मनमोहन सिंह भी पीएम थे राहुल गांधी, उनकी गरिमा के बारे में क्या ख्याल है

राहुल गांधी कहते हैं कि वो पीएम पद की गरिमा का सम्मान करते हैं, इसलिए विकास पागल हो गया नारे का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं, क्या सच में

New Delhi, Nov 14: लो भाई, राहुल गांधी का झूठ पकड़ा गया, गुजरात में घूम घूम कर पीएम मोदी पर हमला करने वाले उनको झूठा साबित करने की कोशिश करने वाले राहुल अब पीएम पद की गरिमा के सम्मान की बात करते हैं। ये तो गजब ही हो गया, विकास पागल हो गया है इस नारे के दम पर कांग्रेस बीजेपी को कुछ हद तक घेरने में कामयाब रही है, लेकिन अब वो इस नारे का इस्तेमाल नहीं कर रही है। क्यों नहीं कर रही है इसका जवाब राहुल ने दिया है, उनका कहना है कि वो पीएम पद की गरिमा का ध्यान रखते हुए इस नारे का प्रयोग नहीं कर रहे हैं। ये राहुल का झूठ है जो अब सामने आ गया है। दरअसल कांग्रेस की इस रणनीति के जवाब में बीजेपी ने विकास को गुजराती अस्मिता से जोड़ दिया। बीजेपी के काउंटर कम्पेन से कांग्रेस को अपनी रणनीति बदलने पर मजबूर होना पड़ गया।

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राहुल गांधी कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने विकास को गुजराती अस्मिता से जोड़ दिया है. इसलिए वो इस नारे का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। ऐसा करके वो प्रधानमंत्री पद की गरिमा का सम्मान कर रहे हैं। अब पीएम मोदी ने विकास को गुजरात और गुजरात को विकास बता दिया तो वो प्रधानमंत्री की बात को कैसे गलत कह सकते हैं, लिहाजा प्रधानमंत्री पद की गरिमा का सम्मान करते हुए विकास पागल हो गया नारे का प्रयोग बंद कर दिया। इस पूरी बात में प्रधानमंत्री पद की गरिमा शब्द स्ट्राइक करता है। गुजरात चुनाव में अब तक राहुल कई बार मोदी को झूठा साबित करने की कोशिश कर चुके हैं। उस समय उनको पीएम पद की गरिमा का ख्याल नहीं आया था।

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नरेंद्र मोदी तो बीजेपी के हैं, जो प्रधानमंत्री पद पर हैं, जिसकी गरिमा का सम्मान राहुल करने की बात कर रहे हैं। लेकिन मनमोहन सिंह तो कांग्रेस के ही थे, वो भी प्रधानमंत्री थे, 10 साल तक वो प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठे रहे, उनका सम्मान राहुल ने क्यों नहीं किया। जिस समय राहुल ने दागियों को बचाने वाला बिल फाड़ा था उस समय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ही थे, उस समय राहुल को प्रधानमंत्री पद की गरिमा का ख्याल नहीं आया था। राहुल ना पहले सरकार का हिस्सा थे, ना अब सरकार का हिस्सा हैं, फर्क इतना है कि यूपीए के दौरान वो अघोषित तौर पर सरकार चला रहे थे। उस समय कैबिनेट के फैसले को उन्होंने पत्रकारों के सामने फाड़ दिया था। जैसे मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री ना हो कर 10 जनपथ के कर्मचारी हों।  

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राहुल गांधी झूठ बोल रहे हैं कि उन्होंने प्रधानमंत्री पद की गरिमा का सम्मान करने के लिए विकास पागल हो गया है नारे का इस्तेमाल बंद किया है। दरअसल बीजेपी की रणनीति के कारण कांग्रेस को मजबूर होना पड़ा। पीएम मोदी ने गुजरात में अपनी यात्राओं के दौरान मैं विकास हूं, मैं गुजरात हूं का नारा दिया तो कांग्रेस बैकफुट पर आ गई। ये बीजेपी की चाल थी जिसके कारण कांग्रेस का दांव उल्टा पड़ गया। राहुल भले की नए तेवर में दिख रहे हैं, लेकिन उनको अपनी पुरानी बातें भी याद रखनी चाहिए। प्रधानमंत्री पद की गरिमा को लेकर बात करने वाले राहुल को मनमोहन सिंह याद नहीं आते हैं। जिनकी गरिमा यूपीए सरकार के दौरान तार-तार हो गई थी। ईमानदार और साफ छवि का होने के बाद भी मनमोहन के दामन पर न जाने कितने घोटालों के छींटे पड़े हैं।