर पहली बार यूपी में कुछ ऐसा देखने को मिल रहा है जो सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल कायम कर सकता है। दूसरे दल अपने आप को धर्मनिरपेक्ष करार तो देते हैं लेकिन हकीकत में वो सिर्फ धर्मनिरपेक्षता का चोला ही ओढे होते हैं। चोले के भीतर सांप्रदायिकता कूट-कूट कर भरी होती है। यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने ऐसे लोगों के मुंह पर करारा तमाचा जड़ा है। यूपी सरकार ने अयोध्या में सरयू तट पर भगवान राम की भव्य मूर्ति लगवाने का फैसला किया है। यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने योगी आदित्यनाथ के इस फैसले का स्वागत किया है।
इतना ही नहीं यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से इस संबंध में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक खत भी लिखा गया है। जिसमें वक्फ बोर्ड ने कहा कि वो अयोध्या में सरयू के तट पर लगने वाली भगवान राम की प्रतिमा में लगने वाले तरकश के लिए चांदी के दस तीर भेंट करना चाहते हैं। यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दीपावली की शुभकामनाएं भी दी हैं। वसीम रिजवी का कहना है कि उन्हें न्यूज पेपर के जरिए ये पता चला कि यूपी सरकार अयोध्या में भगवान राम की भव्य प्रतिमा स्थापित करने वाली है। जो एशिया की सबसे बड़ी मूर्ति होगी। वक्फ बोर्ड सरकार के इस कदम की सराहना करता है। क्यों अयोध्या नगरी एक सांस्कृतिक शहर है।
वसीम रिजवी मानते हैं कि अगर अयोध्या में एशिया की सबसे बड़ी भगवान राम की मूर्ति लगाई जाती है तो इससे यूपी का गौरव दुनियाभर में बढ़ेगा। प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। हम सभी लोगों को इसका समर्थन करना चाहिए। इसी कड़ी में उन्होंने कहा है कि यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड भगवान राम की मूर्ति में लगने वाले तरकस के लिए चांदी के दस तीर भेंट करेगा क्योंकि भगवान राम ने अपने तीरों से ही राक्षसों का खात्मा किया था। आज भी उसी तरह से आतंकवाद के खात्मे की जरूरत है। जिसे हम प्रतीक के तौर पर भी देख सकते हैं। जाहिर है यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड का ये फैसला काबिले तारीफ है। हो सकता है कि वसीम रिजवी का ये बयान बहुत से लोगों को रास ना आए। लेकिन, उन्हें इसकी चिंता नहीं करनी चाहिए।
इस वक्त देश के भीतर सच्चे और अच्छे सांप्रदायिक माहौल को बनाने की जरूरत है। लोग बीजेपी पर माहौल को बिगाड़ने का ठीकरा जरूर फोड़ते हैं। लेकिन, कई मामलों में देखा गया है कि तमाम लोगों ने ही बीजेपी को बदनाम करने के लिए कहीं ना कहीं का सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ा है। जो पूरी तरह गलत है। राजनीति के खातिर देश में जाति धर्म के बीज को नहीं बोना चाहिए। यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड का ये कदम सराहनीय है। इससे पहले भी शिया वक्फ बोर्ड ये कह चुका है कि अगर अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होता है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं हैं। मस्जिद को दूसरे स्थान पर शिफ्ट किया जा सकता है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा भी दिया जा चुका है। जिसका कई लोगों ने विरोध किया है।