तो क्‍या वाकई ताजमहल खूबसूरत ‘कब्रिस्‍तान’ है ?

हरियाणा के कैबिनेट मंत्री और बीजेपी नेता अनिल विज ने ताजमहल के विवाद पर ठंडी पड़ी आग में एक बार फिर हवा दे दी है। नया बखेड़ा शुरू।

New Delhi Oct 20 : ताजमहल के विवाद को एक बार फिर हवा दे दी गई है। हरियाणा के कैबिनेट मंत्री और बीजेपी के नेता अनिल विज ने ताजमहल पर विवादित बयान दिया है। उन्‍होंने इसे अपशकुन करार देते हुए एक खूबसूरत कब्रिस्‍तान बताया है। अनिल विज के बयान पर ठंडा पड़ा राजनैतिक घमासान फिर से भी शुरु हो गया है। एक नया बखेड़ा खड़ा हो गया है। हालांकि बहुत से लोग अनिल विज के इस बयान का समर्थन करते हैं और कहते हैं कि उन्‍होंने कुछ भी गलत नहीं कहा। लोगों का कहना है कि मकबरों को कब्रिस्‍तान नहीं कहेंगे तो क्‍या कहेंगे। मोहब्‍बत की इस निशानी और सात अजूबों से एक ताजमहल की ये रार शकुन और अपशकुन में बदल गई है। ये हाल तब है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद ऐतिहासिक इमारतों पर सियासत ना करने की नसीहत दे चुके हैं।

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दरअसल, ताजमहल पर दोबारा विवाद उस वक्‍त शुरु हुआ जब हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने इससे जुड़ा ट्वीट किया। अनिल विज ने अपने ट्वीट में ताजमहल को एक खूबसूरत कब्रिस्तान बताया। अनिल विज का कहना है कि लोग ताजमहल के मॉडल को घरों में भी रखना अपशगुन मानते हैं। उनका कहना है कि बिल्डिंग कितनी भी खूबसूरत हो लेकिन, उसमें हैं तो कब्रें हीं। इससे पहले संगीत सोम ने भी ताजमहल पर विवाद‍ित बयान दिया था। इसके साथ ही उन्‍होंने कहा कि इस वक्‍त देश में मुगल सम्राटों के इतिहास को बदलने की जरूरत है। क्‍योंकि उनका इतिहास क्रूर रहा है। उन्‍होंने सिर्फ हिंदुओं पर अत्‍याचार ही किया है। जिसे दुरुस्‍त किया जाए। इसके बाद इस विवाद में बीजेपी के फायर ब्रांड नेता विनय कटियार भी कूद पड़े थे।

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विनय कटियार ने तो ताजमहल के विवाद को एक अलग ही दिशा दे दी थी। उन्‍होंने इसे भगवान शंकर का मंदिर करार दिया था। उनका कहना था कि इसका नाम तेजो महल था। जिसे मु्गल सम्राट शाहजहां ने मकबरे में तब्दील कर दिया था। विनय कटियार ने दावा किया था कि ताजमहल हिंदू मंदिर ही है। इतिहास में लोग इसे तेजो महल के नाम से जानते थे। इसके लिए उन्‍होंने इतिहासकार पीएन ओक की एक किताब का हवाला भी दिया था और दावा किया था कि इस किताब में इस अजूबे की पूरी कहानी दर्ज है। शाहजहां ने इस मंदिर पर कब्‍जा कर इसमें अपनी पत्‍नी को दफना दिया था। जिसके बाद ये मंदिर मकबरे में बदल गया था। बाद में इसका नाम भी तेजो महल से ताज महल कर दिया गया था।  

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संगीत सोम ने कहा था कि ताजमहल भारतीय संस्‍कृति के नाम पर धब्‍बा है। हालांकि उस वक्‍त उपजे इस विवाद को ठंडा करने के लिए खुद उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी सामने आना पड़ा था। योगी आदित्‍यनाथ ने कहा था कि ताजमहल भारत मां के सपूतों की कमाई है। उन्‍होंने कहा था कि लोगों को इस बात की तह में जाने की कोई जरूरत नहीं है कि इसे किसने और क्‍यों बनवाया था। बस ऐसे समझ लीजिए कि इसे हिंदुस्‍तान के लोगों ने अपनी खून-पसीने की मेहनत से तैयार किया था। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ऐतिहासिक धरोहरों को लेकर अपने नेताओं को नसीहत दी थी। उनका कहना था कि हम अपनी धरोहरों पर गर्व किए बिना आगे नहीं बढ़ सकते हैं। लेकिन, यहां तो विवाद ही आगे बढ़ गया है।