राहुल गांधी का ये प्लान गुजरात में फुस्स हो जाएगा, जल्दबाजी पड़ सकती है भारी

गुजरात में राहुल गांधी जल्दबाजी कर रहे हैं। वो तेजी से अपने फायदे वाले लोगों को पार्टी मं शामिल करवा रहे हैं। इसका फायदा और नुकसान दोनों हो सकता है।

New Delhi, Oct 25: गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान अभी नहीं किया गया है, ये तय है कि चुनाव 18 नवंबर से पहले होंगे। कांग्रेस को इस बात से फर्क तो पड़ रहा है लेकिन वो इसे भी सियासी मुद्दा बना रही है। गुजरात में अरसे बाद कांग्रेस मजबूत दिखाई दे रही है। इसके कारण तलाश करने की जरूरत नहीं है, इसी तरह से यूपी चुनाव से पहले भी कांग्रेस मजबूत दिखाई दे रही थी। यूपी के लड़कों ने मिलकर बीजेपी को हराने की योजना बनाई थी। नतीजा सामने है, यूपी की जनता ने एक सुर में दोनों लड़कों को नकार दिया। दरअसल कांग्रेस ने जो रणनीतिक चूक यूपी में की थी वही गुजरात में भी करती दिखाई दे रही है।

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चुनाव से पहले कांग्रेस और राहुल गांधी को न जाने क्या हो जाता है, अपने फायदे के लिए वो बिना सोचे समझे फैसले करने लगते हैं। गुजरात में जिस तेजी के साथ कांग्रेस ने अल्पेश ठाकोर को पार्टी में शामिल करया है, वो हैरान करता है। इसी के साथ हार्दिक पटेल के साथ भी राहुल की मीटिंग हुई थी। तो क्या कांग्रेस बीजेपी विरोधियों को एकमुश्त पार्टी ज्वाइन करवा रही है। क्या ये दांव सफल हो पाएगा। अगर आंकलन किया जाए तो कहा जा सकता है कि कांग्रेस का ये दांव कारगर साबित नहीं होगा। इसके पीछे कई कारण हैं। पहली बात तो ये है कि कांग्रेस ये समझ नहीं पा रही है कि युवा नेताओं का किस तरह से इस्तेमाल करना है।

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अल्पेश ठाकोर और हार्दिक पटेल जैसे युवा नेताओं को, जिनका अपने समुदाय पर असर है, कांग्रेस चुनाव से पहले पार्टी में शामिल करा रही है। इसके दो संदेश जते हैं जनता के बीच में। पहला तो ये है कि कांग्रेस चुनाव जीतने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। दूसरा सरे बीजेपी विरोधी एक मंच पर आ जाएं तो जनता को लग सकता है कि लामबंदी हो रही है। गुजरात में बीजेपी पिछले 22 साल से सत्ता में हैं। वो अभी कांग्रेस के प्रचार को देख रही है, हार्दिक पलेट, अल्पेश, जिग्नेश जैसे नेताओं के असर को तौल रही है। जाहिर है कि बीजेपी के पास कोई न कोई दंव तो होगा इनके खिलाफ, जिसका इस्तेमाल वो चुनाव के ठीक पहले करेगी।

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राहुल गांधी गुजरात को मथ रहे हैं, जनता से संवाद कर रहे हैं। सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन वो ये सब अकेले नहीं कर रहे हैं। जिस तरह से उनकी सक्रियता का राज खुल रहा है, उसके बाद बीजेपी का जोश बढ़ रहा है। बीजेपी को लग रहा है कि राहुल हवा बनने की कोशिश कर रहे हैं। जमीनी हकीकत से अंजान हैं। इसके साथ ही राहुल जल्दबाजी में हैं। यही जल्दबाजी यूपी में दिखाई दी थी। जब अचानक से सपा के साथ गठबंधन कर लिया था। कांग्रेस अगर गुजरात में अपने दम पर चुनाव लड़े तो ज्यादा फायदे में रहेगी। चुनाव के बाद सरकार बनाने के लिए गठबंधन से क्या परहेज हैं। लेकिन चुनाव से पहले जनता को ये संदेश देना जरूरी था कि राहुल अपने दम पर मैदान में हैं। इसका अलग ही असर होता।