सवा लाख लोगों को मार चुका है पाकिस्तान का ‘गंध’ वाला आतंकवाद
पाकिस्तान अपने भीतर कोई सुधार नहीं ला रहा है। आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले पाक के सामने अब एक नई चुनौती आ गई है। जानिए क्या है पूरा मामला।
New Delhi Nov 17 : पाकिस्तान हमेशा से आतंकवाद को बढ़ावा देता रहा है। आतंकवादियों के लिए पाकिस्तान को स्वर्ग माना जाता है। इस्लामाबाद ना सिर्फ आतंकवाद को पालता पोसता है बल्कि उसे फंडिंग भी करता है। लेकिन, इसी आतंकवाद के चलते हर साल कई पाकिस्तानियों को अपनी जान भी गंवानी पड़ती है। जाहिर सी बात है कि अगर सांप को दूध पिलाया जाएगा तो इस बात कि कोई गारंटी नहीं होती है कि दूध पिलाने वाले को सांप नहीं काटेगा। आस्तीन के सांप वाली कहावत भी पाकिस्तानी आतंकियों पर एकदम सटीक बैठती है। फिर भी इस्लामाबाद ने अपनी आंखे आतंकवाद पर मूंद रखी हैं। इस्लामाबाद की सरकार पर आतंकवाद की ऐसी पट्टी बंधी है कि उसे अपने मुल्क की दूसरी बड़ी समस्याएं भी नहीं दिख रही हैं। जबकि पूरे पाकिस्तान में इस वक्त जहरीली गंध फैल चुकी है। पाकिस्तान के भीतर जहरीली हवाएं अब तक हजारों लोगों की जान ले चुकी है।
एक आंकड़े के मुताबिक पाकिस्तान में पिछले एक साल में करीब सवा लाख लोग सिर्फ प्रदूषण की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं। पाकिस्तान में मरने वालों का ये आंकड़ा आतंकवादी घटनाओं में मरने से कहीं ज्यादा हैं। पाकिस्तान का ये गंध वाला आतंकवाद हर रोज किसी ना किसी की जिदंगी को निगल रहा है और पाकिस्तान की सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। आप सोच रहे होंगे कि इस तरह के हालात तो भारत में भी हैं तो फिर हम पाकिस्तानी सरकार को क्यों कोस रहे हैं। तो जान लीजिए कि हम पाकिस्तान को क्यों कोस रहे हैं। वहां की सरकार को क्यों प्रदूषण के प्रति सचेत करना चाहते हैं। दरअसल, भारत और पाकिस्तान की सरकारें सीमाओं पर तो नियंत्रण लगा सकती हैं लेकिन, हवाओं पर किसी का जोर नहीं होता है। अब जरा सोचिए कि पाकिस्तान की जो गंदी हवा वहां पर हर साल सवा लाख लोगों की जान ले रही है क्या उसे भारत में आने से रोका जा सकता है। हरगिज नहीं।
अभी दिल्ली स्मॉग से जूझ चुकी है। उस वक्त पाक के पंजाब प्रांत की सरकार ने भी पंजाब सरकार को पराली ना जलाने को लेकर नसीहत दी थी। साथ ही अरविंद केजरीवाल की सरकार के कदमों का भी समर्थन किया था। लेकिन, भारत को नसीहत देने वाले पाकिस्तान को पहले अपने यहां की गंध महसूस करनी चाहिए। क्योंकि जो हवा पंजाब और हरियाणा से होती हुई दिल्ली पहुंचती है वहीं हवा पाकिस्तान से होती हुई पंजाब आती है। पाक में लाहौर की सबसे बुरी स्थिति है। हवा में मौजूद धूल के कण जानलेवा होते जा रहे हैं। WHO की रिपोर्ट बताती है कि प्रदूषण की वजह से सबसे ज्यादा मौत के मामलो में पाकिस्तान तीसरे पायदान पर है। गेट्स फाउंडेशन के रिसर्च इंस्टीट्यूट के आंकड़े कहते हैं कि हर साल प्रदूषण की वजह से सवा लाख पाकिस्तानियों जान जाती है। जबकि आतंकी हमलों में पाक में हर साल करीब साठ हजार लोग मरते हैं।
यानी आतंकी वारदात और गतिविधियों में पाक में जितने लोगों की मौत होती है उससे चार गुना ज्यादा जान तो जहरीली गंध ही ले लेती है। पाकिस्तानी लोगों का भी यही मानना है कि मुल्क के हालात आतंकी गतिविधियों से भी ज्यादा खतरनाक हो चुके हैं। आतंकवादियों के हथियारों से ज्यादा खतरनाक यहां का प्रदूषण है। विपक्ष भी लगातार ये मांग कर रहा है कि इस पर शाहिद खाकन अब्बासी की सरकार एक्शन ले और जल्द ले। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार के आंकड़े बताते हैं कि वहां के नौ सरकारी अस्पतालों में हर रोज करीब एक हजार लोग सांस की बीमारी लेकर पहुंचते हैं। लेकिन, इन सब के बाद भी इस्लामाबाद सक्रिय नहीं है। हाथ पर हाथ धरे बैठा है। या तो इस्लामाबाद के लिए ये मसला गंभीर नहीं है या फिर उसे समझ ही नहीं आ रहा है कि असल में करना क्या है? प्रदूषण से निजात पाई कैसे जाए ?