गुजरात में मुस्लिम जिताएंगे बीजेपी को, यूपी में तैयार हुआ ‘प्‍लान मुसलमान वाला’

विपक्ष हमेशा से बीजेपी को मुस्लिम विरोधी करार देता रहा है। लेकिन, गुजरात और यूपी के मुसलमानों ने ही विपक्ष के इस भ्रम को तोड़ना शुरु कर दिया है।

New Delhi Nov 06 : इस बार गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी उम्‍मीद लगाए बैठे हुए हैं कि शायद उनकी पार्टी का भला हो जाए। लेकिन, ऐसा होता हुआ नजर नहीं आ रहा है। जिन मुसलमानों को बीजेपी का विरोधी माना जाता था आज वही मुसलमान बीजेपी के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। गुजरात इलेक्‍शन में भी इस बार प्रदेश के मुस्लिम वोटर बीजेपी की जीत को सुनिश्चित कराते हुए नजर आ रहे हैं। इसकी बहुत बड़ी रणनीति यूपी में भी तय कर दी गई। जिसका सीधा असर गुजरात चुनावों में पड़ता हुआ दिखाई दे रहा है। ऐसे में मुसलमानों को लेकर विपक्ष का झूठ भी काम नहीं आ रहा है। इसके साथ ही मुस्लिम वोटरों ने भी तय कर लिया है कि वो अब कांग्रेस और दूसरे दलों को ये दिखा देंगे कि वो सिर्फ वोट बैंक नहीं हैं। दरसअल, मुसलमानों को आज तक विपक्ष ने सिर्फ बीजेपी के नाम डराया है और उन्‍हें वोट बैंक के तौर पर इस्‍तेमाल किया है।

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लेकिन, बीजेपी की रणनीति के आगे विपक्ष की पूरी की पूरी प्‍लानिंग फेल नजर आ रही है। पार्टी की ये प्‍लानिंग यूपी होते हुए गुजरात पहुंचेगी। दरअसल, इस वक्‍त देश में तीन जगहों पर चुनावी शोर मचा हुआ है। गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा के चुनाव हैं। जबकि उत्‍तर प्रदेश में नगर निगम के चुनाव हो रहे हैं। एक राज्‍य के चुनाव की प्‍लानिंग दूसरे राज्‍य पर जरूर पड़ेगी। अब यूपी के नगर निकाय के चुनावों को ही ले लीजिए। इस वक्‍त यूपी के इन निकाय चुनावों में बीजेपी का टिकट पाने के लिए मुसलमानों में होड़ मची हुई है। हर जगह से मुस्लिम नेता बीजेपी के टिकट पर चुनाव लडना चाहते हैं। भारतीय जनता पार्टी को भी कई जगहों पर मुस्लिम जिताऊ चेहरा दिख रहा है। इसलिए बीजेपी ने मुस्लिम नेताओं को दिल खोकर टिकट देना शुरु कर दिया है। जिसका असर साफ तौर पर गुजरात विधानसभा चुनावों में भी देखने को मिलेगा।

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बीजेपी ने उत्तर प्रदेश के निकाय चुनावों में कई जिलो में मुस्लिम चेहरों पर दांव लगाया है। लखनऊ जैसे प्रमुख क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी ने चार मुस्लिम नेताओं को निकाय चुनाव के लिए अपना उम्‍मीदवार बनाया है। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में तीन मुसलमानों को बीजेपी ने निकाय चुनाव का टिकट दिया है। लखनऊ में तो बीजेपी ने दो मुस्लिम महिलाओं को भी अपना उम्‍मीदवार बनाया है। जिसमें जहां और रिजवाना बानो शामिल हैं। बनारस में भी जिन तीन मुसलमानों को बीजेपी ने टिकट दिया है उसमें दो महिला उम्‍मीदवार हैं। लखनऊ और बनारस के अलावा मेरठ, बिजनौर, कासगंज में भी बीजेपी ने मुस्लिम उम्‍मीदवारों को टिकट दिया है। इसके अलावा प्रदेश के जो इलाके मुस्लिम बाहुल्‍य हैं वहां पर भी बीजेपी ने मुसलमान उम्‍मीदवार ही उतारने का फैसला किया है। भारतीय जनता पार्टी गुजरात निकाय चुनाव में भी ये फार्मूला अपना चुकी है।

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जाहिर है कि यूपी में बीजेपी जितने ज्‍यादा मुसलमानों को टिकट देगी। इसका उतना ही ज्‍यादा असर गुजरात पर पड़ेगा। इससे पहले भी ये बात सामने आ चुकी है कि यूपी और दूसरे राज्‍यों के मुस्लिम धर्मगुरुओं ने फैसला किया है कि वो गुजरात में भारतीय जनता पार्टी के लिए प्रचार करेंगे। इसमें खासतौर पर शिया मुस्लिम धर्म गुरु होंगे। जाहिर है ये मुसलमानों का ये बीजेपी प्रेम विपक्ष को फूटी आंख नहीं सुहाएगा। लेकिन, हालात बदल रहे हैं। हर किसी की सोच भी बदल रही है। मुस्लिम समुदाय भी जागरुक हो रहा है। उसे भी अब ये एहसास होने लगा है कि वो द शकों तक राजनैतिक पार्टियों के हाथ की कठपुतली बनकर ही रहे हैं। उन्‍हें हमेशा बीजेपी का खौफ दिखाकर ठगा जाता रहा। लेकिन, अब ये सब नहीं होगा। गुजरात में भी इसका जवाब दिया जाएगा और यूपी में भी। हालांकि यूपी में इससे पहले भी विधानसभा चुनाव में मुस्लिम समुदाय ने बीजेपी के समर्थन में ही वोट किया था। तब भी फतवे धरे के धरे ही रह गए थे।