पद्मावती विवाद पर कांग्रेस के दो नेता आपस में भिड़े, इतिहास पढ़ने की दी नसीहत

पद्मावती विवाद को लेकर कांग्रेस के दो बड़े नेता आपस में ही भिड़ गए हैं। इस से सोशल मीडिया पर कांग्रेस की किरकिरी हो रही है।

New Delhi, Nov 17: एक फिल्म के कारण सियासत किस कदर प्रभावित होती है इसका ताजा उदाहरण पद्मावती है। ये फिल्म संजय लीला भंसाली ने जितनी मेहनत से बनाई है उतने ही विवाद इसके साथ जुड़ते जा रहे हैं। पद्मावती विवाद के कारण विरोध इतना तेज हो गया है कि पहली बार चित्तौड़गढ़ के किले को पर्य़टकों के लिए बंद करना पड़ा है। वहीं इस पर हो रही सियासत में अब एक पार्टी के दो नेता आपस में भिड़ गए हैं. दरअसल सोशल मीडिया पर पद्मावती के समर्थक और उसके विरोधी लगातार बयानबाजी कर रहे हैं। कई नेताओं ने फिल्म का समर्थन किया है। इन्ही में शशि थरूर का नाम भी शामिल है। थरूर ने पद्मावती को लेकर एक ट्वीट किया था। जिस पर अब कांग्रेस में घमासान मच गया है।

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पहले आपको ये बताते हैं कि थरूर ने कहा कया था। उन्होंने कहा था कि असलियत तो ये है कि इन तथाकथित महाराजाओं में हर एक जो आज मुंबई के एक फिल्मकार के पीछे हाथ धोकर पडे हैं, उन्हें उस समय अपने मान सम्मान की कोई चिंता नहीं थी जब अंग्रेज इनके मान-सम्मान को पैरों तले रौंद रहे थे. वे खुद को बचाने के लिए भाग खड़े हुए थे. तो इस सच्चाई का सामना करो। शसि थरूर का ये बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। कई यूजर्स ने उनको घेरना शुरू कर दिया। इसी पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी मौज ले ली। उन्होंने थरूर के बयान को कोट करते हुए कांग्रेस के नेताओं से सवाल किया कि क्या वो इस से सहमत हैं। ईरानी ने जिन नेताओं का जिक्र किया उनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिग्गी राजा, कैप्टन अमरिंदर सिंह शामिल हैं।

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जाहिर है कि स्मृति ईरानी ने थरूर को उनके ही ट्वीट पर घेर लिया था। अब इसी को लेकर कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है। थरूर के बयान के जवाब में सामने आए हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया, कांग्रेस के दो दिग्गज नेता पद्मावती विवाद में आमने सामने आ गए हैं। थरूर ने जहां राजा महाराजाओं को कायर बताया था तो वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया ने थरूर को नसीहत दी है कि वो पहले इतिहास पढ़ें कि महाराजाओं की क्या भूमिका थी? साथ ही ऐसी बयानबाजी से बचना चाहिए.सिंधिया के इस बयान के बाद थरूर पर दबाव बढ़ गया है कि वो अपने बयान पर सफाई दें। हालांकि उनकी कोई भी कोशिश अब कारगर साबित नहीं होने वाली है। कांग्रेस के दो बड़े नेता एक मुद्दे पर भिड़ गए, ये सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया है।

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बता दें कि पद्मावती विवाद लगातार बढ़ता ही जा रही है, करणी सेना ने धमकी दी है कि वो फिल्म को रिलीज नहीं होने देंगे। वहीं केंद्र सरकार के भी कई मंत्रियों जिनमें उमा भारती और नितिन गडकरी शामिल हैं, ने संजय लीला भंसाली पर अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर लोगों की भावनाएं भड़काने का आरोप लगाया है। वहीं कांग्रेस का कहना है कि अगर इस तरह के हालात पैदा होते हैं तो उसे संभालने की जिम्मेदारी सूचना प्रसारण मंत्रालय की होती है। किसी की भावना आहत हो रही है तो सरकार को उस पक्ष और फिल्म जगत के साथ बैठकर समस्या का समाधान निकालना चाहिए। बहरहाल पद्मावती फिल्म का विवाद अपनी जगह है लेकिन उसके कारण कांग्रेस के दो बड़े नेता आपस में ही भिड़ गए, जिस से कांग्रेस की किरकिरी हो रही है।