अमेरिकी एक्सपर्ट ने माना, चीन के सामने खड़े होने वाले इकलौते नेता हैं नरेंद्र मोदी

दुनिया में भारत का कद अगर बढ़ रहा है तो इसके लिए नरेंद्र मोदी को श्रेय देना चाहिए, अमेरिकी एक्सपर्ट का भी मानना है कि चीन के सामने केवल मोदी ही खड़े दिख रहे हैं।

New Delhi, Nov 17: दुनिया में चीन की बढ़ती ताकत से कुछ देश हैरान हैं तो कुछ परेशान हैं। इसका कारण ये है कि चीन जितना ताकतवर होता जाएगा उतना ही शक्ति संतुलन बिगड़ता जाएगा। वैश्विक स्तर पर फिलहाल शक्ति संतुलन पश्चिमी देशों के हाथ में हैं। एशिया में चीन के सामने कोई देश नहीं है। एशिया के बाद वो पूरी दुनिया को अपनी ताकत दिखाना चाह रहा है। तकनीक के क्षेत्र में चीन लगातार नए नए कारनामे कर रहा है। इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में भी चीन बहुत आगे बढ़ गया है। अब वो पूरी दुनिया पर अपनी छाप छोड़ रहा है। उसके इस सपने के सामने दीवार बन कर कोई खड़ा है तो वो हैं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। टॉप अमेरिकी एक्सपर्ट का ये मानना है।

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दरअसल चीन जिस तरह से अपनी ताकत का प्रदर्शन कर रहा है उस से कई देश असहज हो रहे हैं। चाहे चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा हो या फिर वन बेल्ट वन रोड प्रोजेक्ट हो, वो दुनिया के सामने ये जताना चाह रहा है कि वो महाशक्ति बन चुका है। उसके इन प्रजेक्ट के खिलाफ कई देश हैं लेकिन बोलने का साहस कोई नहीं कर पा रहा है। ऐसे में केवल पीएम नरेंद्र मोदी ही चीन के सामने खड़े हैं। अमेरिका के एक्सपर्ट का मानना है कि अमेरिका भी चीन के इस प्रोजेक्ट को लेकर चुप्पी साधे हुए है. जबकि सभी को ये पता है कि इस के निर्माण के बाद चीन का दबदबा कई गुना बढ़ जाएगा। ये बातें अमेरिका के प्रतिष्ठित थिंक-टैंक हडसन इंस्टिट्यूट के सेंटर ऑन चाइनीज स्ट्रैटिजी के डायरेक्टर माइकल पिल्स्बरी ने कही हैं।

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माइकल पिल्सबरी ने ये बातें अमेरिकी सांसदों के सामने कहीं हैं। उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री मोदी और उनकी टीम चीन के इस प्रोजेक्ट के खिलाफ शुरू से ही मुखर रही है। उन्होंने कहा कि भारत ने ऐसा इसलिए किया है क्योंकि चीन का ये प्रोजेक्ट भारत की संप्रुभता के खिलाफ है। भारत की सुरक्षा को खतरा होने के कारण भारत शांत नहीं रहा और उसने मुखरता से इसका विरोध किया। वन बेल्ट वन रोड प्रोजेक्ट का हिस्सा चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा भी है. जो पाक अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरने वाला है। इसका विरोध भारत शुरू से कर रहा है। माइकल ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को भी आड़े हाथों लिया है। उनका कहना है कि चीन की महत्वकांक्षा पर अमेरिका का चुप्पी भारी पड़ सकती है।

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प्लिसबरी ने कहा कि वन बेल्ट वन रोड परियोजना को शुरू हुए पांच साल हो गए हैं। अभी तक अमेरिका की सरकार इस पर खामोश रही है। अमेरिकी एक्सपर्ट का ये कहना है कि चीन के सामने केवल मोदी खड़े हैं वो मोदी के कद को दिखा रहा है। अब दुनिया भर के थिंक टैंक ये मान रहे हैं कि चीन को रोकने का काम केवल भारत कर सकता है। बता दें कि वन बेल्ट वन रोड प्रोजेक्ट के जरिए चीन दुनिया के दूसरे हिस्सों को जोड़ते हुए आर्थिक कॉरिडोर बनाना चाहता है। इसी प्रोजेक्ट का हिस्सा लगभग 40 अरब डॉलर से बन रहा CPEC भी है. जिसका विरोध भारत शुरू से कर रहा है। हाल ही में हुए आसियान सम्मेलन के दौरान भी चीन की विस्तारवादी नीति को लेकर चर्चा हुई थी। खास बात ये है कि उस चर्चा में भी भारत केंद्र में था। यानि चीन के खिलाफ कोई भी रणनीति बिना भारत के नहीं सफल हो सकती है।