कश्‍मीर के ‘देशभक्‍त’ चोटी कटवा से परेशान हैं पाकिस्‍तान परस्‍त अलगाववादी

इन दिनों कश्‍मीर में चोटी कटवा का आतंक है। जो जाने अनजाने में आर्मी का मददगार भी साबित हो रहा है। ये बात अलगाववादी नेताओं को अखर रही है।

New Delhi Oct 22 : आप भी ये सोचकर हैरान होंगे कि आखिर देशभक्‍त चोटी कटवा का क्‍या मतलब है और अलगाववादी नेता इससे परेशान क्‍यों हैं। हम आपको बताएंगे भी और समझाएंगे भी। दरअसल, इन दिनों पूरे कश्‍मीर में चोटी कटवा और दाढ़ी कटवा का आतंकी है। पिछले एक महीने के भीतर ही कश्‍मीर में करीब 130 ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं जिसमें या तो महिलाओं की चोटी कट गई या फिर किसी की दाढ़ी काट डाली गई। कश्‍मीर का चोटी कटवा और दाढ़ी कटवा कौन है ? कैसा दिखता है ? कहां से आता है ? कहां जाता है ? किसी को कुछ पता नहीं। बस चोटी और दाढ़ी कटने के बाद ही पता चलता है कि कांड हो गया। लोग रात-रात भर जाग कर पहरेदारी कर रहे हैं। कोई भी अंजान शख्‍स दिख जाता है तो पहले तो उसकी पिटाई होती है बाद में वो पुलिस के हवाले कर दिया जाता है।

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दरअसल, चोटी कटवा में देशभक्ति की अलख यहीं से जगती हुई नजर आ रही है। जैसा की हर किसी को पता है कि इन दिनों कश्मीर में आतंकियों की तादाद पहले के मुकाबले कुछ ज्‍यादा ही बढ़ गई है। लेकिन, चोटी कटवा के खौफ में लोग रात-रात भर जागकर पहरा दे रहे हैं। ऐसे में कई बार तो आतंकी भी गांव वालों के हत्‍थे चढ़ चुके हैं। कश्‍मीर के लोगों ने चोटी कटवा समझ कर ही उन्‍हें पीटना शुरु कर दिया था। अभी हाल ही में पुलवामा के ठोकरपुर में स्‍थानीय लोगों ने तीन आतंकियों की पिटाई की थी। हालांकि बाद में वो भाग निकलने में कामयाब हो गए थे। लेकिन, चोटी कटवा के डर से बढ़ी चौकसी और स्‍थानीय पहरेदारी से आतंकियों की लोकेशन भी आसानी से ट्रेस हो रही है।

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ये बात ना तो आतंकियों को रास आ रही है और ना ही कश्‍मीर के अलगाववादी नेताओं को। आतंकियों ने तो सोशल साइट पर बाकायदा चोटी कटवा के आतंक को इंडियन आर्मी द्वारा प्रयोजित ड्रामा करार दिया है। मूसा कश्‍मीर ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है कि चोटी कटवा का आतंक इंडियन आर्मी जानबूझकर फैला रही है ताकि हमारे साथियों की लोकेशन की जानकारी उसे मिलती रहे। इस बीच अलगाववादी नेताओं ने चोटी कटवा के विरोध में कश्‍मीर बंद का आह्वाहन कर दिया है। बंद के दौरान कई जगहों पर सुरक्षाबलों और स्‍थानीय लोगों के बीच झड़प हुई थी। घाटी में चोटी कटवा के बढ़ते आतंक और चोटी कटने की बढ़ती घटनाओं पर जब आर्मी चीफ बिपिन रावत से सवाल किया गया तो उन्‍होंने साफ तौर पर कहा कि ये एक सामान्य अपराध है और सेना के लिए ये कोई चुनौती नहीं है।

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दूसरे राज्‍यों में इस तरह की घटनाएं सामने आती रही हैं। बिपिन रावत का भी यही मानना है कि जिस तरह से कश्‍मीर के हालात धीरे-धीरे सामान्‍य हो रहे हैं ये बात आतंकियों और अलगाववादी नेताओं को अखर रही है। सबसे ज्‍यादा परेशान अलगाववादी नेता हैं। चोटी कटवा के डर से लोग घाटी में खूंखार आतंकियों तक को पीट दे रहे हैं। चोटी कटवा की वजह से पाकिस्‍तान के आतंकियों को गांवों में पनाह नहीं मिल पा रही है। हर कोई अनजान शख्‍स को चोटी कटवा समझ रहा है। हालांकि राज्‍य सरकार ने भी चोटी कटवा का पता बताने और इसकी पुख्‍ता जानकारी देने पर ईनाम तक की घोषणा की हुई है। लेकिन, किसी को नहीं पता है कि चोटी कटवा कौन है और वो लोगों की चोटी और मौलवी-मौलानाओं की दाढ़ी क्‍यों काट रहा है।