पाकिस्तान के खिलाफ होने वाली थी नेवी सील कमांडोज की दूसरी सर्जिकल स्ट्राइक
पाकिस्तान के आतंकी संगठनों के खिलाफ खास मकसद से नेवी सील कमांडोज सर्जिकल स्ट्राइक की तैयारी में थे। जानिए क्या हुआ खुलासा।
New Delhi Oct 18 : एक और दो मई 2011 की वो रात हर किसी को याद होगी। जब अमेरिका के सील कमांडोज ने पाकिस्तान के एबटाबाद में अलकायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन को मिनटों में खत्म कर दिया था और उसके शव को भी अपने साथ ले उड़े थे। पाकिस्तान के भीतर हुई इस अमेरिकी सर्जिकल स्ट्राइक ने पूरे पाकिस्तान में अमेरिकी की दहशत पैदा कर दी थी। पाकिस्तानी आतंकियों के खिलाफ दूसरी सर्जिकल स्ट्राइक भारत ने 28/29 सितंबर की दरम्यानी रात में की थी। जिसमें भारतीय सेना के पैरा कमांडोज ने पाक अधिकृत कश्मीर में घुसकर आतंकियों के कई लांचिंग पैड को तबाह कर दिया था। पचास से ज्यादा आतंकी मार गिराए थे। ऐसी ही एक और सर्जिकल स्ट्राइक पाकिस्तान के खिलाफ होने वाली थी। लेकिन, ऐन वक्त में ऑपरेशन को टाल दिया गया।
दरअसल, अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सीमा पर कई कबायली इलाके हैं। इन कबायली इलाकों को हक्कानी नेटवर्क का गढ़ माना जाता है। बीते महीने अमेरिका की खुफिया एजेंसी CIA के ड्रोन ने यहां के आतंकी कैंपों की कुछ तस्वीरें ली थीं। जिसमें उन्हें यूएस-कनाडाई दंपती दिखे। बताया जा रहा है कि इस अमेरिकी महिला को करीब पांच साल पहले अफगानिस्तान से अगवा किया गया था। जिसे छुड़ाने के लिए अमेरिका ने ऑपरेशन लांच कर दिया था। अमेरिका के नेवी सील के छह कमांडोज ने इन्हें हक्कानी नेटवर्क के चंगुल से छुड़ाने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक की तैयारी कर ली थी। सील कमांडोज की छह सदस्यीय टीम सर्जिकल स्ट्राइक के लिए पूरी तरह तैयार थी। लेकिन, कुछ ऐसा हुआ जिसके बाद इस सर्जिकल स्ट्राइक को टाल दिया गया।
दरसअल, अमेरिका चाहता था कि पाकिस्तान हक्कानी नेटवर्क के चंगुल से इस यूएस-कनाडाई दंपती को आजाद कराए। लेकिन, पाकिस्तान टाल मटोल कर रहा था। वो ऐसा दिखा रहा था कि वो हक्कानी नेटवर्क के गढ़ में कैसे जा सकता है। लेकिन, अमेरिका लगातार पाकिस्तान पर दवाब बनाए हुए था। पाकिस्तान में अमेरिकी उच्चायुक्त डेविड हेल ने इस मुद्दे पर इस्लामाबाद से संपर्क किया और उन्हें संदेश भिजवा दिया कि अगर इस्लामाबाद इस मामले को नहीं सुलझाता है तो अमेरिका अपने हिसाब से सुलझा लेगा। इशारा नेवी सील कमांडोज की सर्जिकल स्ट्राइक की ओर था। अमेरिका ने पाकिस्तान को इशारों ही इशारों में ये बात समझा दी थी कि अगर उसने इस केस में अमेरिका की मदद नहीं की तो अंजाम ओसामा बिन लादेन वाला ही होगा।
अमेरिका के दवाब और नेवी सील कमांडोज की सर्जिकल स्ट्राइक के डर से पाकिस्तान हरकत में आया और उसने हक्कानी नेटवर्क के गढ़ से इस कनाडाई दंपत्ति को निकालकर पाकिस्तान के आदिवासी इलाके में शिफ्ट कराया। पाकिस्तान की इसी कार्रवाई के बाद लास्ट मूवमेंट पर सील कमांडोज की सर्जिकल स्ट्राइक के ऑपरेशन को टाल दिया गया था। लेकिन, इससे एक बात को साबित हो गई कि अमेरिका जिस हक्कानी नेटवर्क के खात्मे के लिए पाकिस्तान को भारी भरकम सैन्य आर्थिक मदद देता है उसी पाकिस्तान के हक्कानी नेटवर्क के आतंकियों के साथ इतने अच्छे रिश्ते हैं कि वो किसी को भी आसानी से उनके चंगुल से छुडा सकता है। ये बात इस चीज को साबित करने के लिए भी काफी है कि हक्कानी नेटवर्क को पाकिस्तान का पूरा सपोर्ट है।