गुजरात विधानसभा चुनाव में अल्‍पेश ठाकोर साफ करेंगे बीजेपी का रास्‍ता ?

गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले युवा नेता अल्‍पेश ठाकोर ने अपनी सियासी गोटियां फिट कर दी हैं। वो हार्दिक और जिग्‍नेश का खेल बिगाड़ सकते हैं।  

New Delhi Oct 21 : गुजरात विधानसभा चुनाव का रण सज चुका है। सभी दलों ने यहां पर बीजेपी रूपी बाहुबलि को मात देने के लिए अपनी-अपनी रणनीति बनानी शुरु कर दी है। इस बार गुजरात विधानसभा चुनाव के रण में तीन नए युवा चेहरे दिखाई पड़ रहे हैं। जिसमें एक तो पाटीदार आंदोलन की अगुवाई करने वाले हार्दिक पटेल हैं। तो दूसरे युवा नेता ओबीसी एससी/एसटी एकता मंच के संयोजक अल्पेश ठाकोर हैं। जबकि तीसरा युवा नेता राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच की अगुआई करने वाले जिग्‍नेश मेवाणी हैं। गुजरात से लेकर दिल्‍ली तक की मीडिया ये कह रही है कि ये तीनों ही नेता इस बार गुजरात इलेक्‍शन की बाजी पलट सकते हैं। कोई हार्दिक पटेल को किंग मेकर बता रहा है तो काेई जिग्‍नेश मेवाणी को। जबकि कई लोगों को लगता है अल्‍पेश ठाकोर इस बार चुनावी हवा को बदलेंगे।

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लेकिन, ग्राउंड रिएलिटी ये कहती है कि तीनों ही नेता महात्‍वाकांक्षी के साथ-साथ किसी ना किसी दल के साथ राजनैतिक सौदेबाजी भी कर सकते हैं। तीनों ही युवा नेताओं की आपस में पटती नहीं है। ऐसे में एक बात तो तय है कि ये तीनों एक साथ एक ही मंच पर नहीं दिखाई देंगे। जैसा की कांग्रेस चाह रही है। अगर तीनों के रास्‍ते अलग-अलग रहे तो इस फूट का पूरा फायदा भारतीय जनता पार्टी को मिलेगा। उस सूरत में ओबीसी एससी/एसटी एकता मंच के संयोजक अल्पेश ठाकोर बीजेपी के लिए जीत की राह को और भी आसान बना सकते हैं। असंतुष्‍ट वोटों का जितना बिखराव होगा बीजेपी के लिए इस बार का चुनाव उतना ही आसान होगा। जिसकी पूरी संभावनाएं बनती हुई नजर आ रही है।

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हालांकि ओबीसी एससी/एसटी एकता मंच के संयोजक अल्पेश ठाकोर गुजरात विधानसभा के लिए 23 अक्‍टूबर को अपने पत्‍ते खोलेंगे। अल्पेश ठाकोर 23 अक्‍टूबर को अहमदाबाद में बड़ी रैली का आयोजन कर रहे हैं। वो इस रैली के जरिए अपना शक्ति प्रदर्शन भी करेंगे। अल्‍पेश ने अपनी इस रैली का नाम ‘जनादेश सम्मेलन’ दिया है। अल्‍पेश ठाकोर इस रैली में ज्‍यादा से ज्‍यादा भीड़ जुटाना चाहते हैं। उनका दावा है कि उनकी इस रैली में पांच लाख लोग शामिल होंगे। इसी रैली में वो अपनी गुजरात विधानसभा चुनाव की रणनीति की घोषणा भी कर सकते हैं। हालांकि अल्‍पेश ठाकोर का कहना है कि वो इस बार भारतीय जनता पार्टी को हराने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। लेकिन, अगर वो बीजेपी से समझौता भी करते हैं तो इसमें कोई चौकाने वाली बात नहीं होगी।

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गुजरात में कई ऐसे मौके सामने आ चुके हैं जब अल्‍पेश ठाकोर का झुकाव बीजेपी की ओर दिखाई पड़ा है। दरसअल, इस वक्‍त हर किसी की निगाह गुजरात विधानसभा चुनाव में पाटीदारों और दलितों की 25 फीसदी आबादी पर टिकी हुई है। हर दल ये चाहता है कि पाटीदार और दलितों का वोटबैंक उसके फेवर में आ जाए। इसी मशक्‍कत में कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी भी दिन-रात एक किए हुए हैं। हार्दिक पटेल को लगता है कि उन्‍होंने पाटीदारों के बीच पहले से ही खूटा गाड़ा हुआ है। अल्‍पेश ठाकोर की नजर दलितों और ओबीसी वोट बैंक पर है। जबकि जिग्‍नेश मेवाणी की नजर विशुद्ध तौर पर दलित वोटों पर हैं। यानी पाटीदारों और दलित वोटों पर बीजेपी के साथ-साथ पूरे के पूरे विपक्ष की नजर है। ऐसे में विपक्ष का टकराव ही बीजेपी की जीत की राह को आसान बनाएगा।