पश्चिमी उत्तर प्रदेश के देवबंद में कुछ तो गड़बड़ है ?
उत्तर प्रदेश की एंटी टेररिस्ट स्क्वॉयड यानी ATS ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के देवबंद में कुछ संदिग्ध गतिविधियों की इंफॉरमेशन जिला प्रशासन से साझा की है।
New Delhi Oct 31 : पश्चिमी उत्तर प्रदेश का देवबंद मुस्लिम बाहुल्य इलाका है। देवबंद क्षेत्र सहारनपुर में आता है। इस इलाके को काफी संवेदनशील माना जाता है। खबर के मुताबिक देवबंद क्षेत्र में अगले दो से तीन दिन के भीतर जितने भी लोगों के पास पासपोर्ट हैं उनकी दोबारा से जांच की जाएगी। दरअसल, ये फैसला एंटी टेररिस्ट स्क्वॉयड यानी ATS की उस इनफॉरमेशन के बाद लिया गया जिसमें यहां पर संदिग्ध आतंकी गतिविधियों की जानकारी मिली थी। जाहिर है ये बेहद ही संवेदनशील मामला है। इस इलाके से पहले भी संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। ऐसे में इस मसले को राजनीति से ऊपर उठकर देखने की जरूरत है। सरकार को स्थानीय प्रशासन को चाहिए वो यहां के खास लोगों के साथ मीटिंग करें और ये सुनिश्चित करें कि यहां कोई भी गड़बड़ी ना हो।
यहां पर ये भी बताना जरूरी है कि एटीएस की ये इनफॉरमेशन किसी खास जाति विशेष के लोगों को लेकर नहीं है। लेकिन, देवबंद को लेकर जरूर है। ऐसे में एटीएस की इनफॉरमेशन के आधार पर पुलिस यहां पर रहने वाले उन सभी लोगों की जांच करेगी जिनके पास पासपोर्ट हैं। सहारनपुर के डीआईजी एस इमैनुअल का भी यही कहना है कि जांच एटीएस से मिले इनपुट के आधार पर की जा रही है। जो किसी खास जाति विशेष को लेकर नहीं दी गई है। इसलिए जांच के दायरे में देवबंद के सभी लोगों को रखा गया है। दरसअल, अभी हाल ही में यूपी एटीएस ने लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन से दो बांग्लादेशी संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। इन लोगों के पास से पासपोर्ट भी मिले थे। जो देवबंद के ही पते पर थे। ऐसे में सवाल ये उठ रहे हैं कि जब ये लोग मूल रूप से बांग्लादेश के रहने वाले हैं तो फिर इन्हें देवबंद में पासपोर्ट कैसे मिल गया।
इससे पहले भी सहारपुर और देवबंद इलाके से कई बांग्लादेशी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। उनमें से भी कई लोगों के पास पासपोर्ट मिले थे। जिनके पते या तो देवबंद के थे या फिर सहारनपुर के। अभी अगस्त की ही बात है जब यूपी एटीएस ने बांग्लादेश के रहने वाले अब्दुल्ला अल मामून को मुजफ्फरनगर से गिरफ्तार किया था। बाद में पता चला था कि वो तो खूंखार आतंकी है। अब्दुल्ला अल मामून आतंकवादी संगठन अंसारुल्ला बांग्ला टीम का सदस्य था। जो सालों देवबंद में रह रहा था। इसके बाद पांच अक्टूबर को भी यूपी एटीएस ने बताया था कि फैजान अहमद नाम के आतंकी ने देवबंद के लोगों से आतंकी संगठनों में जुड़ने का एलान किया है। फैजान अहमद भगोड़ा आतंकी है। जिसकी तलाश की जा रही है। जिस वक्त एटीएस ने उसके घर पर छापा मारा था उस वक्त उसके घर से आईएसआईएस से जुड़े साहित्य बरामद किए गए थे।
दरअसल, इस माले में देवबंद का पुराना और बदनाम इतिहास रहा है। वोट बैंक की राजनीति के चक्कर में हमेशा यहां पर लोगों को छूट दी जाती रही। लेकिन, अब एटीएस ने इस क्षेत्र में अपने मुखबिरों के जाल को फैला दिया है। मतलब साफ है कि देवबंद के क्षेत्र को आतंकियों को अड्डा नहीं बनने दिया जा सकता है। देवबंद में बांग्लादेशियों की तादाद काफी ज्यादा है जो अवैध तरीके से यहां पर रह रहे हैं। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ अभियान तक छेड़ रखा है। योगी आदित्यनाथ पुलिस अफसरों को ये निर्देश दे चुके हैं कि वो राज्य में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों की पहचान करें और उनके खिलाफ कार्रवाई करें। इसके साथ ही उन अफसरों पर भी कार्रवाई के आदेश जारी किए जा चुके हैं कि जो बांग्लादेशियों को पहचान पत्र बनाने में मदद करते हैं। क्योंकि पहचान पत्र और पासपोर्ट का इतना बड़ा नेक्सेस बिना सरकारी बाबुओं की मिलीभगत के पूरा हो नहीं सकता है।