बहुत बड़ी खबर : कश्‍मीर में दस्‍तक दे चुका है ISIS, ली पहले हमले की जिम्‍मेदारी

ये खबर देश की सुरक्षा एजेंसियों को परेशान करने वाली है लेकिन, ये सच है कि कश्‍मीर में ISIS के आतंकियों ने भी अपनी दस्‍तक दे दी है।

New Delhi Nov 19 : कश्‍मीर में अब तक मुख्‍य रुप से पाकिस्‍तान के आतंकी संगठन ही सक्रिय थे लेकिन, अब जो खबर सामने आई है उसके मुताबिक ISIS के आतंकियों ने भी अब घाटी में डेरा जमाना शुरु कर दिया है। शुक्रवार को श्रीनगर के जकूरा में पुलिस स्‍टेशन पर आतंकी हमला हुआ था। ISIS ने पहली बार ये दावा किया है कि जकूरा पुलिस स्‍टेशन पर हमला उसी के आतंकी ने किया था। जिसका फोटो भी सोशल मीडिया पर जारी किया गया है। ISIS ने जकूरा पुलिस स्‍टेशन पर हमले की जिम्‍मेदारी अपनी ऑफिशियल वेबसाइट एहमाक पर अरबी भाषा में लिखते हुए ली है। इस आतंकी हमले में एक सब इंस्‍पेक्‍टर शहीद हो गए थे। जबकि एक एसपीओ गंभीर रुप से घायल हो गया था। जिसका इलाज श्रीनगर के ही अस्‍पताल में चल रहा है। हालांकि इस हमले के बाद एक आतंकवादी की लाश पास के ही बाग से बरामद भी की गई थी।

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इस हमले के बाद ISIS ने अपनी ऑफिशियल वेबसाइट एहमाक पर ये दावा किया कि ये हमला उसी के संगठन के आतंकी की ओर से कराया गया था। दरसअल, इस वक्‍त कश्‍मीर में लश्‍कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन और जैश-ए-मोहम्‍मद के आतंकी मुख्‍य रुप से सक्रिय हैं। लेकिन, कुछ दिनों से कश्‍मीर में ISIS और अलकायदा जैसे अंतरराष्‍ट्रीय आतंकी संगठनों ने भी अपने पांव यहां पर पसारने शुरु कर दिए हैं। कश्‍मीर में अलकायदा ने मूसा कश्‍मीरी को घाटी की कमान सौंपी है। मूसा कश्‍मीरी पहले हिजबुल मुजाहिद्दीन का कमांडर हुआ करता था। लेकिन, बाद वो हिजबुल से अलग होकर उसने अपना नया आतंकी संगठन खड़ा कर लिया था। जिसका नाम गजावत-उल-हिंद है। खुफिया विभाग को जानकारी मिली है कि मूसा कश्‍मीरी के आतंकी संगठन गजावत-उल-हिंद को अलकायदा का पूरा सपोर्ट है। ये अलकायदा समर्थित संगठन है।

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लेकिन, अब पहली बार ISIS की भी धमक घाटी में सुनाई पड़ी है। जो सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के लिए चिंता की बात है। अभी हाल ही में कश्‍मीर में खुफिया विभाग के लोगों ने पाकिस्‍तान के एक ट्विटर हैंडल को ट्रैक किया था। जिसने ये दावा किया था कश्‍मीर में ISIS का पहला ग्रुप बनकर तैयार हो चुका है। इससे पहले भी कई मौकों पर कई आतंकियों के शवों को इस्‍लामिक स्‍टेट के झंडे में लपेटा जा चुका है। कई बार प्रदर्शन के दौरान भी लोगों ने इस्‍लामिक स्‍टेट के झंडों को लहराया है। खुफिया विभाग घाटी के ISIS कनेक्‍शन को तलाश रही है। जाकिर मूसा भी ISIS का सपोर्ट करता है। कश्‍मीर में कई जगहों पर नो हुर्रियत ओनली शरीयत के नारे भी लगाए जा रहे हैं। इस तरह के नारे वाले वीडियो भी मूसा कश्‍मीरी की ओर से सोशल मीडिया पर रिलीज किए गए हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्‍या अलकायदा समर्थित मूसा कश्‍मीरी ही कश्‍मीर में ISIS का भी हैंडलर बन गया है।

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दरअसल, कश्‍मीर में ISIS और पाकिस्‍तान के आतंकी संगठन युवाओं को सोशल मीडिया के जरिए भड़काकर अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। कश्‍मीर के युवाओं से ये आतंकी संगठन के लोग कश्‍मीर की आजादी के नाम पर हथियार उठाने की बात करते हैं और उन्‍हें आतंकवाद के रास्‍ते पर चलने के लिए उकसाते हैं। वैसे भी ISIS को वुल्‍फ अटैक का भी मास्‍टरमाइंड माना जाता है। इस तरह केस में भी वो सोशल मीडिया से जुड़े कट्टरपंथी लोगों को हमले के लिए तैयार करता है। जिसमें लोगों को खुद ही हमले की पूरी प्‍लॉनिंग कर उसे अंजाम तक पहुंचाना होता है। इसमें ISIS का एक रुपया तक खर्च नहीं होता है और ना ही किसी तरह का कोई रिस्‍क रहता है। बहरहाल, कश्‍मीर की हर गतिविधि पर इस वक्‍त गृहमंत्रालय और खुफिया विभाग की पैनी नजर है। इंडियन आर्मी का भी यही कहना है कि वो हर परिस्थितियों से निपटने के लिए हैं। चाहें ISIS या हो लश्‍कर, जिसका आतंकी उसे मिलेगा वो मारा जाएगा।