केजरीवाल के ‘पैरोकार’ बनेंगे कांग्रेस वाले पी चिदंबरम

आप भी हैडिंग पढ़कर हैरत में होंगे कि भला कांग्रेस नेता पी चिदंबरम आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के पैरोकार कैसे बन सकते हैं। पर ये सच है।

New Delhi Nov 03 : राजनीति में कुछ भी मुमकिन है। राजनीति का ऊंट किस करवट बैठेगा किसी को पता नहीं होता। अब आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को ही देख लीजिए। जब आम आदमी पार्टी का गठन हुआ था तब लोग कहते थे AAP कांग्रेस की बी टीम है। कांग्रेस वाले आरोप लगाते थे कि AAP हमारी नहीं बल्कि बीजेपी वालों की बी टीम है। इसके बाद जब दिल्‍ली में पहली बार आम आदमी पार्टी की सरकार बनी तो केजरीवाल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था। 70 विधानसभा में महज 28 सीटों पर केजरीवाल की पार्टी ने जीत दर्ज की थी। लेकिन, आठ सीटें लाकर कांग्रेस पार्टी ने दिल्‍ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनवा दी। केजरीवाल की पार्टी को बाहर से समर्थन दे दिया। लेकिन, दिखावा यही करते रहे कि कांग्रेस और आप दोनों ही धुरविरोधी हैं। ये बात तो आई गई हो गई। लेकिन, अब कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता और पूर्व केंद्रीय वित्‍त मंत्री पी चिदंबरम केजरीवाल के पैरोकार बनने जा रहे हैं।

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जी हां इन दिनों दिल्‍ली में अधिकारों की जंग का मामला छाया हुआ है। दिल्‍ली सरकार और उपराज्‍यपाल के बीच अधिकारों की ये लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक में जा पहुंची है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट अभी गुरुवार को ही ये साफ कर चुका है कि दिल्‍ली का असली बॉस एलजी ही है। हालांकि अभी इस केस की सुनवाई जारी है। ऐसे हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट से भी अपने हाथ से ये मामला निकलता देख केजरीवाल ने पी चिदंबरम पर भरोसा जता दिया है। दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल चाहते हैं कि इस केस में दिल्‍ली सरकार का पक्ष कांगेस के वरिष्‍ठ नेता और मशहूर वकील पी चिदंबरम सुप्रीम कोर्ट में रखें। केजरीवाल सरकार ने चिदंबरम को अपना पैराकार बनाने का फैसला किया है। पी चिदंबरम अब उन नौ वकीलों में से एक होंगे, जो पांच जज वाली सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के समक्ष दिल्ली सरकार का पक्ष रखेंगे। चिदंबरम भी इस पैरोकारी के लिए तैयार हैं। वो कहते हैं कि मुझे नहीं लगता है संविधान ने एलजी को सुप्रीम बनाया है।

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दिल्‍ली सरकार के प्रवक्‍ता का भी यही कहना है कि पी चिदंबरम उनकी सरकार के लिए फायदेमंद साबित होंगे। चिदंबरम ना सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के बड़े वकील हैं बल्कि संविधान के जानकार भी हैं। ऐसे में सवाल ये उठ रहे हैं कि क्‍या आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच कोई डील हुई है। या फिर ये बात सिर्फ पी चिदंबरम तक ही सीमित है। वो एक प्रोफेशनल के तौर पर इस केस में आम आदमी पार्टी की सरकार से जुड़ रहे हैं और उसका केस सुप्रीम कोर्ट में लड़ेंगे। आम आदमी पार्टी भी यही कहती है कि पी चिदंबरम सच्‍चे प्रोफेशनल हैं। इस केस का राजनीति से कोई लेना देना नहीं होगा। यहां पर ये बताना भी बहुत जरूरी है कि केजरीवाल ने उस वक्‍त पी चिदंबरम पर करारा वार किया था जब वो दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री नहीं थे। उन्‍होंने पी चिदंबरम और यूपीए की सरकार पर बतौर भ्रष्टाचार-विरोधी कार्यकर्ता के तौर पर हमला किया था।

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केजरीवाल ने चिदंबरम पर भ्रष्‍टाचार के आरोप लगाए थे। आज वही पी चिदंबरम आम आदमी पार्टी के लिए बड़े प्रोफेशनल हो गए हैं। हालांकि कांग्रेस पार्टी की ओर से इस बार भी केजरीवाल और उनकी पार्टी पर कटाक्ष किया गया है। पूर्व राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्‍ठा मुखर्जी ने ट्वीट किया और लिखा कि “चिदम्बरम जी को सबसे भ्रष्ट और जनविरोधी बताने के बाद बेशर्म आम आदमी पार्टी उनकी सेवाएं हासिल करना चाहती है। क्या अरविंद केजरीवाल उन्हें केस के बारे में जानकारी देने गए थे ?” केजरीवाल सरकार की ओर से इस वक्‍त गोपाल सुब्रमण्‍यम सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष और तर्क रख रहे हैं। लेकिन, अदालत के सामने उनके पक्ष और तर्क काम नहीं आए। देखते हैं कि पी चिदंबरम इस केस में क्‍या कमाल दिखाते हैं। क्‍या वो दिल्‍ली का संवैधानिक बॉस बदलवा पाएंगे ? जानने के लिए इंतजार कीजिए मंगलवार का।