अयोध्‍या में सिर्फ राम मंदिर है कोई मस्जिद नहीं, शिया वक्‍फ बोर्ड के इस बयान को समझिए

यूपी शिया वक्‍फ बोर्ड के अध्‍यक्ष वसीम रिजवी ने बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि अयोध्‍या में सिर्फ राम मंदिर है वहां कोई मस्जिद है ही नहीं।

New Delhi Oct 31 : राम मंदिर का मसला एक बार फिर गरमाया हुआ है। बेशक ये मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित हो लेकिन, अदालत के बाहर भी इसे सुलझाने की लगातार कोशिशें चल रही हैं। इस बीच उत्‍तर प्रदेश सेंट्रल शिया वक्‍फ बोर्ड का बड़ा बयान सामने आया है। जिसमें शिया वक्‍फ बोर्ड के अध्‍यक्ष वसीम रिजवी ने कहा कि अयोध्‍या में सिर्फ राम मंदिर है वहां पर कोई मस्जिद नहीं है। वसीम रिजवी के इस बयान को समझने की जरूरत है। हो सकता है कि मुसलमानों के दूसरे पक्ष को वसीम रिजवी के इस बयान पर आपत्ति हो। लेकिन, शिया वक्‍फ बोर्ड लंबे समय से राम मंदिर और बाबरी मस्जिद के विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाना चाहता है। इससे पहले वक्‍फ बोर्ड सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर भी ये कह चुका है कि अगर अयोध्‍या में विवादित स्‍थल पर राम मंदिर बनता है तो उन्‍हें कोई दिक्‍कत नहीं है। मस्जिद को दूसरी जगह शिफ्ट किया जा सकता है।

Advertisement

अगर यूपी सेंट्रल वक्‍फ बोर्ड और उसके अध्‍यक्ष वसीम रिजवी राम मंदिर को लेकर इस तरह की बातें करते हैं तो मतलब साफ है कि देश बड़े परिवर्तन की ओर आगे बढ़ रहा है। हर कोई चाहता है कि देश की जनता मंदिर और मस्जिद के झगड़े से बाहर निकलकर शांतिपूर्ण माहौल में रहे। ऐसे में वसीम रिजवी के बयान के स्‍वागत किया जाना चाहिए। लेकिन, इसमें कोई शक नहीं है कि मुसलमानों का एक वर्ग यूपी शिया वक्‍फ बोर्ड और वसीम रिजवी के बयान का विरोध जरूर करेगा। बहरहाल ये देश का लोकतंत्र है। विरोध जरूरी है। लेकिन, इन सब के बीच आध्‍यात्मिक गुरू श्रीश्री रविशंकर ने अपनी ओर से राम मंदिर के विवाद को सुलझाने के लिए मध्‍यस्‍थता की पहल कर दी है। इसी पहल के चलते ही मंगलवार को वसीम रिजवी ने श्रीश्री रविशंकर से मुलाकात कर ये बड़ा बयान दिया था। जो देश में सियासी हंगामा मचाने के लिए काफी है।

Advertisement

वसीम रिजवी और श्रीश्री रविशंकर की ये मुलाकात बंगलुरू में हुई। दोनों के बीच करीब आधे घंटे तक मुलाकात चली। श्रीश्री से मुलाकात के बाद वसीम रिजवी ने कहा कि जो लोग देश में शांति चाहते हैं वो उनके इस कदम की तारीफ कर रहे हैं। जबकि जो लोग मंदिर और मस्जिद के नाम पर हिंसा चाहते हैं वो इसके खिलाफ हैं। वसीम रिजवी ने कहा कि अयोध्‍या में कोई मस्जिद नहीं है। वहां सिर्फ मंदिर ही है। वसीम रिजवी ने कहा कि वहां पर कई मस्जिदें हैं जहां पर नमाज पढ़ी जा सकती है। श्रीश्री से मुलाकात के बाद उन्‍होंने ये भी कहा कि मंदिर और मस्जिद के नाम पर झगड़े नहीं होने चाहिए। उनका कहना है कि कुछ मौलवियों को छोड़कर बाकी सभी लोग इस मसले का समाधान चाहते हैं। वसीम रिजवी ने यहां पर ये भी साफ कर दिया है कि वो ये बातें शिया वक्‍फ बोर्ड की ओर से कर रहे हैं। यानी उनके इस बयान को निजी ना लिया जाए।

Advertisement

वसीम रिजवी ने कहा कि ये शिया वफ्फ बोर्ड ही तय करता है कि मस्जिद कहां बनेगी। उनका कहना है कि हमने अयोध्‍या में सभी पक्षों से मुलाकात की है उसने बात की है। इस मुलाकात के बाद उन्‍होने उम्‍मीद जताई कि ये विवाद जल्‍द ही सुलझा लिया जाएगा और 2018 तक मंदिर के निर्माण का काम भी शुरु हो जाएगा। श्रीश्री रविशंकर भी इस मुद्दे पर सभी पक्षकारों से बात करेंगे और विवाद का हल निकालेंगे। इससे पहले श्रीश्री रविशंकर ये कह चुके हैं कि राम मंदिर और बाबरी मस्जिद के विवाद में इस वक्‍त एक ऐसे मंच की जरूरत है जहां पर दोनों समुदाय के लोग आपसी भाईचारा दिखाकर अपनी बात रख सकें। 13 साल पहले भी श्रीश्री रविशंकर की ओर से कुछ इसी तरह की पहल की गई थी। लेकिन, उस वक्‍त हालात कुछ और थे आज देश के हालात और हैं। कुछ लोगों को छोड़कर हर कोई ये चाहता है कि राम मंदिर और बाबरी मस्जिद का विवाद जल्‍द ही सुलझे।